विराट कोहली नहीं बन सकते गिल
मोंटी पनेसर ने ANI से बातचीत में गिल को लेकर कहा,’वह आत्मसंतुष्ट क्रिकेटर हैं। उनमें बहुत टेलेंट है, लेकिन वे खेल की शुरुआत में लापरवाह शॉट्स खेलते हैं। विराट कोहली की तेजी और आक्रामकता सभी फॉर्मेट में साफ दिखती थी। शुभमन गिल ऐसा नहीं कर सकते हैं। यह उनके लिए बड़ा बोझ है। वह सभी फॉर्मेट में कप्तान नहीं बन सकते हैं। यह उनके लिए बहुत ज्यादा हो जाएगा।’
टेस्ट में टीम इंडिया को खल रही विराट की कमी
पनेसर ने साफ कहा कि फिलहाल टीम इंडिया टेस्ट क्रिकेट में बेहद कमजोर है। उसे थोड़ा टाइम लगेगा। जब आपके तीन बड़े प्लेयर्स रिटायर होते हैं तो उनकी जगह लेने वाले क्रिकेटर तैयार रखना बेहद मुश्किल होता है। पनेसर ने क्रिकेट के सबसे लंबे फॉर्मेट में विराट कोहली की गैरमौजूदगी को भी अंडरलाइन किया है। उन्होंने कहा कि टीम इंडिया उनके बिना व्हाइट बॉल क्रिकेट (वनडे और टी20 इंटरनेशनल) में मैनेज कर सकती है, लेकिन टेस्ट मैचों में उनकी कमी साफ दिखाई देती है। पनेसर ने कहा,’व्हाइट बॉल क्रिकेट में, आप विराट कोहली को बहुत ज्यादा मिस नहीं करेंगे। लेकिन हां, टेस्ट क्रिकेट में यह परम सत्य है कि विराट कोहली वहां नहीं हैं और इससे टीम की तीव्रता घटी है।’
बता दें कि मोंटी पनेसर ने इंग्लैंड के लिए 50 टेस्ट में 167 विकेट लिए थे, जिसमें सबसे ज्यादा 36 विकेट 11 टेस्ट में भारत के ही खिलाफ लिए हैं। पनेसर ने भारत में 8 टेस्ट मैच में 28 विकेट लिए हैं, जिनमें 2 बार पारी में 5 विकेट और 1 बार 10 विकेट शामिल हैं। उनकी गेंदबाजी से इंग्लैंड ने साल 2012 में टीम इंडिया के खिलाफ पहले मुंबई टेस्ट और फिर कोलकाता टेस्ट जीतकर 4 टेस्ट मैच की सीरीज को 2-1 से जीता था।
गंभीर को रेड बॉल क्रिकेट में बहुत सीखना होगा
पनेसर ने गौतम गंभीर की व्हाइट बॉल कोच के तौर पर तारीफ की है, लेकिन रेड बॉल कोच के तौर पर उन्हें बहुत कुछ सीखने की जरूरत बताई है। उन्होंने कहा,’गौतम गंभीर व्हाइट बॉल क्रिकेट में बढ़िया कोच हैं, क्योंकि आप सफल हो रहे हैं। लेकिन रेड बॉल क्रिकेट के लिए उन्हें रणजी ट्रॉफी में कोच बनना चाहिए और उन इस ट्रॉफी में कोचिंग दे चुके कोचों से बात करनी चाहिए। उनसे पूछना चाहिए कि रेड बॉल क्रिकेट में टीम कैसे बनाई जाती है।’ पनेसर के ये कमेंट ऐसे समय में आए हैं, जब टीम इंडिया ने टेस्ट क्रिकेट में अपना सबसे खराब साल देखा है। गौतम गंभीर के हेड कोच रहने के दौरान टीम इंडिया को अब दो बार टेस्ट सीरीज में क्लीन स्वीप का सामना करना पड़ा है। न्यूजीलैंड ने उन्हें 3-0 से और साउथ अफ्रीका ने 2-0 से हराया है।
टेस्ट क्रिकेट नहीं IPL कॉन्ट्रेक्ट युवाओं की प्राथमिकता
खब्बू स्पिनर ने रेड बॉल क्रिकेट में भारत की असफलता का ठीकरा प्लेयर्स के सिर पर भी फोड़ा है और कहा है कि ये लोग पूरी तरह तैयार ही नहीं हैं। उन्होंने कहा कि युवा क्रिकेटरों की नजर 4 दिनी फर्स्ट क्लास मैचों या टेस्ट मैच खेलने से ज्यादा IPL का कॉन्ट्रेक्ट हासिल करने पर है। भारत में जो खिलाड़ी टी20 और वनडे में जोरदार परफॉर्म कर रहे हैं वे टेस्ट क्रिकेट में अच्छा नहीं खेल पा रहे हैं। पनेसर ने भारत में क्रिकेट के सिस्टम पर भी सवाल उठाया है और घरेलू क्रिकेट वे राष्ट्रीय टीम की तरफ से खेलने के लेवल में अंतर पर भी सवाल उठाया है।
उन्होंने कहा,’भारत की टेस्ट टीम के लिए खेलने और रणजी ट्रॉफी में खेलने के स्तर में बेहद अंतर है। रणजी ट्रॉफी का सिस्टम बेहद कमजोर है। लड़के केवल आईपीएल खेलना चाहते हैं। वे बड़े कॉन्ट्रेक्ट चाहते हैं। वे टी20 इंटरनेशनल और वनडे खेलना चाहते हैं। चार दिन के मैच में बहुत ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। इस कारण वे इसे बेहद कम समय देना चाहते हैं।’ पनेसर ने आगे कहा कि वे टी20 क्रिकेट से ज्यादा पैसा कमाना चाहते हैं और टेस्ट क्रिकेट से कम पैसा पाते हैं। सच यही है कि भारत को टेस्ट क्रिकेट में वापसी करने में थोड़ा समय लगेगा।
(ANI के इनपुट के साथ)













