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  • Year 2026 Predictions : साल 2026 की बड़ी भविष्यवाणी, सद्गुरु ने बताया भारत समेत दुनिया के देशों का कैसा रहेगा हाल

    कुछ वर्ष इतिहास में तिथियों और घटनाओं से नहीं, अंतर्मन की अनुभूतियों से जाने पहचाने जाते हैं। वर्ष 2026 भी कुछ ऐसा ही प्रतीत होता है। यह समय समाज, करियर, अर्थव्यवस्था और विश्वास की जड़ों को धीरे-धीरे परखेगा। और देह पर नहीं, मन, व्यवस्था और जेब पर असर डालेगा। किसी प्रत्यक्ष आपदा की तरह नहीं


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    By Azad Hind Desk दिसम्बर 30, 2025
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    कुछ वर्ष इतिहास में तिथियों और घटनाओं से नहीं, अंतर्मन की अनुभूतियों से जाने पहचाने जाते हैं। वर्ष 2026 भी कुछ ऐसा ही प्रतीत होता है। यह समय समाज, करियर, अर्थव्यवस्था और विश्वास की जड़ों को धीरे-धीरे परखेगा। और देह पर नहीं, मन, व्यवस्था और जेब पर असर डालेगा। किसी प्रत्यक्ष आपदा की तरह नहीं आएगा, बल्कि एक मौन दबाव की तरह महसूस होगा, और धीरे-धीरे सामाजिक मूल्यों, करियर और जीवन की आर्थिक रीढ़ के स्तर पर मनुष्य को परखेगा। यह संकट दिखाई नहीं देगा, पर बहुत गहरे पैठ कर , भीतर रूह तक असर कर सकता है। यह महामारी जैसा होगा, पर देह पर नहीं, मन, व्यवस्था, जेब और भरोसे पर हो सकता है। आकाश मण्डल में राहु शतभिषा नक्षत्र में प्रवेश कर रहे हैं। यह स्थिति अचानक बदलाव, तकनीकी उथल-पुथल और अप्रत्याशित घटनाओं की सूचक मानी जाती है। यही कारण है कि 2026 को डिजास्टर का साल कहा जा सकता है, लेकिन प्राकृतिक कम, आर्थिक और संरचनात्मक अधिक। ढेरों नौकरियां जाने की आशंका है, विशेषकर आईटी और उससे जुड़े क्षेत्रों में, जहां मशीनें मनुष्य की जगह लेने को तैयार हैं। आइए विस्तार से जानें भारत समेत दुनिया के देशों के लिए कैसा रहेगा साल 2026…

    साल 2026 के राजा गुरु और मंत्री होंगे मंगल
    वैदिक ज्योतिष की सूक्ष्म दृष्टि से विक्रम संवत 2082 (चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से 18 मार्च 2026 तक) का राजा सूर्य और मंत्री चंद्र हैं , जो प्रारंभिक वर्ष में नेतृत्व परिवर्तन, जल-संबंधी प्लावन, सैलाब, अग्निकांड, भावनात्मक अस्थिरता व जनता में असंतोष के योग रच रहे हैं। वर्षारंभिक उथल-पुथल, जल और अग्नि से हानि की आशंका बलवती हो रही है। तत्पश्चात 19 मार्च 2026 से संवत 2083 (रौद्र संवत्सर) का प्रारंभ होगा, जहां बृहस्पति राजा और मंगल मंत्री अनूठे वैश्विक चित्र रचेंगे। शनि वर्ष पर्यन्त मीन में नए चित्र गढ़ेंगे, राहु कुंभ में, केतु सिंह में संचार करेंगे। जून तक शनि-राहु-केतु योग प्रलयकारी प्रभाव डालेगा। बृहस्पति 2 जून तक मिथुन, फिर कर्क में अक्टूबर अंत तक, तत्पश्चात सिंह में विचित्र गति से रक्षा सुरक्षा को प्रभावित करेगा। ज्योतिष की दृष्टि से देखें तो इस वर्ष का आकाश असामान्य है। गुरु अतिचारी हैं, और जब ज्ञान और विस्तार का ग्रह असहज गति में हो, तो अवसर भ्रम बन जाते हैं और निर्णय दुविधा।

    शनि रहेंगे निष्पक्ष, होंगे कई बड़े बदलाव
    यह वह समय है जब धन रहेगा, पर स्थिर नहीं। साधन होंगे, पर संतोष नहीं। निवेश में उतावलापन, योजनाओं में असंतुलन और भविष्य को लेकर एक अदृश्य बेचैनी समाज में व्याप्त होने की संभावना है। इसी कालखंड में शनि अपना न्यायासन संभाले हुए हैं। शनि न क्रूर हैं, न दयालु, वे केवल निष्पक्ष हैं। जिन व्यवस्थाओं ने वर्षों तक सतही वृद्धि, उधार की समृद्धि और दिखावटी स्थिरता पर भरोसा किया, शनि अब उनसे हिसाब लेगा। बैंकिंग, कॉर्पोरेट और शासन, ये सारे सेक्टर दबाव महसूस करेंगे। टालमटोल की आदतें, लापरवाह नीतियां और नैतिक शिथिलता सामने आ सकती हैं। आकाश मण्डल में राहु शतभिषा नक्षत्र में प्रवेश कर रहे हैं। यह स्थिति अचानक बदलाव, तकनीकी उथल-पुथल और अप्रत्याशित घटनाओं की सूचक मानी जाती है। यही कारण है कि 2026 को डिजास्टर का वर्ष कहा जा सकता है, लेकिन प्राकृतिक कम, आर्थिक और संरचनात्मक अधिक। ढेरों नौकरियां जाएंगी, विशेषकर आईटी और उससे जुड़े क्षेत्रों में। जहां मशीनें मनुष्य की जगह लेने को तैयार हैं। यातायात को लेकर कोहराम मचेगा। हवाई , रेल और सड़क यात्रा पर नकारात्मक असर होगा।

    साल 2026 रिश्तों पर भी डालेगा असर

    अगला वर्ष नई सोच, नई तकनीक, परिवर्तन की लहर, नव ज्ञान, नया अनुभव और सृजन का वाहक और संवाहक बनेगा। पुराने ढर्रे के अनुयायी उखड़ जाएंगे, नव बीज महमहाएंगे। नवीन विचार अपनाने वाले दीपक से जगमगाएंगे, अकड़ने वाले सिकुड़ जाएंगे। ज्योतिष, विज्ञान, और तकनीक में गहन शोध प्रस्फुटित होंगे, रहस्यों के चकित करने वाले पट खुलेंगे। इस बरस रिश्ते में तनाव, दरारें पड़ सकती हैं। रिश्तों की कसौटी भी कड़ी होगी, कुछ बंधन टूटेंगे, कुछ और प्रामाणिक बनेंगे। हुक्मरान संपन्न होंगे, जनता विपन्न होगी। अग्निकांड भयभीत करेंगे। विश्व पटल और देश में बड़े संघर्ष, आंदोलनों के संग कई प्रकार के संघर्ष या दंगे संभव हैं। कुछ क्षेत्रों में जातीय या धार्मिक उन्माद के द्वारा शांति भंग करने करने का प्रयास होने की आशंका है। रक्तपात की आशंका रहेगी। बड़े देशों में छोटी-छोटी हरकतें होंगी। विद्रोह के स्वर गूंजेंगे। भूस्खलन , भूकंप, या सुनामी जैसी प्राकृतिक आपदाएं व्याकुल करेंगी। बिजली गिरेगी। भारत में आतंक की छाया मंडराने की संभावना है। एक या कई बड़े व्यक्ति और वरिष्ठ नेताओं और अभिनेताओं को लेकर विपरीत खबर आने की आशंका है। उनका अवसान भी संभव है।

    AI का वास्तविक युग होगा आरंभ
    ज्ञात-अज्ञात ज्वर या विकार लोगों को पीड़ित करेंगे। नेक लोगों का मनोबल मंद और चोरों, अपराधियों और माफियाओं का हौसला बुलंद होने की आशंका है। कुछ सत्यनिष्ठ अधिकारी नायक बन कर उभरेंगे। मौसम तपेगा। प्रवासी भारतीयों में पुनः भय का संचार होगा। इस बरस भी कुछ भारतीयों को जबरन देश भेजा जाएगा। पशुओं को किसी बीमारी या महामारी से कष्ट होने की आशंका है। पाखंड बढ़ सकता है। राष्ट्रों में परस्पर संघर्ष दृष्टिगोचर होगा। 2026 का साल केवल तेजी और उसके बाद गिरावट का नहीं है। काम करने के तरीके बदलेंगे। दफ्तरों की दीवारें ढीली पड़ेंगी, कौशल का मूल्य बढ़ेगा और डिग्रियों का आभामंडल फीका होगा। AI का वास्तविक युग आरंभ होगा, उसका प्रभुत्व बढ़ेगा। और AI पर लोगों की निर्भरता गहरी होगी। जहां प्रतिस्पर्धा मनुष्य से नहीं, मशीन से होगी। जो सीखेगा और बदलेगा नहीं, वह पीछे छूट जाएगा।

    भूकंप, सुनामी जैसी आपदा आने का आशंका
    प्राकृतिक आपदाएं आएंगी। भूकंप, बाढ़, सुनामी जैसी घटनाएं परेशान कर सकती हैं। स्वास्थ्य संकट गहराएगा। कुछ राष्ट्रों में परस्पर वैमनस्य छाएगा। मंगल जनवरी से मकर-कुंभ-मीन, मई में मेष, नवंबर तक सिंह में गोचर कर ऊर्जा-संघर्ष भड़काएगा। बुध वक्री फरवरी, जून-जुलाई, अक्टूबर में संचार-व्यापार को डगमगाएगा। शुक्र अक्टूबर तुला वक्री रिश्तों में दरार डालेगा। भारत की विदेश नीति अपना दशक पुरानी चोला बदलेगी। इस्लामिक देशों में नया ध्रुवीकरण नज़र आयेगा। विश्व में एक बड़ा देश किसी दूसरे बड़े देश की स्थिर सत्ता को अस्थिर करने का प्रयास करेगा।

    देश-विदेश में आएंगे कई बड़े बदलाव
    वर्षारंभ में सत्ता-विरोधी स्वर मुखरित होंगे। एक बड़े नेता पर ढेरों लांछन के बाद भी उसका गढ़ा हुआ तिलिस्म दूर से अखंड दिखेगा। लेकिन अंदर ही अंदर बेचैनी तारी रहेगी। एक बड़े प्रदेश में एक दिग्गज नेता की भूमिका बदलेगी, वहां किसी अन्य नेता का कद बढ़ेगा। पश्चिम बंगाल चुनाव परिणाम बड़े जनमानस को चकित व व्याकुल करेंगे। उत्तर बंगाल का मिज़ाज सत्ताधारियों को चिंतित कर सकता है। एक बड़े दल की मातृ संस्था से संबंधों में तनाव की महक आएगी पर पुष्टि नहीं होगी। विश्व में राजनीतिक उथल-पुथल रहेगी। एक नहीं , कई पड़ोसी देशों से तनाव मिलेगा। एक बड़ा विश्व नेता कई बड़े बदलाव कर सकता है। एशिया में शक्ति संतुलन के दरमियान संघर्ष परिलक्षित होने की संभावना है। सीमा विवाद, वैश्विक सत्ता पुनर्संरचना दृष्टिगोचर होगी। शनि-राहु-केतु से विश्व, राष्ट्र और प्रांतों, निकायों में नेतृत्व परिवर्तन होगा। पंजाब-कश्मीर-ओडिशा में कुछ समय के लिए अशांति की आशंका है।

    आसमान छू सकते हैं सोना-चांदी के रेट
    यह आर्थिक संकुचन का विचित्र बरस है। बचत अनिवार्य महसूस होगी। संचित धन ही काम आएंगे। वर्षारंभ में दुग्ध संकट, सरसों-जौ-चना-गन्ना अधिक, कीटों से फसल हानि होने की आशंका। पूर्वार्ध में अन्न-फल में कमी, उत्तरार्ध में फलोत्पत्ति उत्तम रहेगी। शेयर बाजार में नया उछाल दरअसल भविष्य में बड़ी गिरावट की पटकथा लिख सकता है, मई-जुलाई में ट्रेडर्स को हानि का सामना करना पड़ सकता है, अक्टूबर के बाद शेयर बाजार की स्थिति विचित्र नज़र आएगी। तकनीक क्षेत्र उन्नति करेगा। धातुओं में उछाल आएगा। सोना-चांदी में प्रारंभिक गिरावट के पश्चात महातेजी दृष्टिगोचर होगी, तब आज की कीमतें सस्ती लगेंगी। मानसून के बाद धातुओं के भाव में उछाल आएगा, अकस्मात किसी खबर से बाजार सहसा स्तब्ध रह सकता है। आने वाले बरसों में तांबा उत्कर्ष की नई कहानी लिखेगा। पांच बरसों में तांबा बड़ी उछाल मार सकता है। बड़े नोटों की कमी होगी।

    बड़ी चुनौतियां आएंगी सामने
    ट्रैवल्स-फूड-कैब ऐप्स धनाभाव से जूझ सकते हैं। आपात निधि को संजो कर रखें, वह सबसे बड़ा साथी सिद्ध होगा। एक करियर से काम नहीं चलेगा। बहु-कार्य संस्कृति उभरेगी, नौकरियों में समस्याएं बढ़ सकती हैं। निफ्टी में आरंभिक उछाल, मई-जून गिरावट , डिफेंस-एनर्जी-मेटल्स-फिनटेक तेज, रियल एस्टेट पुनर्गठन, हरित ऊर्जा शुभ। सोना, चांदी गिरावट के बाद तेज हो जाएंगे। कृषि को वर्षा से हानि होने की संभावना है। स्टॉक मार्केट में गिरावट, रियल एस्टेट में ठहराव और नकद प्रवाह में संकोच, ये सब आगामी वर्ष के श्रृंखला की कड़ियां हैं। ऐसे समय में मनुष्य स्वाभाविक रूप से सोना, चांदी और धातुओं की ओर लौटता है, मानो सभ्यता अपने पुराने विश्वासों की शरण में चली जाती हो। विश्व राजनीति अशांत होने से बाजार भी अशांत हो सकता है। न्यूक्लियर शक्ति, वैश्विक तनाव और राजनीतिक अस्थिरता इस काल की पृष्ठभूमि बन सकती है। इस बीच भारत की दिशा अपेक्षाकृत स्पष्ट दिखाई देती है। चुनौतियां होंगी, पर संभावनाएं भी। भारत की युवा शक्ति, तकनीकी समझ का बौद्धिक बल और संतुलन साधने की क्षमता उसका अस्त्र बनेगी।

    मनोरंजन एवं खेल के लिए साल 2026
    अगले साल डिजिटल कंटेंट्स का बूम देखने को मिलेगा। नए इन्फ्लुएंसर्स चमकेंगे। उनका क्रेज बढ़ेगा। बॉलीवुड के सब्जेक्ट और आईडिया में बदलाव दिखेगा। खेल क्षेत्र में भारत उन्नति करेगा। अगले ओलंपिक के परफॉरमेंस में कुछ सुधार आएगा, क्रिकेट-एथलेटिक्स में नए सितारे उभरेंगे। मंगल खेल में साहस का सबब बनेगा। कई खिलाड़ी चोटिल होने की आशंका है। आने वाले साल और सालों में कई काबिल खिलाड़ियों के करियर में बदलाव आ सकता है।

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