आपको बता दें कि पिछले साल अगस्त में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने भारत से संबंध काफी खराब कर लिए हैं। दिल्ली और ढाका के बीच राजनीतिक तनाव काफी तेज है और इस महीने इंकलाब मंच के नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद बांग्लादेश में अशांति की नई लहर के बाद यह और बढ़ गया है।
बांग्लादेश ने अपने दूत को दिल्ली से क्यों बुलाया?
प्रोथोम आलो ने विदेश मंत्रालय के एक अनाम “जिम्मेदार सूत्र” के हवाले से कहा है कि हमीदुल्लाह सोमवार रात को ढाका पहुंचे। रिपोर्ट में कहा गया है कि “उन्हें द्विपक्षीय संबंधों की हाल की स्थिति पर चर्चा के लिए ढाका बुलाया गया है।” ये घटनाक्रम उस वक्त हो रहा है जब, शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद 18 दिसंबर से बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं। कई हिंदुओं को मारा गया है। गुस्साए प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने चटगांव में भारत के सहायक उच्चायोग पर हमला करने की कोशिश की। इसके बाद भारत ने मिशन में अपनी वीजा सेवाएं निलंबित कर दीं हैं। इसके बाद भारत ने बांग्लादेश के दूत रियाज हमीदुल्लाह को तलब किया था और ढाका में भारतीय मिशन की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी। ऐसे माहौल में रियाज हामिदुल्लाह को ढाका बुलाना एक अहम कूटनीतिक कदम माना जा रहा है, ताकि आगे की रणनीति तय की जा सके।
हालांकि, इस तनाव के बीच ढाका ने ये भी संकेत दिए हैं कि वह दिल्ली के साथ रिश्तों को पटरी पर लाना चाहता है। पिछले हफ्ते अंतरिम सरकार के वित्त सलाहकार सालेहुद्दीन अहमद ने कहा था कि मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस खुद भारत के साथ संबंध सुधारने की कोशिशों में जुटे हैं। उन्होंने कहा था कि दोनों देशों के बीच किसी भी तरह की कड़वाहट किसी के हित में नहीं है। इसी दिशा में बांग्लादेश सरकार ने भारत से 50,000 टन चावल खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दी, जिसे अहमद ने “अच्छे संबंधों की दिशा में कदम” बताया।














