1. थंबनेल अब 4K में
किसी भी वीडियो का मुखड़ा उसका थंबनेल होता है। YouTube अब क्रिएटर्स को ऐसे थंबनेल देने की तैयारी में है जो 4K यानी 3840×2160 क्वॉलिटी में हों। ये टीवी पर ज्यादा बड़े और साफ दिखेंगे। इसके लिए थंबनेल फाइल का साइज 2MB से बढ़ाकर 50MB तक किया जा रहा है। बड़ी स्क्रीन पर ऐसे थंबनेल धुंधले या ब्लॉकी नहीं पोस्टर जैसे शार्प दिखेंगे। इससे दर्शकों को टीवी पर OTT शो जैसी फील मिलेगी। अगर आपका चैनल वेब सीरीज या शॉर्ट फिल्में डालता है, तो एपिसोड के लिए सिनेमैटिक पोस्टर जैसा थंबनेल बनाइए। टीवी पर यूजर जब होम स्क्रीन स्क्रॉल करेगा, तब आपके वीडियो का थंबनेल पूरे टाइल में 4K क्वॉलिटी के साथ उभरकर दिखेगा और क्लिक की संभावना बढ़ जाएगी।
2. धुंधली नहीं होंगी यादें
अगर आपके पास कोई पुराना वीडियो है जो सिर्फ SD क्वॉलिटी में शूट हुआ था, तो चिंता की बात नहीं। YouTube अब AI की मदद से उस पुराने वीडियो को HD क्वॉलिटी में बदल देता है, खासकर टीवी पर देखने के लिए। इसके लिए YouTube टीवी पर AI based सुपर रेजोल्यूशन टूल ला रहा है जो लो क्वॉलिटी या पुराने SD वीडियो को ऑटोमैटिकली अपस्केल करके HD से लेकर 4K तक क्लीन बना सकता है। इसका फायदा यह है कि जो कंटेंट आपने सालों पहले बेसिक क्वॉलिटी में अपलोड किया था, वह भी अब बड़ी स्क्रीन पर ज्यादा साफ और प्रोफेशनल दिखेगा।
3. ऑटो प्ले-प्रिव्यू
YouTube ने अब टीवी पर होमपेज और सर्च रिजल्ट्स में ऑटो प्ले प्रीव्यू जोड़ा हैं। इसका मतलब यह है कि वीडियो थंबनेल पर कर्सर ले जाते ही वह थोड़ा प्ले होने लगता है, जिससे दर्शकों को अंदाजा लग जाता है कि वीडियो में क्या है। टीवी पर यह फीचर काफी मददगार है, क्योंकि रिमोट से टाइप करना या बार-बार क्लिक करना आसान नहीं होता। जैसे, अगर कोई दर्शक कुकिंग, ट्रैवल या कॉमेडी वीडियो खोज रहा है, तो वीडियो पर रुकते ही उसकी एक छोटी झलक चलने लगती है। इसका फायदा लेने के लिए वीडियो के पहले कुछ सेकंड दिलचस्प रखें, क्योंकि वही प्रिव्यू में दिखेंगे। थंबनेल और टाइटल के साथ ही ओपनिंग विजुअल को भी टीवी फर्स्ट सोचकर डिजाइन करना होगा।
4. सर्च में क्या बदला
YouTube ने क्रिएटर्स के चैनल सर्च रिजल्ट्स को और सरल बना दिया है। अब जब कोई दर्शक किसी चैनल के अंदर कुछ खोजता है, तो सबसे ऊपर उसी क्रिएटर के वीडियो दिखेंगे, दूसरों के नहीं। मान लीजिए, आप किसी फेमस एजुकेशन या टेक यूट्यूबर के चैनल पर हैं और वहीं से किसी टॉपिक को सर्च करते हैं, तो अब YouTube पहले उसी क्रिएटर के वीडियो दिखाएगा। इसका फायदा लेने के लिए चैनल पर कंटेंट को साफ-सुथरे प्ले-लिस्ट और Shows में बांटें, जैसे Tech News, Explainers, Reviews, ताकि दर्शक की सर्च क्वेरी किसी न किसी सीरीज से मैच हो। टाइटल और डिस्क्रिप्शन में ऐसे कीवर्ड डालें जो कंटेंट से जुड़े हो। ध्यान रहे कि चैनल के अंदर सर्च करने वाला यूजर आमतौर पर स्पेसिफिक टर्म से खोजता है।
5. वीडियो से सीधे शॉपिंग
यह फीचर दर्शकों और ब्रैंड्स दोनों के लिए गेमचेंजर है। अब टीवी पर YouTube देखते समय अगर स्क्रीन पर कोई प्रोडक्ट दिख रहा है, जैसे कोई गैजेट, कपड़ा या ब्यूटी प्रोडक्ट, तो दर्शक QR कोड स्कैन कर सीधे अपने फोन पर उस प्रोडक्ट का वेब पेज खोल सकता है। यह फीचर टीवी देखने के अनुभव को सीधे खरीदारी से जोड़ता है। जैसे, अगर कोई टेक क्रिएटर टीवी पर किसी नए मोबाइल फोन का रिव्यू कर रहा है, तो दर्शक उसी वक्त QR कोड स्कैन करके मोबाइल खरीदने की जानकारी अपने फोन पर खोल सकता है। इसके लिए टीवी बंद करने या अलग से सर्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
क्यों लाना पड़ा यह फीचर
YouTube का कहना है कि ये सभी फीचर्स इस बात को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं कि आज टीवी सिर्फ फिल्म या सीरियल देखने का साधन नहीं रहा। लोग अब टीवी पर Shorts, व्लॉग्स, पॉडकास्ट, इंटरव्यू और लाइव इवेंट भी देख रहे हैं। भारत में CTV पर Shorts के व्यूज साल-दर-साल दोगुने से ज्यादा हो चुके हैं, वहीं 50% से ज्यादा वॉच टाइम 21 मिनट से लंबे वीडियो का है। कंटेंट चाहे छोटा हो या लंबा, अगर वह अच्छा है तो दर्शक उसे बड़ी स्क्रीन पर भी उतना ही पसंद करेगा। YouTube अब लिविंग रूम को क्रिएटर इकॉनमी का अहम हिस्सा बनाना चाहता है, जहां क्रिएटर्स का कंटेंट परिवार के साथ बैठकर देखा जाए।














