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  • Pakistan and World Bank: ₹63000000000 से चमकेगी पाकिस्तान की किस्मत! उधारी पर चल रही गाड़ी, अब कहां से मिला लोन?

    नई दिल्ली: पाकिस्तान की गाड़ी इस समय उधारी पर चल रही है। जब भी पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था हिचकोले लेती है, दुनिया की कोई न कोई इंटरनेशनल संस्था उसे उधार देने के लिए आगे आ जाती है। ऐसी ही मदद अब वर्ल्ड बैंक ने की है। वर्ल्ड बैंक ने पाकिस्तान को 700 मिलियन डॉलर (करीब 6270


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    By Azad Hind Desk दिसम्बर 20, 2025
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    नई दिल्ली: पाकिस्तान की गाड़ी इस समय उधारी पर चल रही है। जब भी पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था हिचकोले लेती है, दुनिया की कोई न कोई इंटरनेशनल संस्था उसे उधार देने के लिए आगे आ जाती है। ऐसी ही मदद अब वर्ल्ड बैंक ने की है। वर्ल्ड बैंक ने पाकिस्तान को 700 मिलियन डॉलर (करीब 6270 हजार करोड़ रुपये) की नई वित्तीय सहायता मंजूर की है। यह पैसा एक बड़े कार्यक्रम का हिस्सा है जिसका मकसद पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को स्थिर करना और सरकारी सेवाओं को बेहतर बनाना है। कुछ समय पहले आईएमएफ ने भी पाकिस्तान को 7 अरब डॉलर का फंड मंजूर किया था।

    रॉयटर्स के मुताबिक वर्ल्ड बैंक की ओर से पाकिस्तान को यह फंडिंग पब्लिक रिसोर्सेज फॉर इंक्लूसिव डेवलपमेंट- मल्टीफेज प्रोग्रामेटिक अप्रोच (PRID-MPA) के तहत दी गई है। इस फ्रेमवर्क के जीए पाकिस्तान को कई चरणों में 1.35 अरब डॉलर तक मिल सकते हैं। विश्व बैंक ने कहा है कि यह ताजा मंजूरी इस बड़े कार्यक्रम का एक अहम हिस्सा है।
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    कहां खर्च होगी यह रकम

    इस 700 मिलियन डॉलर में से 600 मिलियन डॉलर केंद्र सरकार के कार्यक्रमों के लिए जाएंगे। वहीं 100 मिलियन डॉलर पाकिस्तान के दक्षिणी प्रांत सिंध में एक प्रांतीय योजना के लिए इस्तेमाल होंगे। इस पैसे का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय और प्रांतीय स्तर पर सरकारी संसाधनों को मजबूत करना और जरूरी सेवाओं की डिलीवरी को बेहतर बनाना है।

    यह मंजूरी कुछ महीने पहले अगस्त में दी गई 47.9 मिलियन डॉलर की उस ग्रांट के बाद आई है, जो विश्व बैंक ने पंजाब में प्राथमिक शिक्षा सुधारों के लिए दी थी। पंजाब पाकिस्तान का सबसे ज्यादा आबादी वाला प्रांत है। ये दोनों वित्तीय फैसले दिखाते हैं कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को स्थिर करने और उसकी पुरानी समस्याओं से निपटने में बहुपक्षीय ऋणदाता (जैसे वर्ल्ड बैंक, IMF) उसकी मदद कर रहे हैं।

    कई चिंताएं आई सामने

    पाकिस्तान में शासन (गवर्नेंस) और संस्थागत कमजोरियों को लेकर चिंताएं बनी हुई हैं। नवंबर में पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय की ओर से जारी की गई आईएमएफ-विश्व बैंक की एक रिपोर्ट में गंभीर समस्याओं का जिक्र किया गया था। इनमें नियमों का बिखरा होना, बजट बनाने के अपारदर्शी तरीके और सरकारी संसाधनों पर राजनीतिक दखलंदाजी शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार, इन वजहों से निवेश कम हो रहा है और देश का राजस्व आधार (पैसा कमाने की क्षमता) कमजोर हो रहा है। इससे आर्थिक सुधारों का असर भी सीमित हो रहा है।

    उधार पर निर्भर पाकिस्तान

    वर्ल्ड बैंक से यह नई वित्तीय सहायता ऐसे समय में आई है जब पाकिस्तान अपनी अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए उधार यानी बाहरी फंडिंग पर बहुत ज्यादा निर्भर है। धीमी आर्थिक वृद्धि और बहुपक्षीय संस्थानों से लगातार उधार लेने के कारण सार्वजनिक कर्ज बढ़ता जा रहा है।

    हाल ही में IMF और अन्य ऋणदाताओं से मिले पैसे से विदेशी मुद्रा भंडार (फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व) को सहारा मिला है और वित्तीय घाटे को कम करने के प्रयासों में मदद मिली है। लेकिन कर्ज का बोझ अभी भी ज्यादा है। इन चुनौतियों के बावजूद, पिछले दो सालों की अस्थिरता के बाद पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में धीरे-धीरे सुधार के संकेत दिख रहे हैं।

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