कीमती धातुओं में बाजार की तेजी पिछले हफ्ते की शुरुआत में तब बढ़ी जब अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की घोषणा की। इससे डॉलर इंडेक्स लगभग दो महीने के निचले स्तर 98.32 पर आ गया। इस कदम से सोना और चांदी दोनों को सहारा मिला। सोने की कीमतें वैश्विक स्तर पर लगभग दो महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गईं और चांदी ने नए रिकॉर्ड स्तर बनाए। एक्सपर्ट ने चांदी की कीमतों को लेकर चेतावनी भी दी है। एक्सपर्ट के मुताबिक इसकी कीमत में गिरावट आ सकती है।
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2025 में चांदी का शानदार प्रदर्शन
साल 2025 चांदी के लिए बेहद खास रहा है। चांदी ने 2024 में 20% से ज्यादा का रिटर्न देने के बाद 2025 में भी अपनी शानदार चाल जारी रखी। साल 2025 में चांदी की कीमतों में 100% से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई, जो 1979 के बाद सबसे बड़ी सालाना बढ़ोतरी है। चांदी ने कई सालों से चली आ रही एक बड़ी कंसॉलिडेशन (स्थिरता) की स्थिति को तोड़ा है। यह 2011-2013 के दौरान बने एक बड़े ‘राउंडिंग बॉटम’ पैटर्न से बाहर निकली है।
क्या गिरेगी सोने-चांदी की कीमत?
विश्लेषकों का मानना है कि पिछले हफ्ते की यह उथल-पुथल आने वाले दिनों में भी जारी रह सकती है। Prithvifinmart Commodity Research के मनोज कुमार जैन के अनुसार, सोना और चांदी में दिन के दौरान बड़ी हलचल देखने को मिल सकती है, लेकिन ये वैश्विक बाजारों में अपने प्रमुख सपोर्ट स्तरों 2,140 डॉलर और 27.20 डॉलर प्रति ट्रॉय औंस से ऊपर बने रह सकते हैं।
वीटी मार्केट्स के सीनियर मार्केट एनालिस्ट जस्टिन खू ने कहा कि चांदी 63 डॉलर प्रति औंस से ऊपर अपने ऑल-टाइम हाई पर पहुंच गई है। चांदी तकनीकी रूप से ओवरस्ट्रेच्ड है। एनरिच मनी के सीईओ पोनमुडी आर ने कहा कि निकट अवधि की गति धीमी पड़ रही है, भले ही व्यापक तेजी का ढांचा बरकरार है। उन्होंने चेतावनी दी कि 1,90,000 रुपये से नीचे टूटने पर कीमतें 1,85,000 से 1,80,000 रुपये की ओर गिर सकती हैं।














