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  • Gold Silver Price 2026: सोना-चांदी की कीमत साल 2026 में भी बढ़ेगी या आएगी गिरावट? जानें क्या है एक्सपर्ट की राय

    नई दिल्ली: साल 2025 में सोना और चांदी की कीमत ने शानदार छलांग लगाई है। दोनों धातुओं ने निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न दिया। इस साल चांदी 132 प्रतिशत उछली है। वहीं सोने में भी 65 फीसदी की तेजी आई है। दोनों धातुओं में यह उछाल मजबूत निवेश मांग और आपूर्ति की कमी के कारण आया


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    By Azad Hind Desk दिसम्बर 21, 2025
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    नई दिल्ली: साल 2025 में सोना और चांदी की कीमत ने शानदार छलांग लगाई है। दोनों धातुओं ने निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न दिया। इस साल चांदी 132 प्रतिशत उछली है। वहीं सोने में भी 65 फीसदी की तेजी आई है। दोनों धातुओं में यह उछाल मजबूत निवेश मांग और आपूर्ति की कमी के कारण आया है। बात अगर साल 2026 की करें तो इस साल भी दोनों धातुओं में तेजी के संकेत दिखाई दे रहे हैं। हालांकि ये कई कारकों पर निर्भर करेगी।

    साल 2025 में सोने ने दुनियाभर में और भारत में भी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने की कीमत 4,370 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस से ऊपर चली गई है। चांदी भी 60 डॉलर प्रति औंस से ऊपर पहुंच गई है। यह एक अभूतपूर्व ऊंचाई है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि निवेशक सोने की ओर भागे। इसके पीछे कई कारण थे, जैसे केंद्रीय बैंकों का नरम रुख, भू-राजनीतिक तनाव और सुरक्षित निवेश की लगातार मांग।
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    कहां पहुंची सोने-चांदी की कीमत?

    सोने की कीमतें एमसीएक्स और बड़े शहरों के खुदरा बाजारों में 1.33 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के पार चली गईं। इसके पीछे कमजोर रुपया, आयात पर भारी शुल्क और शादियों के मौसम में जोरदार खरीदारी जैसे कारण थे। सोने की यह दोहरी उछाल इस बात को दर्शाती है कि सोना अनिश्चितता के समय में एक बेहतरीन बचाव का जरिया है। यह बड़े आर्थिक बदलावों और स्थानीय कारणों दोनों से मजबूती हासिल करता है। वहीं चांदी की कीमत भी प्रति किलो 2 लाख रुपये को पार कर गई है।

    साल 2026 में कैसी रहेगी चाल?

    अगर वैश्विक परिस्थितियां मोटे तौर पर वैसी ही बनी रहती हैं- यानी मुद्रास्फीति में नरमी, सतर्क केंद्रीय बैंक और लगातार भू-राजनीतिक चिंताएं – तो उम्मीद है कि सोने की कीमतें तेज गिरावट के बजाय रुक-रुक कर सुधार के साथ ऊंची बनी रहेंगी। वहीं अगर ये जोखिम बढ़ते हैं तो सोने की कीमत और बढ़ सकती है। मिडिल-ईस्ट में तनाव का बढ़ना, व्यापारिक संबंधों में लंबे समय तक चलने वाली समस्याएं या विकास संबंधी अप्रत्याशित चिंताएं जैसे नए वैश्विक झटके सुरक्षित निवेश की ओर प्रवाह को बढ़ाएंगे जिससे सोने में तेजी आएगी।

    वित्तीय सलाहकार फर्म पीएल कैपिटल की रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने इस साल सोने के ETF में अब तक का सबसे ज्यादा निवेश देखा है। सोना अगले साल भी ‘मध्यम से मजबूत सकारात्मक’ बना रहेगा। वहीं, चांदी भी अपनी रफ्तार बनाए रख सकती है। साल 2025 में चांदी में तेजी का मुख्य कारण औद्योगिक मांग में जबरदस्त उछाल है। रिपोर्ट में बताया गया है कि चांदी की आपूर्ति में लगातार कमी बनी हुई है, जो साल 2026 के लिए मजबूत संभावनाओं को और पुख्ता करती है। यानी चांदी की कीमत में तेजी बरकरार रह सकती है।

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