• National
  • हेवीवेट टॉरपीडो की क्या है खासियत? नेवी के लिए इटली की कंपनी से हुई 1900 करोड़ की डील

    नई दिल्ली: भारतीय नौसेना के लिए इटली की एक कंपनी के साथ भारत सरकार ने हेवीवेट टॉरपीडो खरीदने के लिए 1,896 करोड़ रुपये की डील की है। इस सौदे के तहत इटली से इंडियन नेवी को 2028 से 2030 के बीच इसकी अत्याधुनिक कलवरी-क्लास पनडुब्बियों के लिए 48 हेवीवेट टॉरपीडो मिलेंगे। टॉरपीडो के लिए भारत


    Azad Hind Desk अवतार
    By Azad Hind Desk दिसम्बर 31, 2025
    Views
    728 x 90 Advertisement
    728 x 90 Advertisement
    300 x 250 Advertisement
    नई दिल्ली: भारतीय नौसेना के लिए इटली की एक कंपनी के साथ भारत सरकार ने हेवीवेट टॉरपीडो खरीदने के लिए 1,896 करोड़ रुपये की डील की है। इस सौदे के तहत इटली से इंडियन नेवी को 2028 से 2030 के बीच इसकी अत्याधुनिक कलवरी-क्लास पनडुब्बियों के लिए 48 हेवीवेट टॉरपीडो मिलेंगे। टॉरपीडो के लिए भारत ने इटली की जिस कंपनी से करार किया है, उसे टॉरपीडो सिस्टम के क्षेत्र में वर्ल्ड लीडर भी कहा जाता रहा है। ये अत्याधुनिक टॉरपीडो समंदर के अंदर या ऊपर दुश्मन के हर तरह की चुनौतियों को तबाह करने में सक्षम हैं।

    इटली से हेवीवेट टॉरपीडो का सौदा

    भारत सरकार ने सेना और नौसेना के लिए 4,666 करोड़ रुपये की करार फाइनल की है। इनमें आर्मी के लिए एडवांस्ड कार्बाइन और नेवी के लिए टॉरपीडो की खरीद शामिल है। इसके तहत भारत ने इटली की वास्स सबमरीन सिस्टम्स एसआरएल (WASS Submarine Systems SRL, Italy) के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस डील के तहत कलवरी-क्लास सबमरीन के लिए अन्य उपकरणों की खरीद भी होनी है।

    कलवरी-क्लास सबमरीन की बढ़ेगी ताकत

    तय है कि हेवीवेट टॉरपीडो मिलने से कलवरी-क्लास सबमरीन की मारक क्षमता काफी बढ़ जाएगी। इस डील के तहत नौसेना की इन पनडुब्बियों के लिए अप्रैल 2028 से लेकर 2030 की शुरुआत के बीच 48 टॉरपीडो मिलेंगे। भारतीय नौसेना के पास अभी कलवरी-क्लास (स्कॉर्पीन) की 6 पनडुब्बियां हैं। ये पनडुब्बियां प्रोजेक्ट 75 के तहत कुल 23,562 करोड़ रुपये की योजना से बनाई गई हैं। मेक इन इंडिया के तहत बनी इन पनडुब्बियों के लिए फ्रांस की कंपनी नेवल ग्रुप ने टेक्नोलॉजी ट्रांसफर किया है और मुंबई स्थित मझगांव डॉक शिपबिलडर्स लिमिटेड में इनका निर्माण किया गया है।

    हेवीवेट टॉरपीडो की आवश्यक विशेषताएं

    इटली में बने हेवीवेट टॉरपीडो दुश्मन को भनक तक नहीं लगने देने, लंबी दूरी तक मार करने, स्मार्ट गाइडेंस और मॉडर्न नेवल वॉरफेयर की चुनौतियों का सामना करने के लिए खास तौर पर बनाए गए हैं। ये पुराने केमिकल-पावर्ड सिस्टम से पूरी तरह से अलग और अत्याधुनिक हैं। इसमें अत्याधुनिक तकनीकी विशेषताएं जोड़ी गई हैं, जिससे नौसेना की युद्ध की मारक क्षमता में भारी बढ़ोतरी की संभावना है।

    समंदर में दुश्मन की तबाही हैं टॉरपीडो

    हेवीवेट टॉरपीडो पानी के अंदर से इस्तेमाल होने वाले बहुत ही घातक हथियार हैं, जिन्हें पनडुब्बी के अलावा युद्धपोतों से भी इस्तेमाल किया जा सकता है। दुश्मन की पनडुब्बियों को मारकर डुबोने के लिए इनका इस्तेमाल तो होता ही है, ये पानी के भीतर से हमला करके बड़े-बड़े युद्धपोतों की समंदर में समाधि बनाने में भी सक्षम होते हैं। अत्याधुनिक सोनार और बड़े हथियारों को ढोने में माहिर होने की वजह से यह समंदर में किसी भी तरह के खतरे से मुकाबले के काबिल होते हैं।

    728 x 90 Advertisement
    728 x 90 Advertisement
    300 x 250 Advertisement

    हर महीने  ₹199 का सहयोग देकर आज़ाद हिन्द न्यूज़ को जीवंत रखें। जब हम आज़ाद हैं, तो हमारी आवाज़ भी मुक्त और बुलंद रहती है। साथी बनें और हमें आगे बढ़ने की ऊर्जा दें। सदस्यता के लिए “Support Us” बटन पर क्लिक करें।

    Support us

    ये आर्टिकल आपको कैसा लगा ? क्या आप अपनी कोई प्रतिक्रिया देना चाहेंगे ? आपका सुझाव और प्रतिक्रिया हमारे लिए महत्वपूर्ण है।