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  • YouTube पर भारत के इस चैनल का बोलबाला, करोड़ों कमाता है सालाना, AI कंटेंट है चाबी

    आजकल यूट्यूब पर एआई से बने वीडियो खूब देखने को मिल जाते हैं। हाल ही में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से बने वीडियो पबलिश करने वाले चैनल को लेकर एक स्टडी हुई है। Hindustan Times की एक रिपोर्ट के अनुसार, (REF.) इसमें पता चला है कि भारत के एक एआई जेनरेटेड कंटेंट के चैनल को सबसे ज्यादा


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    By Azad Hind Desk दिसम्बर 30, 2025
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    आजकल यूट्यूब पर एआई से बने वीडियो खूब देखने को मिल जाते हैं। हाल ही में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से बने वीडियो पबलिश करने वाले चैनल को लेकर एक स्टडी हुई है। Hindustan Times की एक रिपोर्ट के अनुसार, (REF.) इसमें पता चला है कि भारत के एक एआई जेनरेटेड कंटेंट के चैनल को सबसे ज्यादा देखा गया है। इस चैनल पर सिर्फ और सिर्फ एआई से वीडियो बनाए जाते हैं और यह चैनल सालाना करोड़ों छाप रहा है। इस चैनल का नाम ‘बंदर अपना दोस्त’ है। बता दें कि यह स्टडी वीडियो एडिटिंग कंपनी कैपविंग की ओर से की गई है, जिसमें दुनिया के 15,000 पॉपुलर यूट्यूब चैनल्स को शामिल किया गया था। इस स्टडी में पता चला कि इनमें से कुल 278 चैनल सिर्फ एआई आधारित कंटेंट ही परोसते हैं। चलिए उस एआई आधारित भारतीय चैनल के बारे में डिटेल में जानते हैं।

    क्या है ‘बंदर अपना दोस्त’ चैनल?

    कैपविंग की स्टडी के अनुसार सबसे ज्यादा देखे जाने वाला एआई स्लॉप चैनल भारत का “बंदर अपना दोस्त” है। इस चैनल पर बात करने वाले एक बंदर की रियलिस्टिक कहानियां दिखाई जाती हैं, जिसका नाम बोल्टू बंदर है। इस चैनल के वीडियो मजेदार, ड्रामेटिक और भावनात्मक होती हैं। इस चैनल के फिलहाल 2.76 मिलियन सब्सक्राइबर हैं और इस चैनल पर 619 वीडियो अपलोड हुए हैं। अगर बात की जाए इस चैनल की कमाई की, तो यह सालाना 35 करोड़ रुपये तक कमा लेता है। इस चैनल को अभी तक 2.07 बिलियन व्यूज मिले हैं। इस वजह से तमाम चैनल्स के बीच सबसे ज्यादा कामियाब चैनल माना जाता है।

    लोगों का क्या कहना है?

    इस खबर ने इंटरनेट पर इस चैनल को लेकर लोगों के बीच चर्चा छेड़ दी है। इसके बारे में एक यूजर का कहना है कि लोग पूरे साल भी काम करके इतने पैसे नहीं कमा पाते लेकिन भारत में कोई एआई से वीडियो बनाकर इतने पैसे कमा लेता है। कुछ लोगों ने इस कोशिश की बहुत तारीफ भी की है और कहा कि काम तो काम है और कोई काम छोटा नहीं होता। इसके साथ-साथ लोगों ने इस चैनल की कमाई को हाईलाइट करते हुए कहा है कि लोग क्वालिटी के मुकाबले फ्लैशी कंटेंट देखना ज्यादा पसंद करते हैं।

    स्टडी में और क्या आया सामने?

    कैपविंग की स्टडी में और भी कई खतरनाक खुलासे हुए हैं। दरअसल कैपविंग ने एक प्रयोग के तौर पर नया यूट्यूब अकाउंट बनाया और पहले 500 वीडियो देखने पर पता चला कि 500 में से 104 वीडियो यानी कि करीब 21% कंटेंट एआई जेनरेटेड था। इसके अलावा 165 वीडियो ऐसे थे जिन्हें ब्रेनरॉट कैटेगरी में रखा जा सकता था। इस कैटेगरी में उस कंटेंट को शामिल किया जाता है, जो कि बेहद लो-क्वालिटी, मीनिंगलेस और सिर्फ अटेंशन ग्रैब करने के लिए बनाया गया हो। इस स्टडी में दुनिया के हर देश के टॉप 100 चैनल को एनालाइज किया गया था। ऐसे में कहना गलत नहीं होगा कि यूट्यूब एआई-जेनरेटेड और लो-क्वालिटी कंटेंट की भरमार को झेल रहा है। इससे यूट्यूब की क्वालिटी और लोगों का व्यूइंग एक्सपीरियंस दोनों ही खराब होता है।

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