इस खोज के साथ ही चीन, सोने के भंडार और उत्पादन दोनों में टॉप पर आ गया है। यानताई प्रांत की सरकार ने इस हफ्ते मौजूदा पांच साल की योजना के दौरान अपनी उपलब्धियों और अगली योजना के बारे में एक कॉन्फ्रेंस में यह खुलासा किया है। हालांकि अभी भी अधिकारियों ने समुद्र के नीचे सोने के भंडार के असल आकार का खुलासा नहीं किया है। बीते एक महीने में यह चीन की दूसरी बड़ी सोने की खोज है।
चीन ने एक महीने में खोजा दूसरी बार सोने का खजाना
SCMP की रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले नवंबर में लियाओनिंग प्रांत में 1,444 टन से ज्यादा के सुपर-लार्ज, लो-ग्रेड गोल्ड डिपॉजिट की घोषणा की गई थी, जिसे 1949 में कम्युनिस्ट चीन की स्थापना के बाद सबसे बड़ा एकल स्वर्ण भंडार बताया गया। इसके अलावा, शिनजियांग के पास कुनलुन पर्वत श्रृंखला में भी 1,000 टन से ज्यादा के अनुमानित सोने के भंडार मिलने की सूचना दी गई थी। खास बात यह है कि जियाओडोंग प्रायद्वीप पहले से ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी गोल्ड माइनिंग बेल्ट माना जाता है, जहां चीन के कुल स्वर्ण भंडार का करीब एक-चौथाई हिस्सा मौजूद है।
आपको बता दें कि चीन, दुनिया का सबसे बड़ा सोना उत्पादक देश है। चीन गोल्ड एसोसिएशन के मुताबिक, पिछले साल देश में 377 टन से ज्यादा सोने का उत्पादन हुआ। हालांकि उत्पादन में शीर्ष पर होने के बावजूद, प्रमाणित भंडार के मामले में चीन अब भी दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और रूस से पीछे रहा है। नई खोजों से इस अंतर को कम करने में मदद मिल सकती है। SCMP के मुताबिक, इन खोजों के पीछे चीन की आक्रामक भूवैज्ञानिक रणनीति भी बहुत बड़ी भूमिका निभा रही है। चीनी वैज्ञानिक अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, दुनिया के सबसे शक्तिशाली ग्राउंड-पेनेट्रेटिंग रडार और अत्याधुनिक मिनरल एक्सप्लोरेशन सैटेलाइट्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। पिछले साल चीन ने इसके लिए 116 अरब युआन का निवेश किया, जबकि 2021 से अब तक कुल खर्च लगभग 450 अरब युआन तक पहुंच चुका है।














