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  • PPF से लेकर सुकन्या समृद्धि योजना तक, छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में क्या हुआ बदलाव?

    नई दिल्ली: सरकार ने बुधवार को मार्च तिमाही (जनवरी से मार्च 2026) के लिए डाकघर की दर्जन भर छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें वही रखी हैं। इनमें टैक्स बचाने वाली पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) और सुकन्या समृद्धि खाते भी शामिल हैं। यह लगातार आठवीं तिमाही है जब इन योजनाओं पर ब्याज दरें बदली नहीं


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    By Azad Hind Desk दिसम्बर 31, 2025
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    नई दिल्ली: सरकार ने बुधवार को मार्च तिमाही (जनवरी से मार्च 2026) के लिए डाकघर की दर्जन भर छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें वही रखी हैं। इनमें टैक्स बचाने वाली पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) और सुकन्या समृद्धि खाते भी शामिल हैं। यह लगातार आठवीं तिमाही है जब इन योजनाओं पर ब्याज दरें बदली नहीं गई हैं। हालांकि, पिछले एक साल में रिजर्व बैंक ने अपनी मुख्य उधारी दर (रेपो रेट) में कुल 125 बेसिस पॉइंट की कटौती की है।

    छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें तय करते समय, सरकार आमतौर पर सरकारी प्रतिभूतियों की अनुमानित कमाई को ध्यान में रखती है। इन प्रतिभूतियों की अवधि भी छोटी बचत योजनाओं के समान होती है। हाल के दिनों में इन प्रतिभूतियों की कमाई में भी कमी आई है।
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    कितनी मिलेगी ब्याज दर

    • सुकन्या समृद्धि (SSY) खातों पर 8.2% की ब्याज दर बरकरार रखी गई है। यह स्मॉल सेविंग्स में सबसे ज्यादा ब्याज दर है।
    • पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) में जमा राशि पर मार्च तिमाही के लिए 7.1% ब्याज मिलता रहेगा।
    • सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (SCSS) पर 8.2% ब्याज दर मिलेगी।
    • नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC) पर 7.7% ब्याज स्थिर रखा है।
    • किसान विकास पत्र (KVP) पर 7.5% ब्याज मिलेगा। यह ब्याज 115 महीने की निवेश अवधि के लिए है।
    • सेविंग्स डिपॉजिट पर 4%, एक साल की जमा पर 6.9%, दो साल की जमा पर 7%, तीन साल की जमा पर 7.1% और पांच साल की जमा पर 7.5% ब्याज मिलेगा।
    • पांच साल की रिकरिंग डिपॉजिट पर 6.7% और मंथली इनकम अकाउंट स्कीम पर 7.4% ब्याज दरें स्थिर रखी हैं।

    सरकार क्या करती है इस पैसे का?

    छोटी बचत योजनाओं से जो पैसा इकट्ठा होता है, उसका इस्तेमाल सरकार अपने राजकोषीय घाटे को पूरा करने के लिए करती है। सरकार का लक्ष्य वित्त वर्ष 2026 में नेशनल स्मॉल सेविंग्स फंड से 3.43 लाख करोड़ रुपये जुटाने का है। यह पिछले साल के संशोधित अनुमान 4.12 लाख करोड़ रुपये से कम है। केंद्र सरकार का लक्ष्य वित्त वर्ष 2026 में अपने राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 4.4% तक लाना है, जो पिछले साल 4.8% था।

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