शुक्रवार को सोने के फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट्स ने 1,40,465 रुपये का नया ऑल-टाइम हाई छुआ था। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने की कीमतें पिछले हफ्ते एक बड़ा मुकाम हासिल करने के बाद 4,500 डॉलर प्रति औंस के नीचे आ गईं। सोमवार दोपहर यह 4,496.40 डॉलर के आसपास कारोबार कर रही थीं, जो शुक्रवार के भाव से 56.30 डॉलर या 1.24% कम है।
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क्या है एक्सपर्ट की राय?
एलकेपी सिक्योरिटीज के रिसर्च एनालिस्ट (वाइस प्रेसिडेंट) जतिन त्रिवेदी ने बताया कि सोना अभी भी एक मजबूत तेजी वाले जोन में बना हुआ है। हालांकि, मोमेंटम इंडिकेटर्स (गति दर्शाने वाले संकेतक) थोड़े समय के लिए स्थिरता का संकेत दे रहे हैं, लेकिन लंबी अवधि का ट्रेंड गिरावट पर खरीदने का है, न कि तेजी में बेचने का।
सोने में गिरावट का कारण
आज रुपये में थोड़ी कमजोरी आई है। त्रिवेदी ने आगे कहा कि रुपये में आई सापेक्षिक मजबूती के कारण MCX पर सोने के भाव COMEX की तुलना में थोड़े कमजोर दिख रहे हैं। लेकिन, यह असर मामूली है क्योंकि वैश्विक सोने का सेंटिमेंट मजबूत बना हुआ है। अगर रुपये में फिर से कमजोरी आती है, तो एमसीएक्स पर सोने के भावों में तेजी से उछाल आ सकता है।
चांदी में भी बड़ी गिरावट
सोमवार को चांदी की कीमत में भी भारी गिरावट आई।। एमसीएक्स सिल्वर मार्च फ्यूचर्स में दोपहर के कारोबार के दौरान सिर्फ एक घंटे में 21,000 रुपये प्रति किलो की भारी गिरावट दर्ज की गई। निवेशकों ने मुनाफावसूली के लिए जल्दबाजी की, जिससे MCX सिल्वर मार्च फ्यूचर्स इंट्राडे में 2,33,120 रुपये प्रति किलो के निचले स्तर पर आ गया। वहीं सोमवार सुबह चांदी का भाव ढाई लाख रुपये प्रति किलोग्राम को पार कर गया था।














