ET Telecom की रिपोर्ट के अनुसार,(REF.) वोडाफोन आइडिया (Vi) ने सैटेलाइट ब्रॉडबैंड कंपनी AST SpaceMobile के साथ मिलकर भारत के अनकनेक्टेड क्षेत्रों तक मोबाइल नेटवर्क पहुंचाने के लिए पहले ही करार किया है। ऐसे में सैटेलाइट से सीधे डिवाइस पर इंटरनेट का फायदा Vi यूजर्स को मिल सकता है। इसके लिए स्टारलिंक की तरह किसी खास सेटअप या फिर डिश की जरूरत नहीं होगी।
ISRO ने BlueBird Block-2 सैटेलाइट को लो-अर्थ ऑर्बिट में किया स्थापित
बता दें कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अपने LVM3-M6 मिशन के तहत AST SpaceMobile के BlueBird Block-2 सैटेलाइट को सफलतापूर्वक लो-अर्थ ऑर्बिट में स्थापित किया है। यह अभी तक का सबसे बड़ा कमर्शियल कम्युनिकेशन सैटेलाइट एरे है, जो कि करीब 2,400 वर्ग फीट में फैला है।
इस सैटेलाइट के जरिए लोगों के फोन पर सीधे अंतरिक्ष से 4G और 5G नेटवर्क उपलब्ध कराया जा सकेगा। ऐसे में यूजर को अलग से किसी डिश जैसे सेटअप को खरीदने या सेटअप करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
Vi और AST SpaceMobile के बीच पार्टनरशिप
वोडाफोन आइडिया और AST SpaceMobile की पार्टनरशिप को लेकर Vi के सीईओ अभिजीत किशोर का कहना है कि यह पार्टनरशिप डिजिटल खाई को पाटने के लिए है। इसका मकसद उन लाखों लोगों को इंटरनेट से जोड़ना है, जो कि आज भाी कनेक्टिविटी से वंचित हैं।
बता दें कि इस पार्टनरशिप के तहत AST SpaceMobile सैटेलाइट बनाएगा और ऑपरेट करेगा, जबकि Vi भारत में नेटवर्क इंटीग्रेशन, स्पेक्ट्रम और मार्केट एक्सेस संभालने वाला है। इन दोनों कंपनियों के मिल जाने से भारत में भी Vi के ग्राहकों को फायदा हो सकता है। खास बात ये है कि दोनों कंपनियां मिलकर कंज्यूमर, एंटरप्राइज और IoT जैसे सेक्टर्स के लिए भी नई सर्विसेज विकसित करेंगी।
इससे भारत को क्या फायदा?
AST SpaceMobile के अनुसार वह 2026 के अंत तक 45 से 60 सैटेलाइट लॉन्च करने की योजना पर काम कर रही है, जिनका लॉन्च हर एक-दो महीने में होगा। इससे पूरे भारत में, खासकर ग्रामीण और दुर्गम इलाकों में, मोबाइल और इंटरनेट सेवा मजबूत होगी। इतनी ही इसका फायदा शिक्षा, स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन और डिजिटल सेवाओं को मिलेगा। कुल मिलाकर, यह पहल भारत को सैटेलाइट आधारित मोबाइल कनेक्टिविटी के नए युग में ले जाएगी।














