पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने यूएई के राष्ट्रपति के इस दौरे को लेकर कहा है कि शेख मोहम्मद और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करेंगे और क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर बातचीत करेंगे। पाकिस्तान के अधिकारियों का कहना है कि व्यापार, निवेश, ऊर्जा, विकास परियोजनाओं और क्षेत्रीय सुरक्षा जैसे अहम क्षेत्रों में समझौतों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है।
पाकिस्तान दौरे पर पहुंचे UAE के राष्ट्रपति
इसी साल अप्रैल में दोनों देशों ने संस्कृति, कांसुलर मामलों और ट्रेड काउंसिल की स्थापना से जुड़े तीन समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर दस्तखत किए थे। माना जा रहा है कि यह दौरा, उन समझौतों को आगे बढ़ाने और उन्हें ठोस निवेश में बदलने की दिशा में अहम साबित हो सकता है। UAE और पाकिस्तान के रिश्तों की एक मजबूत कड़ी वहां रहने वाला पाकिस्तानी प्रवासी समुदाय है।
अनुमान के मुताबिक, UAE में करीब 17 से 19 लाख पाकिस्तानी नागरिक रहते और काम करते हैं, जो भारतीयों के बाद दूसरा सबसे बड़ा प्रवासी समूह है। ये प्रवासी मुख्य रूप से निर्माण, व्यापार, सेवाओं, बैंकिंग और मजदूरी जैसे क्षेत्र में काम करते हैं। UAE से आने वाला रेमिटेंस पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के लिए बेहद अहम माना जाता है और विदेशी मुद्रा का एक बड़ा स्रोत है।
क्या सऊदी की तरफ UAE भी करेगा रक्षा समझौता?
संयुक्त अरब अमीरात के भारत के साथ काफी मजबूत रिश्ते हैं, इसीलिए यूएई के राष्ट्रपति के इस दौरे पर भारत की भी नजर होगी। ऐसा इसलिए भी क्योंकि पिछले दिनों पाकिस्तान ने अचानक सऊदी अरब के साथ रक्षा समझौता कर दुनिया को चौंका दिया था। इसीलिए सवाल उठ रहे हैं क्या यूएई तो पाकिस्तान के साथ इस तरह का कोई समझौता नहीं करने वाला है? पाकिस्तान और UAE के बीच रक्षा सहयोग मजबूत रहा है, हालांकि अभी दोनों देशों के बीच सऊदी अरब जैसी कोई औपचारिक पारस्परिक रक्षा संधि नहीं है।
UAE राष्ट्रपति के पाकिस्तान दौरे का भारत पर क्या असर?
यूएई और पाकिस्तान के बीच मौजूदा सहयोग मुख्य रूप से सैन्य प्रशिक्षण, संयुक्त अभ्यास और सशस्त्र बलों के बीच कॉर्डिनेशन तक ही सीमित है। दोनों देशों ने नियमित संयुक्त सैन्य अभ्यास किए हैं, जिनमें आतंकवाद-रोधी ड्रिल भी शामिल हैं। इस साल पाकिस्तान ने UAE के नौसेना प्रमुख को एक शीर्ष सैन्य सम्मान से भी नवाजा था। माना जा रहा है कि शेख मोहम्मद की विदेश नीति सुरक्षा और संस्थागत स्थिरता पर केंद्रित है, ऐसे में अगर पाकिस्तान राजनीतिक और आर्थिक स्थिरता का भरोसा देता है, तो आने वाले समय में UAE पाकिस्तान में निवेश के रास्ते खोल सकता है।
यूएई अगर पाकिस्तान के साथ कोई सऊदी की तरह रक्षा समझौता नहीं करता है, तो भारत पर इस दौरे का कोई असर नहीं होगा। भारत और यूएई पहले ही द्विपक्षीय कारोबार को 100 अरब डॉलर तक पहुंचाने के लिए फ्री ट्रेड एग्रीमेंट कर चुके हैं, जबकि पाकिस्तान और यूएई के बीच का कारोबार सीमित है।














