कॉर्पोरेट टैक्स कलेक्शन सबसे बड़ा योगदानकर्ता बना रहा। नेट कॉर्पोरेट टैक्स बढ़कर 8,17,310 करोड़ रुपये हो गया, जबकि पिछले साल यह 7,39,353 करोड़ रुपये था। व्यक्तियों और अन्य संस्थाओं द्वारा भुगतान किए गए टैक्स, यानी नेट नॉन-कॉर्पोरेट टैक्स कलेक्शन में भी वृद्धि हुई। यह बढ़कर 8,46,905 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले साल 7,96,181 करोड़ रुपये था।
Income Tax Department: कहीं आपने भी तो नहीं किया यह फर्जी काम? इनकम टैक्स कर सकता है कार्रवाई, गलती सुधारने का दिया मौका
रिफंड में गिरावट
इस अवधि के दौरान जारी किए गए रिफंड में 13.52% की कमी आई। यह 2,97,069 करोड़ रुपये रहा, जबकि पिछले साल यह 3,43,499 करोड़ रुपये था। सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स कलेक्शन लगभग 40,195 करोड़ रुपये पर स्थिर रहा। अन्य टैक्सों का कुल कलेक्शन में छोटा हिस्सा रहा। एडवांस टैक्स कलेक्शन में भी लगातार बढ़ोतरी देखी गई। वित्त वर्ष 2025-26 में अब तक कुल एडवांस टैक्स 4.27% बढ़कर 7,88,388 करोड़ रुपये हो गया।
कॉर्पोरेट एडवांस टैक्स में लगभग 8% की बढ़ोतरी हुई और यह 6,07,300 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। हालांकि, नॉन-कॉर्पोरेट टैक्सपेयर्स द्वारा भुगतान किए गए एडवांस टैक्स में 6.49% की गिरावट आई और यह 1,81,088 करोड़ रुपये रहा। यह टैक्स प्रदर्शन ऐसे समय में आया है जब टैक्स व्यवस्था में बड़े बदलाव हुए हैं। 2025 के केंद्रीय बजट में, सरकार ने नई पर्सनल इनकम टैक्स व्यवस्था को बढ़ावा दिया। इसके तहत टैक्स स्लैब में कटौती की गई, जिसका मकसद लोगों के हाथों में अधिक डिस्पोजेबल इनकम देना और खपत को बढ़ाना था।
साल खत्म होने से पहले ही भर गई सरकार की झोली, डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में 16.2% तेजी
जीएसटी में बदलाव
वहीं, अप्रत्यक्ष करों के मोर्चे पर, GST काउंसिल ने सितंबर में रेट रैशनलाइजेशन की दिशा में कदम उठाए। इसमें ड्यूटी स्ट्रक्चर को कम करना और चोरी की आशंका वाले क्षेत्रों में अनुपालन को कड़ा करना शामिल था। अब टैक्स की दरें तीन मुख्य स्लैब में लाई गई हैं: 0%, 5%, और 18%। लग्जरी और सिन गुड्स पर एक विशेष 40% की दर लागू की गई है।













