पाकिस्तान ने दावा किया है कि लाखों पाकिस्तानियों पर इससे मानवाधिकार और खाद्य सुरक्षा का संकट पैदा हो गया है। 11 दिसंबर को UNSC अध्यक्ष, संयुक्त राष्ट्र महासचिव और संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष को भेजे गए एक संदेश में पाकिस्तान ने भारत के फैसले का विरोध किया। पाकिस्तान के उप प्रधान मंत्री और विदेश मंत्री मोहम्मद इशाक डार ने संधि के निलंबन के बाद भारत पर पानी को लगातार हथियार बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने चेतावनी दी कि इससे ‘क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा’ पैदा हो गया है।
पाकिस्तान की खेती पड़ सकती है खतरे में
चार पन्नों के इस पत्र में पाकिस्तान ने ‘भारत-पाकिस्तान सवाल’ एजेंडा आइटम के तहत एक ऑफिशियल सिक्योरिटी काउंसिल डॉक्यूमेंट के तौर पर सर्कुलेट करने की कोशिश की है। यह तर्क दिया गया है कि पानी के बहाव में कोई भी रुकावट 240 मिलियन लोगों को प्रभावित करने वाला मानवीय संकट पैदा कर सकती है। पाकिस्तान का दावा है कि इससे पाकिस्तान की खेती और खाने की सप्लाई खतरे में पड़ सकती है। पाकिस्तान ने UN जनरल असेंबली और मानवाधिकार परिषद के उन प्रस्तावों का भी हवाला दिया है, जो पानी तक पहुंच को मानवाधिकार मानते हैं।
नॉन नेविगेशन इस्तेमाल पर कन्वेंशन शामिल
पाकिस्तान का यह भी दावा है कि पहलगाम हमले के बहाने पर भारत ने IWT को एकतरफा सस्पेंड कर दिया और यह कस्टमरी इंटरनेशनल लॉ का उल्लंघन है, जिसमें इंटरनेशनल वॉटरकोर्स के नॉन-नेविगेशनल इस्तेमाल पर UN कन्वेंशन भी शामिल है। यह चेतावनी दी गई है कि यह कदम एक ‘परेशान करने वाली मिसाल’ कायम करता है, जिससे देश रणनीतिक या राजनीतिक उद्देश्यों को छिपाने के लिए ‘बदले हुए हालात’ के आधार पर संधियों से बाहर निकल सकते हैं।
IWT सस्पेंशन पर चिंता जता रहा पाकिस्तान
पाकिस्तान अपने मामले को मजबूत करने के लिए पांच UN एक्सपर्ट्स और स्पेशल रैपोर्टर्स के हालिया लेटर पर भी भरोसा कर रहा है, जिन्हें 15 दिसंबर को पब्लिक किया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, इस कम्युनिकेशन में पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ भारत के ‘विश्वसनीय सबूत’ के बिना बल प्रयोग और एकतरफा IWT सस्पेंशन पर चिंता जताई गई है।














