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  • Sim Box से स्कैम करने वाले 3 साइबर ठग गिरफ्त में, जानें क्या है ठगी का ये तरीका और कैसे बच सकते हैं आप?

    जांच एजेंसी CBI ने हाल ही में एक बड़े साइबर अपराध नेटवर्क पर छापेमारी की। यह कार्रवाई दिल्ली, नोएडा और चंडीगढ़ में हुई। इस दौरान अपराधियों के पास से 21 हजार से ज्यादा गैरकानूनी सिम कार्ड मिले। ये अपराधी सिम बॉक्स नाम के डिवाइस का इस्तेमाल करके लोगों को ठग रहे थे। जांच में पता


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    By Azad Hind Desk दिसम्बर 28, 2025
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    जांच एजेंसी CBI ने हाल ही में एक बड़े साइबर अपराध नेटवर्क पर छापेमारी की। यह कार्रवाई दिल्ली, नोएडा और चंडीगढ़ में हुई। इस दौरान अपराधियों के पास से 21 हजार से ज्यादा गैरकानूनी सिम कार्ड मिले। ये अपराधी सिम बॉक्स नाम के डिवाइस का इस्तेमाल करके लोगों को ठग रहे थे। जांच में पता चला कि ये लोग बड़े पैमाने पर फिशिंग कर रहे थे। फिशिंग मतलब लोगों को झूठे मैसेज भेजकर उनके बैंक खाते की जानकारी चुराना। इस कार्रवाई को ऑपरेशन चक्र-5 कहा जा रहा है। तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।

    सिम बॉक्स स्कैम क्या है ?

    टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट (Ref.) के मुताबिक, सिम बॉक्स एक खास तरह का डिवाइस है जिसमें एक साथ सैकड़ों या हजारों सिम कार्ड लगाए जा सकते हैं। अपराधी इसका इस्तेमाल विदेश से आने वाली कॉल्स को लोकल कॉल्स दिखाने के लिए करते हैं। इससे वे टेलीकॉम कंपनियों के पैसे और नियमों से बच जाते हैं। ये बॉक्स बड़े पैमाने पर SMS भेजने के काम आते हैं। इन SMS में झूठे लिंक, फेक लोन के ऑफर या निवेश की स्कीम होती हैं। अपराधी इन मैसेज को लोकल नंबर से भेजते हैं, इसलिए उनका पता लगाना बहुत मुश्किल हो जाता है। इस तरह वे आसानी से लोगों को ठगते हैं।

    सिम बॉक्स स्कैम कैसे चलता है?

    ये स्कैम तब शुरू होता है जब अपराधी फर्जी कागजात से हजारों सिम कार्ड खरीदते हैं। ये सिम बॉक्स में लगाकर कंप्यूटर सर्वर और इंटरनेट डोंगल से जोड़ते हैं। फिर एक दिन में लाखों मैसेज भेजते हैं। ये मैसेज लोगों को लिंक क्लिक करने को कहते हैं या बैंक की जानकारी मांगते हैं। सीबीआई की जांच से पता चला कि विदेशी अपराधी भी इन भारतीय नेटवर्क का इस्तेमाल करके हमारे देश के लोगों को ठग रहे हैं। इससे ये स्कैम सिर्फ भारत तक नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर का हो गया है। अपराधी क्रिप्टोकरेंसी का भी इस्तेमाल करते हैं।

    खुद को कैसे बचाएं?

    सबसे जरूरी है कि संदिग्ध मैसेज पर ध्यान दें। लोन, निवेश या नौकरी के लालच देने वाले लिंक पर कभी क्लिक न करें। मैसेज भेजने वाले नंबर को अच्छे से देखें, अगर अजीब या नया नंबर हो तो भरोसा न करें। अगर शक हो तो तुरंत cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें। अपने फोन में स्पैम ब्लॉक करने वाला फिल्टर ऑन रखें। अगर गलती से जानकारी दे दी हो तो फौरन बैंक को बताएं और पासवर्ड बदलें। ये छोटी-छोटी सावधानियां अपनाकर आप इस स्कैम से खुद को और अपने परिवार को बचा सकते हैं।

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