थाईलैंड ने क्या कहा
थाई-कंबोडिया सीमा प्रेस सेंटर ने गुरुवार को भारत के गुस्से को शांत करने के लिए एक बयान जारी किया, जिसमें दावा किया गया कि मूर्ति बाद में लगाई गई थी। इसमें कहा गया, “यह कार्रवाई धर्म, मान्यताओं या किसी पवित्र चीज का अपमान करने के इरादे से नहीं की गई थी, बल्कि यह पूरी तरह से थाईलैंड की संप्रभुता वाले इलाकों पर थाई पक्ष का नियंत्रण फिर से हासिल करने के बाद क्षेत्र के प्रबंधन और सुरक्षा के उद्देश्य से की गई थी।”
थाईलैंड ने बताया ‘अनरजिस्टर्ड’ मंदिर
सेंटर ने आगे कहा कि मूर्ति बाद में लगाई गई थी और यह आधिकारिक तौर पर रजिस्टर्ड धार्मिक स्थल नहीं था। इसने साफ किया, “इसलिए यह कार्रवाई इलाके पर नियंत्रण की पुष्टि करने, गलतफहमी के जोखिम को कम करने और ऐसे प्रतीकों के इस्तेमाल को रोकने के लिए की गई थी जिससे और तनाव बढ़ सकता था।” बयान में कहा गया है कि मूर्ति विवादित थाई-कंबोडिया सीमा क्षेत्र चोंग आन मा पर बनाई गई थी। इसमें दावा किया गया कि ये प्रतीक कंबोडियाई सैनिकों द्वारा थाई क्षेत्र पर अवैध रूप से संप्रभुता का दावा करने के लिए लगाए गए थे।
हिंदू धर्म को लेकर थाईलैंड ने यह कहा
उन्होंने कहा, “22 दिसंबर, 2025 को ऑपरेशन के बाद, थाई सेना ने सफलतापूर्वक चोंग आन मा क्षेत्र पर फिर से कब्जा कर लिया। इसके बाद, सेना के इंजीनियरों ने कसीनो के पास हिंदू देवता की मूर्तियों को हटा दिया, जिसे थाई पक्ष ने कंबोडियाई सैनिकों द्वारा थाई क्षेत्र पर अवैध रूप से संप्रभुता का दावा करने के लिए लगाए गए प्रतीकों के रूप में देखा।” उन्होंने आगे कहा कि थाईलैंड सभी धर्मों और मान्यताओं का समान रूप से सम्मान करता है, जिसमें हिंदू धर्म भी शामिल है, जिसके इस क्षेत्र के देशों के साथ लंबे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध हैं।
थाईलैंड-कंबोडिया सीमा वार्ता दूसरे दिन भी जारी
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद पर चल रही सैन्य वार्ता गुरुवार को दूसरे दिन भी जारी रही। थाई सेना ने घोषणा की कि सीमा पर कुल झड़पों की तीव्रता में सामान्य रूप से कमी आई है, हालांकि कुछ स्थानीय क्षेत्रों में गोलीबारी जारी है। थाई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह वार्ता थाईलैंड के चांथाबुरी प्रांत में बॉर्डर चेकपॉइंट पर बैठक आयोजित की गई। यहां दोनों देशों के रक्षा प्रतिनिधिमंडल ने कंबोडिया-थाईलैंड जनरल बॉर्डर कमिटी (जीबीसी) के तहत सुबह 9 बजे बैठक बुलाई। वार्ता चार दिनों तक चलने की उम्मीद है, जिसमें आसियान पर्यवेक्षक टीम (मलेशिया से) भी मौजूद है।
थाईलैंड-कंबोडिया में तीन हफ्तों से जारी है लड़ाई
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच संघर्ष की नई लहर तीसरे हफ्ते में प्रवेश कर गई है। 800 किलोमीटर से ज्यादा लंबी सीमा पर, लगभग रोजाना सैन्य झड़प हो रही थी, जिससे कई जगहों पर खींचतान की स्थिति बन गई थी और थाईलैंड के सात सीमावर्ती प्रांत प्रभावित हुए थे। 8,00,000 से ज्यादा निवासियों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया तो वहीं दर्जनों सैनिकों और नागरिकों की मौत हो गई। फिलहाल, यह संघर्ष सैन्य कार्रवाई से आगे बढ़कर सरकारी स्तर पर सूचना और कूटनीतिक दांव-पेच की बहुआयामी प्रतिद्वंद्विता में बदल गया है, और संघर्ष विराम प्रक्रिया विभिन्न कारणों से बाधित हो रही है।
भारत ने हिंदू मूर्ति गिराए जाने पर क्या कहा था
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा था, “हमने हाल के समय में बनाई गई एक हिंदू देवता की मूर्ति को तोड़े जाने की खबरें देखी हैं, जो थाईलैंड–कंबोडिया सीमा विवाद से प्रभावित क्षेत्र में स्थित थी। हिंदू और बौद्ध देवताओं को पूरे क्षेत्र में लोग गहरी श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजते हैं और यह हमारी साझा सभ्यतागत विरासत का हिस्सा है। क्षेत्रीय दावों से इतर, इस तरह के अपमानजनक कृत्य दुनिया भर के श्रद्धालुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं और ऐसा नहीं होना चाहिए। हम एक बार फिर दोनों पक्षों से आग्रह करते हैं कि वे शांति बहाल करने, जान-माल और संपत्ति व विरासत को होने वाले नुकसान से बचने के लिए संवाद और कूटनीति का रास्ता अपनाएं।”















