2 हिस्सों में बांटा गया ड्राफ्ट
एएनआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने एआई ड्राफ्ट को 2 भागों में बांटा है। इसके पहले भाग में रिलांयस के अंदरूनी कामकाज को एआई से बदलने पर फोकस है। दूसरा भाग, भारत के एआई ट्रांसफॉर्मेशन पर है। दरअसल, भारत की डिजिटल क्रांति में लीड करने वाली रिलायंस अब एआई के क्षेत्र में भी अपने दबदबे को कायम करना चाहती है।
क्या खास है रिलायंस के एआई मेनिफेस्टो में?
- रिलायंस खुद को एआई नेटिव डीप टेक कंपनी में बदलना चाहती है। एक ऐसी कंपनी जो एआई को केंद्र में रखकर अपने हर काम को करेगी।
- कंपनी का एक विजन बहुत क्लीयर है। वह यह कि एआई को सस्ता बनाया जाए। कंपनी एआई तकनीक को हर आम नागरिक तक पहुंचाने का लक्ष्य रखती है ताकि देश की इकॉनमी के साथ-साथ जिंदगियों में भी बदलाव लाया जा सके। अभी कुछ महीनों पहले ही रिलायंस और गूगल के बीच पार्टनरशिप हुई है, जिसके तहत गूगल जेमिनी का प्रो सब्सक्रिप्शन, जियो के मोबाइल ग्राहकों को रिचार्ज प्लान के साथ मुफ्त में दिया जा रहा है। इसकी कीमत करीब 33 हजार रुपये है।
- कंपनी अपने कामकाज में बदलाव लाना चाहती है और इसके केंद्र में एआई होगा। मुमकिन है कि आने वाले वक्त में यह बदलाव दिखाई देगा।
- इसके अलावा कंपनी देशभर में अपने नेटवर्क का इस्तेमाल करके एआई के प्रभाव को बढ़ाना चाहती है। वह टेक्नोलॉजी, एनर्जी ओर हेल्थ केयर के सेक्टर में एआई के विस्तार पर काम करने को लेकर आगे बढ़ सकती है।
जो टेलिकॉम के क्षेत्र में हुआ, वही होगा?
रिलायंस के एआई विजन ने टेलिकॉम के क्षेत्र में आई क्रांति को ताजा किया है। टेलिकॉम की दुनिया में सबसे नई कंपनी जियो आज देश की सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी है। जियो ने 4जी मोबाइल नेटवर्क और सस्ते डेटा रिचार्ज से जो तहलका भारत की टेलिकॉम इंडस्ट्री में मचाया, कुछ वैसा ही एआई के क्षेत्र में अब हो सकता है।














