एंजल और माइकल के साथ झगड़ा करने से पहले आरोपियों की क्या प्लानिंग थी। किस बात पर उन्होंने हमला किया और उसके बाद कहां फरार हो गए, आइए हम इस बारे में डिटेल में जानते हैं। बात 9 दिसंबर की है। सूरज ख्वास नाम के आरोपी के बेटे का पहला जन्मदिन था। तो उसने दोस्तों संग पार्टी करने की प्लानिंग की। उसने अपने 5 दोस्तों को देहरादून की सेलाकुई मार्केट में बुलाया। तय हुआ कि शराब खरीदेंगे और अन्य दोस्त अविनाश नेगी की चाय की दुकान पर पार्टी करेंगे। 26 दिसंबर को एंजल की इलाज के दौरान मौत हो गई। उसके सिर और पीठ में गहरी चोट थी।
शराब की दुकान पर शुरू हुआ झगड़ा
सूरज ने जिन दोस्तों को पार्टी के लिए बुलाया था, उनमें यज्ञ राज अवस्थी, सुमित और दो नाबालिग भी शामिल थे। ये सभी शराब की दुकान के बाहर इकट्ठा हुए और यहीं पर इनकी एंजल और माइकल के साथ कहासुनी शुरू हो गई। कुछ ही मिनटों में झगड़े ने खूनी रूप ले लिया। पुलिस में दी गई माइकल की शिकायत के मुताबिक इन लोगों ने उन पर पहले नस्लीय टिप्पणी की और बाद में जानलेवा हमला किया।
सबसे छोटे का दिमाग सबसे गरम, किया पहला हमला
जांच में जुटे एक पुलिस ऑफिसर के मुताबिक झगड़ा तब शुरू हुआ, जब सभी 6 आरोपी चमका भाइयों को देखकर हंसने में लगे हुए थे। जब उन्होंने पूछा कि क्यों हंस रहे तो इस पर झगड़ा शुरू हो गया। इस ग्रुप में जो सबसे कम उम्र का था, उसी का माथा सबसे गरम था। उसने अपने कड़े से माइकल के सिर पर जोरदार वार किया। इसके बाद सभी ने एंजल और माइकल को बुरी तरह से पीटना शुरू कर दिया। इतने में ही अवस्थी ने फल की रेहड़ी से चाकू उठाया और एंजल पर जोरदार हमला बोल दिया। यज्ञ राज अवस्थी का पिता हरिद्वार के एक मंदिर में पुजारी है।
हमले के बाद की पार्टी
बवाल बढ़ गया था, लेकिन आरोपियों ने पार्टी करने का अपना इरादा नहीं छोड़ा। यह दिखाता है कि उनके मन में न तो कानून को लेकर कोई खौफ था ना ही बेवजह जानलेवा हमला करने का पछतावा। सभी ने जमकर शराब पार्टी की। यही नहीं आरोपी कई दिन तक घर भी नहीं लौटे। यहां तक कि लौटने के बाद भी परिवार को पुलिस के आने बाद मामले का पता चला।














