इस बड़े अंतर के बावजूद स्लोकिन ने गुकेश का डटकर मुकाबला किया। खेल का निर्णायक मोड़ 70वें चाल पर आया, जब समय सबसे बड़ा कारक बन गया। काले मोहरों से खेल रहे गुकेश के पास सिर्फ आठ सेकंड बचे थे, जबकि स्लोकिन के पास लगभग 13 सेकंड थे। इस समय युवा प्रतिभा ने हाथी की अदला-बदली का प्रस्ताव दिया। गुकेश एक प्यादा पीछे थे, लेकिन यह अदला-बदली खेल को ड्रॉ करवा सकती थी। लेकिन गुकेश ने एक जोखिम भरा रास्ता चुना। उन्होंने हाथी की अदला-बदली को अस्वीकार कर दिया और जीतने की संभावना बनाए रखने के लिए 70Rf4 चला।
यह फैसला महंगा साबित हुआ। स्लोकिन ने इस मौके का सटीक फायदा उठाया और जल्द ही एक बिशप जीत लिया। इसके बाद गुकेश की स्थिति बिगड़ने लगी और उनके पास लड़ने के लिए कोई प्यादा नहीं बचा था, इसलिए उन्होंने लगभग दस चालों के बाद हार मान ली। स्लोकिन ने वर्ल्ड रैपिड चैंपियनशिप में भी खेले, जहां वह 90वें स्थान पर रहे और उन्हें 226.4 रेटिंग पॉइंट्स मिले, जो ओपन कैटेगरी में किसी भी खिलाड़ी के लिए सबसे ज्यादा थे। 2013 में जन्मे स्लोकिन आधे अर्मेनियाई और आधे रूसी हैं। वह किसी देश के नहीं बल्कि फिडे फेडरेशन के झंडे के तले खेलते हैं।















