सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम में जापान देगा साथ
जापान ने कहा है कि वह भारत के सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम को मजबूत करने को लेकर प्रतिबद्ध है। भारत में जापान के राजदूत ओनो केइची ने कहा है कि जापानी कंपनियां सेमीकंडक्टर के निर्माण से लेकर हर क्षेत्र में जिनमें इसके इकोसिस्टम के विकास और इससे जुड़े लोगों की ट्रेनिंग शामिल है,भारत के साथ भागीदारी चाहती हैं। पिछले हफ्ते केइची ने भारत-जापान आर्थिक सुरक्षा साझीदारी पर आयोजित एक बैठक में यह बात कही।
अमेरिका ने इनिशिएटिव से भारत को दूर किया
जापान की ओर से भारत को इस दिशा में भरोसा मिलना इसलिए बेहद अहम है, क्योंकि हाल ही में अमेरिका ने क्रिटिकल मिनरल्स और क्रिटिकल टेक्नोलॉजी के जिस इनिशिएटिव की घोषणा की है, उसमें संभावनाओं के विपरीत भारत को शामिल नहीं किया है। वैसे ट्रंप प्रशासन की यह हरकत उसकी टैरिफ वाली नीति का ही विस्तार है, जिसके बाद से अमेरिका भारत से खुन्नस निकालने का कोई मौका नहीं छोड़ रहा है।
160 जापानी कंपनियों ने शुरू कर दिया काम
केइची के मुताबिक भारत में जापानी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने अपनी करीब 160 कंपनियों को लेकर एक मजबूत सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम बनाने के लिए ही एक विशेष सेमीकंडक्टर कमेटी बनाई है। उन्होंने कहा, ‘कई जापानी कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ मैंने भी गुजरात में धोलेरा और असम में जागीरोड स्थित टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स सेमीकंडक्टर फैसिलिटी का दौरा किया। हमने लगातार जापानी कंपनियों की जरूरतों से केंद्र और राज्य सरकारों को अवगत कराया है और भविष्य में भी हम इस तरह से करीबी सहयोग जारी रखेंगे।’
भारत-जापान में सहयोग की बड़ी पहल
जापानी राजदूत के अनुसार जापानी कंपनियों के सहयोग के बिना भारत में सेमीकंडक्टर का निर्माण थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा है कि ‘इसके साथ ही भारतीय कंपनियों और सरकारों की पक्के वादे के बिना, जापानी कंपनियां के लिए नई सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन बनाने के लिए पूरी ठोस वादा कर पाना मुश्किल हो सकता है।’ ‘यह आवश्यक है कि जापान और भारत दोनों ही एक साथ आगे बढ़ें और खुद को साझा भविष्य वाले देशों के रूप में पहचानें।’
भारत और जापान के बीच हुआ है समझौता
भारत और जापान ने सेमीकंडक्टर पर आपसी और रणनीतिक सहयोग बढ़ाने के लिए 2023 में एक समझौता किया था। इसका मकसद एक भरोसेमंद सप्लाई चेन तैयार करना है, जिसमें चीन के एकाधिकार से निपटने के लिए इस क्षेत्र में रिसर्च एंड डेवलपमेंट और टैलेंट के विकास पर फोकस करके पूरा सॉलिड इकोसिस्टम तैयार करना है।














