जवाबों में दिख सकता सकता स्पॉन्सर्ड कंटेंट
‘द इंफॉर्मेशन’ की रिपोर्ट (ref.) के अनुसार, OpenAI ऐसे तरीकों के बारे में सोच रही है, जिनमें जवाबों के ऊपर पहले स्पॉन्सर्ड कंटेंट यानी प्रायोजित सामग्री को दिखाया जाए, जोकि विज्ञापन का एक तरीका है। हालांकि इस पर सवाल उठ सकते हैं क्योंकि तमाम लोग चैटजीपीटी की बातों पर भरोसा करते हैं और उसकी सलाह को मानते भी हैं। अगर उन्हें किसी सवाल के जवाब के बदले में स्पॉन्सर्ड कंटेंट मिलता है, तो इससे किसी यूजर के शॉपिंग के फैसले को प्रभावित किया जा सकता है।
रिपोर्ट के अनुसार, ओपनएआई ने खुद इस बात काे माना है कि वह रिसर्च कर रही है कि उसके प्रोडक्ट में विज्ञापन कैसे दिखेंगे। हालांकि कंपनी ने इस बात पर जोर दिया है कि उसके लिए यूजर्स का भरोसा बनाए रखना बहुत जरूरी है।
यूजर हो सकता है कन्फ्यूज
इस पूरी रिसर्च में बड़ा सवाल यह है कि अगर एआई जवाबों के बीच या उनके साथ स्पॉन्सर्ड कंटेंट को दिखाया गया, तो बहुत सारे यूजर उसे एआई का जवाब मानकर उस पर भरोसा कर सकते हैं। भले एआई टूल उसे अलग से हाइलाइट कर दे, फिर भी कई लोगों को यह कन्फ्यूज कर सकता है। ऐसा पहली बार नहीं है जब चैटजीपीटी के अंदर विज्ञापन दिखाने का कॉन्सेप्ट सामने आया है। पहले भी ऐसी बातें हुई हैं, लेकिन हमेशा से इससे मुकरती आई है। उसने कहा है कि प्राथमिकता यूजर्स के जवाबों में क्वॉलिटी देना है। चैटजीपीटी और जेमिनी एआई के बीच मुकाबला है और प्रतिस्पर्धा के बीच कोई भी अपने प्रोडक्ट को विज्ञापनमुक्त ही रखना चाहेगा।
विचार में मिले भविष्य के संकेत
लेकिन चैटजीपीटी का विचार भविष्य की झलक को पेश करता है जब इंसान, एआई पर बहुत ज्यादा निर्भर हो जाएगा। चैटजीपीटी जैसे टूल्स उसकी रोजाना दिनचर्या का हिस्सा होंगे और एक बार लोगों को आदी बनाने के लिए उन्हें विज्ञापन दिखाने में शायद कंपनियों को ज्यादा हिचक ना हो।














