ईरान के राष्ट्रपति पेजेश्कियन ने कहा कि “वे नहीं चाहते कि हमारा देश अपने पैरों पर खड़ा हो। यह युद्ध इराक के हमारे खिलाफ युद्ध से भी ज्यादा बुरा है।” उन्होंने 1980 के दशक में चले आठ साल के संघर्ष का जिक्र करते हुए कहा, जब सद्दाम हुसैन के नेतृत्व में इराक ने ईरान पर हमला किया था। ईरानी राष्ट्रपति ने कहा कि “अगर कोई इसे अच्छी तरह समझे, तो यह युद्ध उस युद्ध से कहीं ज्यादा जटिल और मुश्किल है। इराक के साथ युद्ध में स्थिति साफ थी, उन्होंने मिसाइलें दागीं, और हमें पता था कि कहां हमला करना है। यहां, वे हमें हर तरफ से घेर रहे हैं, वे हमारे लिए रोजी-रोटी, सांस्कृतिक, राजनीतिक और सुरक्षा के मामले में समस्याएं पैदा कर रहे हैं।”
ईरान के राष्ट्रपति पेजेश्कियन का बड़ा बयान
इंटरव्यू के दौरान ईरानी अधिकारियों ने अमेरिका और इजरायल के साथ और संभावित टकरावों का जिक्र करते हुए कहा कि “जितनी भी समस्याएं हम झेल रहे हैं, इसके बावजूद, अब हम हथियारों और लोगों, दोनों के मामले में, उनके पिछले हमलों के समय से कहीं ज्यादा मजबूत हैं।” ईरानी अधिकारियों ने जोर देकर कहा कि “इसलिए, अगर वे हमला करने का फैसला करते हैं, तो उन्हें स्वाभाविक रूप से ज्यादा कड़ा जवाब मिलेगा।” पेजेश्कियन का इंटरव्यू ऐसे समय में आया है जब प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू सोमवार को फ्लोरिडा में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलने वाले हैं।
इजरायली प्रधानमंत्री कार्यालय की प्रवक्ता शोश बेड्रोसियन ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि “वे भविष्य के कदमों और चरणों और संघर्ष विराम योजना के अंतर्राष्ट्रीय स्थिरीकरण बल पर चर्चा करेंगे।” यह भी ध्यान देना जरूरी है कि पेजेश्कियन के इंटरव्यू से कुछ दिन पहले अमेरिकी विदेश विभाग के एक अधिकारी ने कहा था कि पश्चिम एशिया और दुनिया भर में ईरान के व्यवहार को वाशिंगटन अभी भी अस्थिरता फैलाने वाले कारक के रूप में देखता है। हालांकि, अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि ट्रंप प्रशासन जून की लड़ाई जैसी नई मिलिट्री कार्रवाई के बजाय, प्रतिबंधों, अंतरराष्ट्रीय अलगाव और डिप्लोमैटिक दबाव के जरिए ईरान पर शिकंजा कसने की कोशिश कर रहा है।














