सालों से समुद्र के साथ रिश्ता निभाने वाली एरिका फॉक्स ने हमेशा जोखिमों को स्वीकार किया लेकिन कभी डर को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया। उनकी अचानक हुई मौत ने न सिर्फ उनके परिवार, बल्कि पूरे तैराकी समुदाय को झकझोर कर रख दिया है। कैलिफोर्निया के तट पर शार्क हमले में मारी गई 30 साल की ट्रायथलीट एरिका फॉक्स का शव एक हफ्ते बाद बरामद किया गया है। वह अपने पति के साथ समुद्र में तैराकी कर रही थीं, तभी अचानक शार्क ने उन पर हमला कर दिया था। इस घटना ने स्थानीय तैराकी समुदाय को गहरे सदमे में डाल दिया है।
25 मील दूर मिली लाश
घटना के बाद से एरिका की तलाश जारी थी लेकिन उनका कोई नामोनिशान कहीं नहीं मिला। आखिरकार, शनिवार दोपहर को उनका शव सांता क्रूज के डेवेनपोर्ट बीच के साउथ में मिला। बताया गया कि वह अभी भी अपनी काली वेटसूट पहने हुई थीं। यह जगह उस जगह से करीब 25 मील दूर है, जहां उन्हें आखिरी बार देखा गया था।
घटना कैसे हुई
एरिका के पति जीन-फ्रांसिस वानरेउसेल ने बताया कि 21 दिसंबर को वह अपनी पत्नी से करीब 100 गज पीछे तैर रहे थे। उनके साथ लोकल स्विमिंग क्लब के 13 और भी मेंबर मौजूद थे। इसी दौरान अचानक एक शार्क ने हमला कर दिया और एरिका को पानी में खींच लिया। चश्मदीदों ने बताया कि कुछ समय बाद उन्होंने शार्क को इंसानी जबड़ा पकड़े हुए देखा था। कहा जा रहा है कि उसी से पहचान कर एरिका का खोजा गया था।
आखिरी तैराकी की याद
रविवार को समुद्र तट के किनारे एक भावुक आयोजन किया गया, जिसमें एरिका की आखिरी एक मील लंबी तैराकी को याद किया गया। इस दौरान केल्प क्रॉलर्स क्लब के दर्जनों सदस्य मौजूद रहे। एरिका के पति ने कहा कि वह डर में जीना नहीं चाहती थीं और उन्होंने हमेशा अपनी जिंदगी पूरी तरह जी।
तकनीक नहीं बचा सकी एरिका को
वानरेउसेल ने बताया कि एरिका के टखने में शार्क बैंड लगा हुआ था। यह एक इलेक्ट्रोमैग्नेटिक डिवाइस होता है, जिसका काम शार्क को दूर रखना होता है। इसके बावजूद यह हादसा हो गया, जिसने सुरक्षा उपायों पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
इलाके का दूसरा घातक हमला
यह लवर्स पॉइंट इलाके में 73 साल में दूसरा घातक शार्क हमला बताया जा रहा है। इससे पहले दिसंबर 1952 में यहां 17 साल के एक लड़के की मौत हुई थी। यह घटना केल्प क्रॉलर्स क्लब के किसी सदस्य पर बीते साढ़े तीन साल में हुआ दूसरा हमला भी है।
सभी ओर डर का माहौल
क्लब की सदस्य शेरन कैरी ने मीडिया रिपोर्ट्स में कहा कि अभी कोई नहीं जानता कि लोग दोबारा समुद्र में उतरेंगे या नहीं। सभी लोग अभी सदमे, अविश्वास और दुख की स्थिति में हैं। फिलहाल, एक-दूसरे को सहारा देना ही सबसे जरूरी है।















