यह डील मध्यम आकार की होगी। इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार यह डील रिलायंस की कैम्पा सॉफ्ट ड्रिंक्स और वेलवेट शैंपू जैसी पिछली खरीदारियों जैसी ही होगी। इसका मकसद पहले क्षेत्रीय बाजारों में अपनी पकड़ बनाना और फिर पूरे देश में विस्तार करना है। चेन्नई की उधायम एग्रो का क्षेत्रीय बाजारों में मुकाबला टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, आईडी फ्रेश फूड और एमटीआर जैसी कंपनियों से है। ऐसे में उधायम एग्रो को खरीदने के बाद रिलायंस का मुकाबला भी टाटा समेत अन्य कंपनियों से हो जाएगा।
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प्रमोटर रखेंगे छोटी हिस्सेदारी
कंपनी के प्रमोटर एस सुधाकर और एस दिनकर कंपनी में अपनी छोटी हिस्सेदारी बनाए रखेंगे। उधायम एग्रो फूड्स की पैरेंट कंपनी श्री लक्ष्मी एग्रो फूड्स ने इसी साल जुलाई में उधायम एग्रो फूड्स को एक अनलिस्टेड प्राइवेट कंपनी के तौर पर शुरू किया था। सुधाकर और दिनकर इसके फाउंडिंग डायरेक्टर्स हैं।
रिलायंस ने ट्रांसफर किया बिजनेस
यह खबर ऐसे समय में आई है जब रिलायंस रिटेल ने हाल ही में अपने एफएमसीजी (फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स) बिजनेस को न्यू आरसीपीएल में ट्रांसफर किया है। न्यू आरसीपीएल रिलायंस इंडस्ट्रीज की एक नई डायरेक्ट सब्सिडियरी है। इसका मकसद अपने पैक्ड कंज्यूमर बिजनेस पर ज्यादा ध्यान देना है। इस बिजनेस में कैम्पा, श्योर वॉटर और स्पिनर स्पोर्ट्स ड्रिंक्स जैसे पेय पदार्थ हैं। साथ ही इसमें सिल जैम, लोटस चॉकलेट और एलन बगल्स चिप्स जैसे फूड ब्रांड्स भी हैं। वेलवेट पर्सनल केयर और तिरा ब्यूटी जैसे प्रोडक्ट्स भी न्यू आरसीपीएल रिलायंस इंडस्ट्रीज में शामिल हैं।
कैसा है भारत का पैक्ड फूड मार्केट
इमारक ग्रुप (Imarc Group) के अनुसार भारत का पैक्ड फूड मार्केट साल 2033 तक 224.8 अरब डॉलर की बिक्री दर्ज करेगा। यह साल 2025 से 2033 के बीच 6.5% की सीएजीआर (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट) से बढ़ेगा। कंपनी ने कहा कि साल 2024 में बिक्री 121.3 अरब डॉलर थी। इस ग्रोथ का कारण तेजी से शहरीकरण, सुविधा वाले भोजन की मांग और ऑनलाइन फूड डिलीवरी का बढ़ना है।














