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  • चीन को मिर्ची लगना तय, ब्रिटेन की कंपनी रॉल्स रॉयस भारत को बनाएगी अपना ‘घर’

    नई दिल्ली: विमानों के लिए इंजन बनाने वाली ब्रिटेन की कंपनी रॉल्स रॉयस भारत में बड़े निवेश की तैयारी में है। कंपनी का कहना है कि वह भारत को ब्रिटेन के बाहर अपना तीसरा होम मार्केट बनाने पर विचार कर रही है। यह योजना जेट इंजन, नौसैनिक प्रणोदन, थल प्रणालियों और उन्नत इंजीनियरिंग सहित कई


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    By Azad Hind Desk दिसम्बर 28, 2025
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    नई दिल्ली: विमानों के लिए इंजन बनाने वाली ब्रिटेन की कंपनी रॉल्स रॉयस भारत में बड़े निवेश की तैयारी में है। कंपनी का कहना है कि वह भारत को ब्रिटेन के बाहर अपना तीसरा होम मार्केट बनाने पर विचार कर रही है। यह योजना जेट इंजन, नौसैनिक प्रणोदन, थल प्रणालियों और उन्नत इंजीनियरिंग सहित कई क्षेत्रों में मौजूद अवसरों का लाभ उठाने के लिए तैयार की गई है। ब्रिटेन के अलावा रॉल्स रॉयस अमेरिका और जर्मनी को भी अपना होम मार्केट मानती है, क्योंकि इन दोनों देशों में कंपनी की मजबूत मौजूदगी है। इसमें विनिर्माण सुविधाएं भी शामिल हैं।

    रॉल्स रॉयस इंडिया के कार्यकारी उपाध्यक्ष साशी मुकुंदन ने कहा कि कंपनी भारत में बड़े निवेश की योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी के एयरो इंजन को भारत में विकसित करना प्राथमिकता है, ताकि उन्नत मध्यम युद्धक विमान कार्यक्रम के तहत भारत में बनने वाले लड़ाकू विमानों को शक्ति दी जा सके। मुकुंदन ने यह भी बताया कि रॉल्स रॉयस भारतीय नौसेना की युद्धक क्षमता बढ़ाने के लिए इलेक्ट्रिक प्रणोदन की जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। उन्होंने कहा कि एएमसीए के लिए जेट इंजन के विकास में रॉल्स रॉयस की भागीदारी से भारत को नौसैनिक प्रणोदन के लिए भी इंजन बनाने में मदद मिल सकती है।

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    अर्जुन टैंक के लिए इंजन

    उन्होंने विशिष्ट विवरण साझा किए बिना कहा कि रॉल्स रॉयस भारत में अपनी मौजूदगी बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण निवेश पर नजर रखे हुए है। उन्होंने कहा कि भारत के पास पैमाना, नीति की स्पष्टता और रक्षा तथा औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने की स्पष्ट दिशा है। मुकुंदन ने कहा कि यदि सब कुछ ठीक रहा तो यह एक बड़ा निवेश होगा, इतना बड़ा कि लोगों की नजर इस पर जाएगी, लेकिन उन्होंने इसकी राशि बताने से इनकार किया। उनके अनुसार इस निवेश का असली महत्व इसके प्रभाव में है, जिससे कंपनी जिन क्षेत्रों में काम करती है वहां पूरी मूल्य श्रृंखला और पारिस्थितिकी तंत्र का विकास होगा।

    रॉल्स रॉयस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कंपनी भारत की दो रक्षा पीएसयू के साथ दो समझौता ज्ञापनों को अंतिम रूप देने जा रही है। एक समझौता अर्जुन टैंक के लिए इंजन बनाने से जुड़ा होगा, जबकि दूसरा भविष्य के लिए तैयार युद्धक वाहनों के लिए इंजनों से संबंधित होगा। मुकुंदन ने कहा कि ब्रिटेन के बाहर कंपनी ने अमेरिका और जर्मनी को गृह बाजार के रूप में विकसित किया है और अब भारत को अगला गृह बाजार बनाने की इच्छा है।

    इसका मतलब यह है कि कंपनी रक्षा तक सीमित न रहकर सभी क्षेत्रों में काम करना चाहती है। उन्होंने कहा कि यह महत्वाकांक्षा रक्षा, नौसैनिक प्रणोदन, थल प्रणालियों, विनिर्माण, उन्नत इंजीनियरिंग कौशल और प्रौद्योगिकी विकास तक फैली हुई है और यह भारत की प्राथमिकताओं के साथ मेल खाती है।

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