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  • जीवन की हर कठिनाई का अंत है निश्चित, ग्रहों की अशुभ दशा भी शुभ काल में परिवर्तित होजाती है

    समय, ग्रह और कर्म, तीनों मिलकर मनुष्य को गढ़ने का कार्य करते हैं। अशुभ समय जीवन का शत्रु नहीं है, वह तो एक कठोर गुरु है, जो बिना दुलार किए सत्य सिखाता है। जो व्यक्ति इस काल में धैर्य, सत्य और कर्मशीलता को नहीं छोड़ता, उसके लिए यही काल भविष्य की सबसे मजबूत नींव बन


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    By Azad Hind Desk दिसम्बर 31, 2025
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    समय, ग्रह और कर्म, तीनों मिलकर मनुष्य को गढ़ने का कार्य करते हैं। अशुभ समय जीवन का शत्रु नहीं है, वह तो एक कठोर गुरु है, जो बिना दुलार किए सत्य सिखाता है। जो व्यक्ति इस काल में धैर्य, सत्य और कर्मशीलता को नहीं छोड़ता, उसके लिए यही काल भविष्य की सबसे मजबूत नींव बन जाता है। भारतीय ज्योतिष शास्त्र में समय एवं जीवन में शुभाशुभ घटनाऐं गोचर और दशा के रूप में परिभाषित होती हैं। दशा का अभिप्राय है जीवन में चलती हुई शुभाशुभ अवस्था। अशुभ कही जाने वाली ग्रहदशाएं दरअसल कर्मों के अधूरे अध्यायों को पूर्ण करने का अवसर प्रदान करती हैं। वे जीवन में वह दिखाती हैं, जिसे मनुष्य टालता रहा है, इसलिए कठिन दशाएं दंड नहीं, चेतावनी होती हैं।

    मनुष्य जब कठिन समय से गुजरता है, तो उसे लगता है मानो पूरा जीवन ही अंधकार में डूब गया हो। समस्याएं एक साथ आती प्रतीत होती हैं और मन यह मान बैठता है कि अब कोई रास्ता शेष नहीं रहा, पर यदि गहराई से देखा जाए, तो जीवन का कोई भी संकट स्वयं में अंतिम नहीं होता। वह केवल एक चरण होता है, जो व्यक्ति को तोड़ने नहीं, बल्कि गढ़ने के लिए आता है।

    अक्सर लोग कहते हैं, मेरी जन्मकुंडली खराब है, पर वास्तव में जन्मकुंडली उतनी नहीं बिगाड़ती, जितना निराश व्यक्ति का मन रहता है। शनि की दशा हो या राहु-केतु की छाया, यदि व्यक्ति सत्य, परिश्रम, संयम, विवेक को नहीं छोड़ता, तो वही ग्रह अंततः उसे परिपक्वता और स्थिरता प्रदान करते हैं, ज्योतिष शास्त्र का उद्देश्य समय के साथ व्यक्ति को सामंजस्य सिखाना है। जैसे अशुभ ग्रह-दशा भी अपने समय पर शुभ काल में परिवर्तित होती है, वैसे ही जीवन की हर कठिनाई का अंत भी निश्चित है। जो व्यक्ति इस सत्य को स्वीकार कर लेता है, वह अंधेरे में भी दिशा देख लेता है, उसके लिए संकट रुकावट नहीं, होती। जिस दिन मन यह मान ले कि अंधेरा स्थायी नहीं है, उसी दिन समस्या की आधी शक्ति समाप्त हो जाती है। अंधेरा चाहे जितना गहरा हो, वह सूर्य को उदय होने से रोक नहीं सकता।

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