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  • छोटी गलतियों पर जेल नहीं, 300 से ज्यादा कानूनी प्रावधान अपराध श्रेणी से बाहर… क्या करने जा रही सरकार?

    नई दिल्ली: सरकार छोटे-मोटे अपराधों के लिए जेल की सजा खत्म करने की तैयारी में है। इसके तहत 300 से 400 कानूनों में बदलाव किया जाएगा। अब छोटी गलतियों पर जेल नहीं होगी, बल्कि जुर्माना लगाया जाएगा। इससे लोगों को अदालतों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे और वे मौके पर ही गलती सुधार सकेंगे। मंत्रालय


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    By Azad Hind Desk दिसम्बर 15, 2025
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    नई दिल्ली: सरकार छोटे-मोटे अपराधों के लिए जेल की सजा खत्म करने की तैयारी में है। इसके तहत 300 से 400 कानूनों में बदलाव किया जाएगा। अब छोटी गलतियों पर जेल नहीं होगी, बल्कि जुर्माना लगाया जाएगा। इससे लोगों को अदालतों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे और वे मौके पर ही गलती सुधार सकेंगे।

    मंत्रालय ऐसे कानूनों की पहचान कर रहे हैं जहां जेल की सजा की जगह भारी जुर्माना लगाया जाएगा। इससे व्यापार करने वालों को भी आसानी होगी। उन्हें छोटे-मोटे मामलों में सालों तक कोर्ट-कचहरी के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे और जेल जाने का डर भी खत्म हो जाएगा। कई बार कानून पुराने हो जाते हैं और बदलते समय के साथ उनमें बदलाव नहीं होता, इसलिए यह कदम उठाया जा रहा है।

    ‘जन विश्वास 2.0’ नाम का एक बिल पहले ही संसद में पेश किया गया था। इसमें 288 प्रावधानों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने की बात कही गई थी। इस बिल को संसद की एक सेलेक्ट कमेटी को भेजा गया है, जो इन प्रावधानों पर विचार कर रही है। मंत्रालय इस कमेटी को अपने सुझाव देंगे। एक हाई-लेवल कमेटी ने भी कई सुझाव दिए हैं, जिन्हें सेलेक्ट कमेटी के साथ साझा किया जाएगा।

    संसदीय कमेटी को दिए गए सुझाव

    सड़क परिवहन मंत्रालय ने मोटर वाहन अधिनियम और राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम में भी ऐसे एक दर्जन से ज्यादा प्रावधानों की पहचान की है, जिन्हें अपराध की श्रेणी से हटाया जाएगा। ये सुझाव भी संसदीय कमेटी को दिए गए हैं। उदाहरण के लिए, अगर कोई गाड़ी चलाते समय गलत जानकारी देता है या कोई जानकारी छुपाता है, तो उसे पहले जेल हो सकती थी, लेकिन अब इसके बदले 500 से 2,000 रुपये का जुर्माना लगेगा।

    • अगर कोई ड्राइवर एक्सीडेंट के बाद घायलों को मदद नहीं पहुंचाता, या दुर्घटना की जानकारी और बीमा कंपनी का विवरण नहीं देता, तो उसे 6 महीने तक की जेल हो सकती थी। अब इसके बदले 5,000 से 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
    • अगर कोई नाबालिग गाड़ी चलाते हुए पकड़ा जाता है, तो उसके अभिभावक या मालिक को जेल और 25,000 रुपये तक का जुर्माना हो सकता था। अब इस मामले में भी सिर्फ जुर्माना ही लगेगा।
    • बिना इंश्योरेंस के गाड़ी चलाने पर अब जेल और जुर्माने की जगह गाड़ी का प्रीमियम तीन से पांच गुना बढ़ा दिया जाएगा। हिट एंड रन (टक्कर मारकर भाग जाना) के मामलों में, जहां पहले 2 साल की जेल या 25,000 रुपये जुर्माना या दोनों हो सकते थे, अब सिर्फ 1 लाख रुपये का भारी जुर्माना लगाया जाएगा।
    • अगर कोई जानबूझकर राष्ट्रीय राजमार्ग को नुकसान पहुंचाता है, तो उसे 5 साल तक की जेल या जुर्माना हो सकता था। अब इसके बदले भी भारी जुर्माना लगाया जाएगा।
    • मेट्रो रेल संचालन और रखरखाव अधिनियम के तहत भी कई ऐसे प्रावधान हैं जिनमें जेल और जुर्माने का प्रावधान है। जैसे मेट्रो में शराब पीकर हंगामा करना, या मेट्रो ट्रैक पर चलना। इन सभी मामलों में भी अब जेल की सजा खत्म करके सिर्फ जुर्माना लगाने का प्रस्ताव है।

    व्यापारियों के लिए बड़ी राहत

    यह बदलाव लोगों के लिए, खासकर व्यापारियों के लिए, जीवन को आसान बनाने के उद्देश्य से किया जा रहा है। वे अक्सर छोटे-मोटे अपराधों के लिए सालों तक अदालतों में भटकते रहते हैं। अब इस नई व्यवस्था से उन्हें राहत मिलेगी और वे अपने काम पर ध्यान दे पाएंगे। यह सरकार का एक बड़ा कदम है जो छोटे अपराधों को अपराध की श्रेणी से हटाकर उन्हें प्रशासनिक सुधारों के दायरे में लाएगा।

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