खास बात यह रही कि इतनी तेज रफ्तार के बावजूद, ट्रेन में रखे पानी के गिलास बिल्कुल भी नहीं हिले और पानी का एक बूंद भी नहीं गिरा। यह ट्रेन की बेहतरीन टेक्नोलॉजी का सबूत है। अश्विनी वैष्णव ने एक्स पर लिखा, ‘वंदे भारत स्लीपर का आज कमिश्नर रेलवे सेफ्टी द्वारा परीक्षण किया गया। यह कोटा-नागदा सेक्शन के बीच 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ी। और हमारे अपने वाटर टेस्ट ने इस नई पीढ़ी की ट्रेन की तकनीकी विशेषताओं का प्रदर्शन किया।’
Vande Bharat Sleeper Train: नए साल पर हावड़ा से दिल्ली के लिए शुरू हो सकती है वंदे भारत स्लीपर ट्रेन, बंगाल चुनाव से पहले बड़ी तैयारी
जल्द शुरू होगी ट्रेन
यह वंदे भारत स्लीपर ट्रेन जल्द ही लंबी दूरी की रात की यात्राओं के लिए शुरू होने वाली है। यह ट्रेन वंदे भारत चेयर कार ट्रेन का स्लीपर वर्जन है, जो अभी भारतीय रेलवे में चल रही है। वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के दो प्रोटोटाइप (शुरुआती मॉडल) बीईएमएल (BEML) ने बनाए हैं और ये अभी टेस्टिंग फेज में हैं।
बदलाव की तैयारी में रेलवे
भारतीय रेलवे लंबी दूरी की रेल यात्रा में बड़ा बदलाव लाने की तैयारी कर रहा है। अगले कुछ सालों में 200 से ज्यादा वंदे भारत स्लीपर ट्रेनें चलाने की योजना है। इस बड़े काम को पूरा करने के लिए कई तरह के मैन्युफैक्चरिंग प्रोग्राम चल रहे हैं।
बीईएमएल (BEML), इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) के साथ मिलकर 10 स्लीपर ट्रेन सेट बना रहा है। वहीं 10 और सेट किनेट बना रही है, जो भारतीय और रूसी कंपनियों का एक जॉइंट वेंचर है। इसके अलावा टीटागढ़ रेल सिस्टम्स (Titagarh Rail Systems) और बीएचईएल (BHEL) के एक कंसोर्टियम को 80 स्लीपर वेरिएंट बनाने का कॉन्ट्रैक्ट मिला है। आईसीएफ (ICF) खुद भी अलग से वंदे भारत ट्रेन का स्लीपर वर्जन तैयार कर रहा है।
वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की खूबियां
वंदे भारत स्लीपर के पहले दो प्रोटोटाइप में 16 कोच होंगे। इनमें 11 एसी थ्री-टियर कोच, 4 एसी टू-टियर कोच और 1 एसी फर्स्ट-क्लास कोच शामिल होगा। यह ट्रेन सेमी-हाई-स्पीड सर्विस के तौर पर डिजाइन की गई है और 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती है। हालांकि, टेस्टिंग 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हुई है। लेकिन, असल में ट्रेन कितनी तेज चलेगी, यह भारतीय रेलवे के ट्रैक की क्षमता पर निर्भर करेगा।
यूरोप की रोलिंग स्टॉक (ट्रेन के डिब्बों) के डिजाइन से प्रेरणा लेकर, स्लीपर कोच में आरामदायक गद्देदार बर्थ (सोने की जगह) होंगी। ऊपर की बर्थ पर चढ़ना भी आसान होगा। यात्रियों की सुविधा के लिए, ट्रेन में कम रोशनी वाली नाइट लाइटिंग, विजुअल डिस्प्ले सिस्टम के साथ ऑडियो अनाउंसमेंट, सीसीटीवी कैमरे और मॉडुलर पैंट्री की व्यवस्था होगी।
गर्म पानी भी मिलेगा
ट्रेन में हवाई जहाज की तरह एडवांस बायो-वैक्यूम टॉयलेट लगे होंगे। खास बात यह है कि इसमें दिव्यांगों के लिए एक सुलभ टॉयलेट, बेबी केयर यूनिट और एसी फर्स्ट क्लास कोच में गर्म पानी के साथ शॉवर क्यूबिकल भी होंगे। सुरक्षा के लिए ट्रेन में स्वदेशी कवच (KAVACH) एंटी-कोलिजन टेक्नोलॉजी लगी होगी। चेयर कार वर्जन की तरह, स्लीपर वर्जन में भी रीजनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम होगा, जिससे बिजली की बचत होगी।













