आइए अब भारत की बड़े नेताओं की जन्म पत्रिका से देखें की वर्ष 2026 में उनको किन राजनीतिक सफलताओं या विफलताओं का सामना करना पड़ सकता है।
योगी आदित्यनाथ के लिए नए साल की शुरुआत होगी कठिन
5 जून 1972 को सुबह 10 बज कर 54 मिनट पर उत्तराखंड के पौड़ी जिले में जन्में योगी आदित्यनाथ का जन्म लग्न सिंह है तथा चंद्र राशि कुम्भ है। सप्तम भाव में केमद्रुम के चन्द्रमा पर दशम भाव (कर्म स्थान) से पड़ रही शनि की दृष्टि ने उनको बेहद कम आयु में सन्यासी बना दिया। दशमेश शुक्र का लाभ के एकादश भाव में होना तथा एकादश भाव के स्वामी बुध का दशम भाव में होना एक अच्छा राशि परिवर्तन योग है जिसने मात्र 26 वर्ष की आयु में इनको संसद बनाया और बाद में यह वर्ष 2017 में बुध में शनि की विंशोत्तरी दशा में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। वर्तमान में शुक्र में शुक्र में राहु की विंशोत्तरी दशा इनकी जन्म पत्रिका में 31 जनवरी 2026 से 1 अगस्त 2026 तक चलेगी। प्रत्यंतर दशा नाथ राहु विवाद के छठे भाव में मकर राशि में बैठे हैं। मकर राशि के स्वामी शनि राज सत्ता के दशम भाव में हो कर इनको विरोधियों के साथ-साथ अपनी पार्टी के कुछ बड़े नेताओं से मतभेद और तनाव दे सकते हैं। किन्तु साल के अंत में शुक्र में शुक्र में गुरु की दशा इनके लिए सुखद होगी , और वर्ष 2027 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों से पूर्व यह कई बड़ी लोक-लुभावन योजनाएं प्रदेश के मतदाताओं के सामने रखेंगे।
आक्रामक राजनीतिक तेवरों ने नजर आएंगे अखिलेश यादव
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की उपलब्ध जन्म कुंडली उनके आधिकारिक जन्म विवरण से अलग है। 24 अक्टूबर 1972 को सुबह के समय इटावा में जन्मे अखिलेश यादव की जन्म कुंडली तुला लग्न की है तथा उनकी चंद्र राशि मेष है। वर्तमान में गुरु में मंगल की विंशोत्तरी दशा अखिलेश यादव की तुला लग्न की जन्म पत्रिका में अक्टूबर 2025 से सितंबर 2026 तक चलेगी। मंगल जन्म कुंडली में द्वादश और नवांश में अष्टम भाव में हो कर अखिलेश यादव को राजनीतिक रूप से इस वर्ष अधिक आक्रामक बना सकता है। सहयोगी पार्टी कांग्रेस से भी इनके कुछ बड़े मुद्दों पर मतभेद हो सकते हैं, किन्तु साल के अंत में गुरु में राहु की विंशोत्तरी दशा में इनको अपने विरोधियों पर कुछ बढ़त मिल सकती है। गुरु और राहु दोनों इनकी जन्म पत्रिका में लग्न से तीसरे और चंद्र से नवम भाव में हो कर अच्छी स्थिति में हैं।
प्रियंका गांधी को मिलेगी बड़ी जिम्मेदारी
12 जनवरी 1972 को सायं पांच बजकर पांच मिनट दिल्ली में पर जन्मी प्रियंका गांधी का जन्म लग्न मिथुन है तथा चंद्र राशि वृश्चिक है। मिथुन लग्न की इनको कुंडली में सूर्य, बुध और गुरु का शुभ योग लोकप्रियता और प्रसिद्धि के सप्तम भाव में बन रहा है। दशम भाव में मंगल शुभ स्थिति में षड्बल में सबसे बलवान ग्रह हैं। वर्ष 2025 से शीतकालीन संसदीय सत्र में अपने लोकसभा में दिए अच्छे भाषण के कारण चर्चा में रही प्रियंका गांधी की जन्म पत्रिका में सूर्य में गुरु की शुभ विंशोत्तरी दशा मार्च 2026 से जनवरी 2027 के बीच चलेगी। इस वर्ष 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों में प्रियंका गाँधी की राजनीतिक सक्रियता अधिक रहेगी और उनको पार्टी में कोई बड़ी जिम्मेदारी भी मार्च के बाद दी जा सकती है।
मई के बाद नीतीश कुमार पर बढ़ेगा इस्तीफा देने का दबाव
नीतीश कुमार का जन्म 1 मार्च 1951 को दोपहर एक बजकर बीस मिनट पर बख्तियारपुर में हुआ था। मिथुन लग्न की कुंडली में राहु भाग्य भाव में कर्मेश गुरु, लग्नेश बुध और तृतीयेश (सहयोगी) सूर्य के साथ एक शानदार राजयोग का निर्माण कर रहा है। दशम भाव में लाभ भाव के स्वामी मंगल का पंचमेश शुक्र से अच्छा धन योग बन रहा है। राहु में शुक्र की मजबूत विंशोत्तरी दशा में इन्होंने पहले वर्ष 2024 के लोक सभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया और फिर वर्ष 2025 के विधानसभा चुनावों में भी रिकॉर्ड जीत हासिल की। किन्तु अब नीतीश कुमार की जन्म पत्रिका में 31 मई 2026 से राहु में सूर्य की कठिन विंशोत्तरी दशा आ रही है। सूर्य इनकी जन्म कुंडली में अपनी शत्रु शनि की राशि कुम्भ में हो कर बेहद कमज़ोर है। नवांश कुंडली में सूर्य आप ग्रह शनि के साथ युत हो कर पीड़ित है जिसके चलते इनपर स्वास्थ्य में गिरावट के चलते अपने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देने का दबाव इस वर्ष मई के बाद तेज़ी से बढ़ेगा।
राहुल गांधी के लिए साल की शुरुआत साधारण किन्तु अंत में मिलेगी सफलता
राहुल गांधी का जन्म 19 जून 1970 को दोपहर 2 बज कर 28 मिनट पर दिल्ली में तुला लग्न उदय होने के समय हुआ था। उनकी लग्न तथा नवांश कुंडली में वक्री गुरु विराजमान हैं जो की पंचम भाव में बैठे राहु तथा नवम भाव में बैठे सूर्य और मंगल को दृष्टि दे रहे हैं। राहुल गांधी की कुंडली में दशमेश (राजसत्ता) के कारक ग्रह चन्द्रमा पराक्रम के तीसरे घर में बैठें हैं किन्तु चन्द्रमा के दोनों और किसी ग्रह के न होने से एक अशुभ ‘केमद्रुम योग’ का निर्माण हो रहा है। इसी केमद्रुम योग की कमज़ोरी की चलते राहुल गाँधी बड़ा श्रम करने के बावजूद अपने प्रतिद्वंद्वी नरेंद्र मोदी के करिश्माई व्यक्तित्व के आगे अक्सर चुनावी समर में हार जाते हैं। साल के शुरू में राहु में शनि में चन्द्रमा की विंशोत्तरी दशा अप्रैल 2026 तक इनके लिए साधारण रहेगी। बाद में जून 2026 से चल रही राहु में शनि में राहु की विंशोत्तरी दशा में राहुल गाँधी की लोकप्रियता बढ़ेगी।
साल की शुरुआत में कठिन चुनौतियों से जूझेंगे नरेंद्र मोदी
17 सितम्बर 1950 को वडनगर गुजरात में सुबह 11 बजे जन्मे नरेंद्र मोदी की जन्म कुंडली में लग्न में नवमेश चन्द्रमा और लग्नेश मंगल का अच्छा राजयोग बन रहा है। केंद्र में स्थिर राशि चतुर्थ भाव में बैठे गुरु और दशम भाव में बैठे शुक्र-शनि इनके राजयोग को स्थिरता दे रहे हैं। किन्तु राज्य के दशम भाव में स्वामी सूर्य का पाप ग्रह केतु और अष्टम और लाभ के स्वामी बुध से युत होना अचानक से कुछ कठिन निर्णय लेने के कारण इनको कुछ विवादों में लाने के ज्योतिषीय संकेत दे रहा है। मंगल में बुध की विंशोत्तरी दशा इनकी जन्म पत्रिका में 26 मई 2026 तक चलेगी। बुध की रहस्यमय ग्रह केतु से युति होने के चलते प्रधानमंत्री मोदी को इस वर्ष कुछ आश्चर्यजनक चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। साल के शुरू में बांग्लादेश में अस्थिरता के कारण पश्चिम बंगाल और असम में तनाव उभर सकता है। मई के बाद भारत में किसी आतंकी हमले के चलते भारत की पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान से युद्ध जैसे हालात उत्पन्न होंगे। इस बीच मंगल में बुध और फिर मंगल में केतु की विंशोत्तरी दशा में चल रहे प्रधानमंत्री मोदी कुछ विवादास्पद कठिनाइयों का सामना भी इस वर्ष कर सकते हैं।














