पहले जान लीजिए निराशाजनक बताने के कारण
हरभजन सिंह का कहना है कि विराट कोहली के पास जिस तरह की टीम थी, उन्हें 3-4 आईसीसी ट्रॉफी जीतनी चाहिए थी। उन्होंने विराट के कार्यकाल में टीम इंडिया के कोई भी बड़ी व्हाइट बॉल ट्रॉफी नहीं जीत पाने के कारण उसे निराशाजनक बताया है। टॉम मूडी ने विराट कोहली के कार्यकाल को उच्च अपेक्षाओं वाला युग बताया, जो निराशाजनक तरीके से बीत गया। उन्होंने भी विराट कोहली की कप्तानी में वनडे या टी20 में बड़ी सफलता नहीं मिलने को इसका कारण बताया है। एरोन फिंच ने भी कुछ इसी तरह के तर्क दिए हैं। हालांकि विराट कोहली की कप्तानी में आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के लिए लंबे समय तक खेले एबी डिविलियर्स ने इसे बेकार की बहस करार दिया। उन्होंने कहा कि किसी कप्तान ने वर्ल्ड कप जीता है या नहीं, इस आधार पर उसका मूल्यांकन करने की बात से सच कहूं तो मुझे चिढ़ होती है, क्योंकि यह अनुचित है।
कोहली की कप्तानी का रिकॉर्ड
- 68 टेस्ट मैच में 40 जीत, 17 हार व 11 ड्रॉ
- 95 वनडे मैच में 65 जीत, 27 हार, 1 टाई व 2 नो रिजल्ट
- 50 टी20I में 30 जीत, 16 हार, 2 टाई और 2 नो रिजल्ट
Winning % में भारत के सबसे सफल कप्तान
| वनडे क्रिकेट (कम से कम 50 मैच) | |||||
| खिलाड़ी का नाम | मैच | जीत | हार | टाई/NR | विनिंग % |
| रोहित शर्मा | 56 | 42 | 12 | 2 | 75.00% |
| विराट कोहली | 95 | 65 | 27 | 3 | 68.42% |
| एम एस धोनी | 200 | 110 | 74 | 16 | 55.00% |
| राहुल द्रविड़ | 79 | 42 | 33 | 4 | 53.16% |
| कपिल देव | 74 | 39 | 33 | 2 | 52.70% |
| टेस्ट क्रिकेट (कम से कम 20 मैच) | |||||
| खिलाड़ी का नाम | मैच | जीत | हार | ड्रॉ | विनिंग % |
| विराट कोहली | 68 | 40 | 17 | 11 | 58.82% |
| रोहित शर्मा | 24 | 12 | 9 | 3 | 50.00% |
| एम एस धोनी | 60 | 27 | 18 | 15 | 45.00% |
| सौरव गांगुली | 49 | 21 | 13 | 15 | 42.85% |
| राहुल द्रविड़ | 25 | 8 | 6 | 11 | 32.00% |
| टी20 क्रिकेट (कम से कम 20 मैच) | |||||
| खिलाड़ी का नाम | मैच | जीत | हार | टाई/NR | विनिंग % |
| रोहित शर्मा | 62 | 49 | 12 | 1 | 79.03% |
| सूर्यकुमार यादव | 38 | 28 | 6 | 4 | 73.68% |
| विराट कोहली | 50 | 30 | 16 | 4 | 60.00% |
| एम एस धोनी | 72 | 41 | 28 | 3 | 56.94% |
क्यों यादगार माना जाता है कोहली की कप्तानी का दौर
विराट कोहली की कप्तानी के दौर को भारतीय क्रिकेट का ‘ट्रांजिशन फेज’ कहा जाता है। इसी कारण यह यादगार युग रहा है। कोहली की कप्तानी में भारत ने खुद को टेस्ट मैच में ड्रॉ के लिए नहीं बल्कि आक्रामक क्रिकेट खेलकर रिजल्ट निकालने वाली टीम में बदला था। कम से कम टेस्ट क्रिकेट में टीम इंडिया लगभग सभी देशों में अजेय जैसी दिखाई दी थी, जबकि व्हाइट बॉल क्रिकेट में भी यदि आईसीसी टूर्नामेंट्स को छोड़ दें तो द्विपक्षीय सीरीजों में वह विजेता बनकर उभरी थी। यह कहा जा सकता है कि उस दौर में टीम इंडिया की इमेज ‘घर की शेर’ से बदलकर ‘विदेशी धरती की विजेता’ वाली बनी थी। खासतौर पर उस दौर को टीम इंडिया के लिए ‘फिटनेस फर्स्ट’ मानक तैयार करने वाला माना जाता है, जिसके चलते बेहतरीन फिटनेस वाले क्रिकेटरों से लैस मौजूदा टीम इंडिया हासिल हुई है।
विराट की कप्तानी की खास उपलब्धियां
- अक्टूबर 2016 से अप्रैल 2020 तक करीब 42 महीने टीम इंडिया दुनिया की नंबर-1 टेस्ट टीम रही।
- लगातार 5 साल तक भारत ने नंबर-1 टेस्ट टीम के तौर पर साल खत्म कर ‘ICC टेस्ट गदा’ हासिल की।
- 2018 में विराट की कप्तानी में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में 2-1 से टेस्ट सीरीज हराकर दिखाई।
- ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीतने वाले विराट पहले भारतीय ही नहीं पहले एशियाई कप्तान भी बने।
- विराट की कप्तानी में भारत ने SENA देशों में जाकर टेस्ट मैच जीतने का कारनामा करके दिखाया।
- 2018 में पहली बार साउथ अफ्रीका में 5-1 से वनडे सीरीज जीती तो 2020 में न्यूजीलैंड में 5-0 से टी20 सीरीज में क्लीन स्वीप किया।
विराट की कप्तानी में आईसीसी टूर्नामेंट्स
- 2008 में विराट कोहली की कप्तानी में भारत ने अंडर-19 वर्ल्ड कप खिताब जीता था।
- 2017 में ICC चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में पाकिस्तान से 180 रनों की करारी हार मिली।
- 2019 में ICC वनडे वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ 18 रन से हार मिली।
- 2021 में ICC टी20 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान-न्यूजीलैंड से हार के बाद ग्रुप स्टेज में ही बाहर हो गए।
- 2021 में ICC वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल न्यूजीलैंड के खिलाफ हारकर उपविजेता रहे थे।














