ब्लूमबर्ग इंटेलिजेंस के रणनीतिकार माइक मैकग्लोन ने एक चौंकाने वाली चेतावनी जारी की है। उन्होंने भविष्यवाणी की है कि साल 2026 तक बिटकॉइन की कीमत 90% तक गिरकर 10,000 डॉलर तक पहुंच सकती है। मैकग्लोन ने इस मंदी वाले दृष्टिकोण का कारण बाजार में डिजिटल संपत्ति के बढ़ते प्रतिस्पर्धियों (Competitors) को बताया है। मैकग्लोन ने लिंक्डइन पर एक पोस्ट में लिखा कि बिटकॉइन साल 2009 में पहली क्रिप्टो थी। लेकिन अब इसके लाखों डिजिटल संपत्ति प्रतिस्पर्धी हैं।
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सोने के कॉम्पिटिटर से की तुलना
माइक मैकग्लोन ने बिटकॉइन के प्रतिस्पर्धी परिदृश्य की तुलना सोने से की। मैकग्लोन के अनुसार सोने के केवल तीन प्रमुख प्रतिद्वंद्वी चांदी, प्लैटिनम और पैलेडियम हैं। उन्होंने भविष्यवाणी की है कि साल 2026 में सोने की कीमतें 10% और बढ़ सकती हैं और 5,000 डॉलर प्रति औंस से ऊपर कारोबार कर सकती हैं।
ऑल टाइम हाई से कितनी नीचे कीमत?
31 दिसंबर दोपहर 2 बजे बिटकॉइन की कीमत करीब 88,521 डॉलर पर रही। अक्टूबर में यह ऑल-टाइम हाई 1,26,000 डॉलर पर पहुंच गई थी। तब से लेकर अब तक इसकी कीमत में करीब 30 फीसदी की गिरावट आई है। ऐसे में इस क्रिप्टोकरेंसी पर निवेशकों का विश्वास काफी कमजोर हुआ है। DeFiLlama के आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर में बिटकॉइन एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETFs) से 1 अरब डॉलर का आउटफ्लो दर्ज किया गया, जो नवंबर में 3.5 अरब डॉलर की बिकवाली में और जुड़ गया।
बिटकॉइन की कीमत गिरने का कारण
मैकग्लोन पहले भी मंदी से जुड़ा बयान दे चुके हैं। दिसंबर की शुरुआत में उन्होंने ‘पोस्ट-इन्फ्लेशन डिफ्लेशन’ चरण का हवाला देते हुए 10,000 डॉलर के पूर्वानुमान को दोहराया था। यह एक ऐसा दौर है जिसमें मुद्रास्फीति चक्र के बाद परिसंपत्ति की कीमतें गिरती हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि साल 2026 सभी परिसंपत्ति वर्गों के लिए एक कठिन वर्ष हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि सोने की बढ़ती कीमतें अमेरिकी शेयरों में आने वाली गिरावट का संकेत दे सकती हैं।
कॉइनस्विच मार्केट्स डेस्क ने इकोनॉमिक टाइम्स को बताया कि बिटकॉइन 90,000 डॉलर से ऊपर के स्तर को बनाए रखने में विफल रहने के बाद फिसल गया, जिससे लॉन्ग लिक्विडेशन हुआ क्योंकि अत्यधिक लीवरेज वाले व्यापारियों को बाहर निकलने के लिए मजबूर होना पड़ा।
लोगों का भरोसा टूटेगा
वजीरएक्स के फाउंडर निश्चल शेट्टी का कहना है कि अगर बिटकॉइन में 90% की गिरावट आती है, तो इसका मतलब होगा कि दुनिया भर के पैसों का प्रवाह, बाजार का ढांचा और लोगों का भरोसा, सब कुछ बुरी तरह से बिगड़ेगा। सिर्फ डिजिटल एसेट्स में बढ़ती प्रतिस्पर्धा से ऐसा नहीं होगा। उनका कहना है कि साल 2026 में बिटकॉइन आज के मुकाबले बहुत अलग होगा। बड़े-बड़े संस्थानों का इसमें निवेश, नियम वाले इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट्स और दुनिया भर के फाइनेंशियल बाजारों में इसका जुड़ाव, इन सभी ने बाजार के तरीके को बदल दिया है। इससे उतार-चढ़ाव खत्म नहीं होगा, लेकिन बहुत बुरी स्थितियां अकेले होने की संभावना कम हो जाती है।














