परिवार का कहना है कि प्रशांत को ग्रे नन्स कम्युनिटी हॉस्पिटल के इमरजेंसी डिपार्टमेंट में आठ घंटे तक इंतजार कराया गया। इसके चलते उनका दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। परिवार का कहना है कि काम के दौरान सीने में दर्द के बाद उन्हें तुरंत हॉस्पिटल ला गया लेकिन इसके बावजूद उनके इलाज में बहुत देरी हुई।
स्टाफ ने कहा घबराएं नहीं
प्रशांत के पिता कुमार श्रीकुमार का कहना है कि अस्पताल लाए जाने के बाद स्टाफ ने उनका चेकअप किया और वेटिंग रूम में भेज दिया। प्रशांत ने कहा कि उससे दर्द बर्दाश्त नहीं हो रहा है। उसने स्टाफ को भी बताया कि दर्द बहुत ज्यादा है। इस पर मेडिकल स्टाफ ने इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ECG) के बाद कहा कि घबराने जैसा कुछ भी नहीं है, आप इंतजार कीजिए।
कुमार श्रीकुमार ने बताया कि प्रशांत का ब्लड प्रेशर भी बहुत ज्यादा हो गया था। आखिरकार कई घंटों के बाद आखिरकार स्टाफ ने प्रशांत को ट्रीटमेंट रूम में बुलाया। शायद तब तक देर हो चुकी थी क्यों कि जैसे ही वह उठे तो अपनी छाती पकड़कर जमीन पर गिर गए। स्टाफ ने उन्हें होश में लाने की कोशिश की, लेकिन वे प्रशांत को बचा नहीं पाए।
तीन बच्चों के पिता थे प्रशांत
प्रशांत श्रीकुमार एडमोंटन में ही नौकरी करते थे। उनकी मौत ने उनके हंसते खेलते परिवार को उजाड़ दिया है। प्रशांत के परिवार में उनकी पत्नी और तीन छोटे बच्चे हैं। उनेके बच्चों की उम्र 3, 10 और 14 साल है। अस्पताल स्टाफ की लापरवाही को ही परिवार और दोस्त प्रशांत की मौत का जिम्मेदार मान रहे हैं।
ग्लोबल न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, अस्पताल ने प्रशांत की मौत पर संवेदना व्यक्त की है लेकिन इससे ज्यादा कुछ कहने से इनकार कर दिया। कोवेनेंट हेल्थ ने यह भी बताया कि इस घटना को जांच के लिए चीफ मेडिकल एग्जामिनर के ऑफिस को भेज दिया गया है।















