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  • SIR में डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन का काम हुआ आसान, चुनाव आयोग ने राज्यों को 4 तरीके बताए

    नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने मतदाता सूचियों के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन ( SIR ) में जुटे 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश को डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन प्रक्रिया आसान बनाने और इस काम को जल्द पूरा करने के लिए 4 सूत्री एजेंडा जारी किया है। दरअसल, मतदाता सूची से नाम कटने और इसको लेकर आपत्तियों की सुनवाई


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    By Azad Hind Desk दिसम्बर 31, 2025
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    नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने मतदाता सूचियों के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन ( SIR ) में जुटे 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश को डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन प्रक्रिया आसान बनाने और इस काम को जल्द पूरा करने के लिए 4 सूत्री एजेंडा जारी किया है। दरअसल, मतदाता सूची से नाम कटने और इसको लेकर आपत्तियों की सुनवाई के बारे में लोगों के एक वर्ग में चिंता बनी हुई है। ET को पता चला है कि 24 दिसंबर को चुनाव आयोग ने इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (CEOs) को चिट्ठी लिखकर 4 सूत्री एक्शन एजेंडा भेजा है और इनका कड़ाई से पालन करने को कहा है।

    डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन का 4 सूत्री एजेंडा

    एक- इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (ERO) की ओर से मतदाताओं को नोटिस जारी हुए मामलों में,जहां उन्हें पात्रता दिखाने के लिए निश्चित दस्तावेज जमा करने पड़ सकते हैं, जिसमें पिछले एसआईआर में मौजूदगी भी शामिल है, ऐसे सभी अतिरिक्त दस्तावेज ईआरओ की जांच के लिए बीएलओ ऐप के जरिए अपलोड किए जाएंगे।
    दो- चुनाव आयोग ने कहा है कि जिला निर्वाजन अधिकारियों (DEOs) को ऐसे सभी दस्तावेजों को ईसीआईनेट (ECINET) पर प्राप्त होने के दिन से पांच दिनों के भीतर वेरिफाई कर लेना है।
    तीन- अगर किसी मामले में एक राज्य में किसी विभाग से दस्तावेज जारी हुआ है, लेकिन जिला अलग है तो डीईओ को ऐसे केस को ईसीआईनेट (ECINET) के माध्यम से संबंधित डीईओ को भेजना है, जो इसे वेरिफाई करेंगे।
    चार- ऐसे मामलों में जहां जमा किया गया दस्तावेज किसी अन्य राज्य से जारी है, तो डीईओ ऐसे मामलों को अपने प्रदेश के सीईओ को भेजेंगे, जो संबंधित राज्य के समकक्षों को इसे भेजकर तत्काल वेरिफाई करने का आग्रह करेंगे।

    एसआईआर में नाम कटे लोगों की चिंता दूर

    चुनाव आयोग के इन कदमों से कई लोगों की चिंता दूर होने की उम्मीद है, खासकर उन लोगों की जिनका नाम पिछले एसआईआर में शामिल नहीं था। ऐसे मामलों में अब नोटिस भेजे जा रहे हैं, जिनमें वेरिफिकेशन और सुनवाई के लिए अतिरिक्त दस्तावेज मांगे जा रहे हैं। एसआईआर के दूसरे चरण से गुजर रहे 12 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में से 11 ने अपनी ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी कर दी है, सिर्फ उत्तर प्रदेश में यह नहीं हुआ है, जिसके लिए 6 जनवरी, 2026 की तारीख तय की गई है।

    लोगों की दस्तावेजों के साथ सुनवाई होगी

    मृत्यु,पते में बदलाव और वोटर लिस्ट में कई बार नाम होने की वजह से मतदाता सूची से नाम हटना कई राज्यों में बहस का मुद्दा रहा है। जिन लोगों का पता बदला है या जिनके नाम वोटर लिस्ट में एक से ज्यादा बार हैं या फिर जिनके बैकग्राउंड/दस्तावेज अधूरे पाए गए हैं, उन्हें नोटिस जारी किया जाना है और पहचान पत्रों और नागरिकता दस्तावेजों के साथ अपनी बात रखने के लिए पेश होने को कहा जाना है।

    अबतक 3.7 करोड़ मतदाताओं के नाम कटे

    अबतक ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में सबसे ज्यादा नाम तमिलनाडु में कटे हैं, जहां एसआईआर से पहले वाली वोटर लिस्ट के 6.4 करोड़ वोटरों में से 97 लाख के नाम कट गए हैं। इसके बाद गुजरात में 73 लाख और पश्चिम बंगाल में 58 लाख नाम काटे गए हैं। एसआईआर की इस मौजूदा प्रक्रिया में 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 51 करोड़ वोटरों में से 36 करोड़ वोटरों की छानबीन की गई है, जिनमें से 3.7 करोड़ मतदाताओं के नाम कट गए हैं। 6 जनवरी को जब यूपी का ड्राफ्ट रोल जारी होगा तो इन संख्याओं में भारी बढ़ोतरी होनी तय है।

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