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  • पापा! दर्द बर्दाश्त नहीं हो रहा: 8 घंटे इंतजार के बाद कनाडा के अस्पताल में भारतीय ने तोड़ा दम

    ओटावा: कनाडा में एक भारतीय मूल के व्यक्ति ने इलाज के लिए कम से कम आठ घंटे इंतजार करने के बाद दम तोड़ दिया। एडमोंटन में 44 साल के प्रशांत श्रीकुमार ने सीने में तेज दर्द की शिकायत की थी, लेकिन लंबा इंतजार करने के बाद भी उन्हें इलाज नहीं मिल सका। आशंका जताई गई


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    By Azad Hind Desk दिसम्बर 25, 2025
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    ओटावा: कनाडा में एक भारतीय मूल के व्यक्ति ने इलाज के लिए कम से कम आठ घंटे इंतजार करने के बाद दम तोड़ दिया। एडमोंटन में 44 साल के प्रशांत श्रीकुमार ने सीने में तेज दर्द की शिकायत की थी, लेकिन लंबा इंतजार करने के बाद भी उन्हें इलाज नहीं मिल सका। आशंका जताई गई कि संदिग्ध कार्डियक अरेक्ट से उनकी मौत हो गई। प्रशांत श्रीकुमार तीन बच्चों के पिता थे। प्रशांत ने अपने पिता कुमार श्रीकुमार से कहा था कि वह दर्द बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने अस्पताल के स्टाफ को भी यही बताया।

    डॉक्टरों ने नहीं दिया ध्यान?

    इसके बावजूद अस्पताल स्टाफ ने उन्हें सिर्फ कुछ पेनकिलर मेडिसिन दिया और एक ECG किया। अस्पताल की तरफ से उन्हें बताया गया कि कुछ भी गंभीर नहीं है और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। हालांकि, प्रशांत श्रीकुमार ने बताया था कि उनके दर्द का स्तर 10 में से 15 है। ऐसे में समझा जा सकता है कि प्रशांत को किस हद तक दर्द हो रहा था। इसके बावजूद अस्पताल ने उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया।

    पापा को बताया था दर्द का हाल

    ग्लोबल न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना 22 दिसंबर को हुई। उस दिन प्रशांत ने काम के दौरान सीने में तेज दर्द की शिकायत की। उनके क्लाइंट उन्हें दक्षिण-पूर्व एडमोंटन के ग्रे नन्स अस्पताल ले गए, जहां 44 साल के प्रशांत को पहले ट्रायज में चेक किया गया और फिर वेटिंग रूम में बैठने के लिए कहा गया। थोड़ी देर बाद, उनके पिता कुमार श्रीकुमार अस्पताल पहुंचे। जब प्रशांत इलाज का इंतजार कर रहे थे, तब उन्होंने अपने पिता से कहा, “पापा, मैं दर्द बर्दाश्त नहीं कर सकता।” यह जानकारी खुद प्रशांत के पिता ने दी।

    ECG कर अस्पताल ने दे दी छुट्टी

    प्रशांत ने अस्पताल के स्टाफ को बताया कि उनका दर्द 10 में से 15 था। हालांकि, उन्होंने ECG किया और उन्हें बताया कि कुछ भी गंभीर नहीं है, और उन्हें कुछ टायलेनॉल (दर्द-बुखार निवारक दवा) देकर इंतजार करने के लिए कहा। लंबे इंतजार के घंटों के दौरान, नर्सें उनका ब्लड प्रेशर चेक करती रहीं। प्रशांत के पिता कुमार श्रीकुमार ने कहा, “यह बढ़ता गया, बढ़ता गया, और बढ़ता गया। मेरे लिए, यह बहुत ज्यादा था।”

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