सरकार की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि भारत की जीडीपी 4.18 ट्रिलियन डॉलर हो गई है। इससे भारत जापान से आगे निकलकर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। अगले ढाई से 3 सालों में भारत जर्मनी को पीछे छोड़कर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। साल 2030 तक भारत की जीडीपी 7.3 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।
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10 साल में दोगुनी हुई अर्थव्यवस्था
भारत कई सालों से दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक रहा है। पिछले दस सालों में भारत की अर्थव्यवस्था का आकार दोगुना हो गया है। अब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रख रहा है। सरकार ने सोमवार देर रात जारी एक आर्थिक नोट में बताया कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना हुआ है। यह अपनी विकास की गति को बनाए रखने के लिए अच्छी स्थिति में है।
क्या है आईएमएफ का अनुमान?
आईएमएफ के साल 2026 के अनुमानों के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था 4.51 ट्रिलियन डॉलर की होगी। यह जापान के अनुमानित 4.46 ट्रिलियन डॉलर से थोड़ा अधिक है। सरकार का यह आशावादी दृष्टिकोण ऐसे समय में आया है जब अगस्त में अमेरिका द्वारा लगाए गए भारी टैरिफ के कारण अर्थव्यवस्था को कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। ये टैरिफ भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद से जुड़े थे।
नियंत्रण में महंगाई
- हाल के आंकड़ों से पता चलता है कि आर्थिक गति मजबूत बनी हुई है।
- सरकार की समीक्षा में कहा गया है कि महंगाई नियंत्रण में है और सहनशीलता सीमा के निचले स्तर से नीचे बनी हुई है।
- बेरोजगारी कम हो रही है और निर्यात में लगातार सुधार दिख रहा है।
- वित्तीय स्थितियां भी सहायक बनी हुई हैं।
- व्यवसायों को अच्छा लोन मिल रहा है।
- शहरी खपत में और वृद्धि के कारण मांग भी मजबूत बनी हुई है।
दूसरी तिमाही में बढ़ी जीडीपी
वित्तीय वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में भारत की वास्तविक जीडीपी 8.2% बढ़ी है। यह पिछली तिमाही के 7.8% और वित्तीय वर्ष 2024-25 की अंतिम तिमाही के 7.4% से अधिक है। यह वृद्धि मजबूत घरेलू मांग के कारण हुई है, भले ही वैश्विक व्यापार और नीतिगत अनिश्चितताएं बनी हुई थीं। औद्योगिक और सेवा क्षेत्रों के अच्छे प्रदर्शन के कारण वास्तविक सकल मूल्य वर्धित (Gross Value Added) 8.1% बढ़ा है।
रिजर्व बैंक ने भी बढ़ाया अनुमान
भारतीय रिजर्व बैंक ( RBI ) ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए अपने विकास अनुमान को पहले के 6.8% से बढ़ाकर 7.3% कर दिया है। इस वृद्धि के अनुमान में लगातार घरेलू मांग, आयकर और जीएसटी का युक्तिकरण, कच्चे तेल की कीमतों में नरमी, सरकारी पूंजीगत व्यय में जल्दी शुरुआत और अनुकूल मौद्रिक और वित्तीय स्थितियां शामिल हैं। इन सबको महंगाई के नियंत्रण में रहने का भी समर्थन मिला है।












