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  • China Economy Crisis: ना बिक्री, ना निवेश… चीन की निकल गई हवा! दुनिया से मदद मिलनी हुई कम, अब क्या बचा है रास्ता?

    नई दिल्ली: चीन की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गई है। दुनिया में चीनी सामान के खरीदार काफी कम हो गए हैं। वहीं चीन में निवेश भी गिर गया है। नतीजा यह है कि चीन की अर्थव्यवस्था नवंबर में थोड़ी कमजोर दिखी। खुदरा बिक्री तीन साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई। लोगों की खरीदारी


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    By Azad Hind Desk दिसम्बर 15, 2025
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    नई दिल्ली: चीन की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गई है। दुनिया में चीनी सामान के खरीदार काफी कम हो गए हैं। वहीं चीन में निवेश भी गिर गया है। नतीजा यह है कि चीन की अर्थव्यवस्था नवंबर में थोड़ी कमजोर दिखी। खुदरा बिक्री तीन साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई। लोगों की खरीदारी और निवेश दोनों में कमी आई।

    सोमवार को राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो ( National Bureau of Statistics ) ने आंकड़े जारी किए। इन आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर में खुदरा बिक्री पिछले साल के मुकाबले सिर्फ 1.3% बढ़ी। यह कोविड महामारी के बाद की सबसे धीमी रफ्तार है और उम्मीद से काफी कम है। ब्लूमबर्ग ने 2.9% की बढ़ोतरी का अनुमान लगाया था, जो अक्टूबर जैसा ही था।
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    फैक्ट्री प्रोडक्शन भी पड़ा धीमा

    फैक्ट्री उत्पादन भी धीमा पड़ा है। नवंबर में औद्योगिक उत्पादन 4.8% बढ़ा, जो रॉयटर्स के 5% के अनुमान से कम था। अक्टूबर में यह आंकड़ा 4.9% था। वहीं निवेश पर भी दबाव बना रहा। ब्लूमबर्ग के अनुसार, प्रॉपर्टी निवेश में भारी गिरावट के चलते साल के पहले 11 महीनों में फिक्स्ड-एसेट इन्वेस्टमेंट 2.6% गिर गया। शहरी बेरोजगारी दर 5.1% पर स्थिर रही, जिससे लेबर मार्केट में कोई खास सुधार नहीं दिखा।

    कार बिक्री में गिरावट

    कार बिक्री में भी भारी गिरावट आई। नवंबर में सालाना कार बिक्री 8.5% गिर गई। यह पिछले 10 महीनों की सबसे बड़ी गिरावट है। यह ऑटो इंडस्ट्री के लिए निराशाजनक था, क्योंकि आमतौर पर साल के आखिरी दो महीनों में बिक्री अच्छी होती है। रॉयटर्स ने बताया कि इस साल सिंगल डे शॉपिंग फेस्टिवल पांच हफ्तों तक चला, लेकिन फिर भी ग्राहकों को लुभा नहीं पाया।

    घरेलू खपत को बढ़ाना मुश्किल

    चीन के लिए घरेलू खपत को बढ़ाना मुश्किल हो रहा है। इससे अर्थव्यवस्था बाहरी जोखिमों के प्रति ज्यादा संवेदनशील हो गई है। हाल के महीनों में ग्रोथ काफी हद तक विदेशी मांग पर निर्भर रही है। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ वॉर वैश्विक व्यापार को बदल रही है।

    देश के अंदर ग्राहकों और व्यवसायों की कमजोर मांग सालों से दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रही है। इससे महंगाई कम हुई है, जिसने मुनाफे और वेतन को नुकसान पहुंचाया है। ब्लूमबर्ग के अनुसार, हाल के रुझान आगे और मुश्किलें दिखा रहे हैं। लोन ग्रोथ धीमी हो रही है और हाल के महीनों में निवेश में अचानक और समझ से बाहर गिरावट देखी गई है।

    क्या है अब ड्रैगन के पास रास्ता?

    चूंकि चीन को दुनिया के दूसरे देशों में अपना सामान खपाने में मुश्किल हो रही है। ऐसे में चीन घरेलू मांग पर ज्यादा ध्यान दे रहा है। पिछले हफ्ते हुई हाई-लेवल इकोनॉमिक मीटिंग्स में चीन के नेताओं ने आने वाले साल के लिए घरेलू मांग बढ़ाने को सबसे ऊपर रखा है। उन्होंने विदेशी व्यापार में अनिश्चितता का हवाला दिया।

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