साल 2025 में अब तक चांदी की कीमतों में 158% इजाफा हुआ है। यह कई अन्य एसेट्स से बेहतर प्रदर्शन कर रही है। उद्योगों से बढ़ती मांग, सुरक्षित निवेश के तौर पर इसकी खरीद और वैश्विक स्तर पर आपूर्ति में कमी के कारण चांदी की कीमत बढ़ रही है। साथ ही सोलर एनर्जी, इलेक्ट्रिक वीकल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों से बढ़ती मांग, भू-राजनीतिक तनाव के बीच निवेशकों का बढ़ता भरोसा और साथ ही अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें चांदी की कीमतों को और बढ़ा रही हैं।
6 दिन में ₹32,000 करोड़ का फायदा! चांदी में तेजी से क्यों उछल रहा है अनिल अग्रवाल का यह शेयर
चांदी की कीमत
हिंदुस्तान जिंक दुनिया की टॉप 5 चांदी उत्पादक कंपनियों में से एक है। इस कारण चांदी की कीमत बढ़ने से कंपनी को सीधा फायदा मिल रहा है। कंपनी की उत्पादन क्षमता लगभग 800 टन है और इसके मुनाफे का 38% सीधे चांदी से जुड़ा है। विश्लेषकों को उम्मीद है कि जैसे-जैसे चांदी की कीमतें बढ़ेंगी, कंपनी का मुनाफा बढ़ेगा। साथ ही, कम खनन लागत और अच्छी बिक्री मूल्य भी इसे सहारा दे रहे हैं।
चांदी को लेकर यह सकारात्मक माहौल तब और मजबूत हुआ जब वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने 2025 में चांदी की शानदार तेजी का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि डॉलर के मुकाबले चांदी की कीमत में साल की शुरुआत से अब तक 125% का इजाफा हुआ है। अग्रवाल ने मंगलवार को एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि चांदी अब सोने की छाया से निकलकर एक लंबी अवधि की मजबूत स्थिति में आ गई है। इसकी वजह टेक्नोलॉजी से जुड़ी मांग है।
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कहां तक जाएगा शेयर
अग्रवाल ने कहा कि हिंदुस्तान जिंक भारत की एकमात्र चांदी उत्पादक कंपनी है और वेदांता ग्रुप का एक अहम हिस्सा है। वह चांदी की बढ़ती मांग का फायदा उठा रही है। सितंबर 2025 की तिमाही में हिंदुस्तान जिंक ने 2,649 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा कमाया। इसमें से लगभग 1,060 करोड़ रुपये, यानी कुल मुनाफे का करीब 40% चांदी से आया था। यह पिछली तिमाही की तुलना में 19% ज्यादा है। यह आंकड़े कंपनी की वैश्विक चांदी बाजार में मजबूत स्थिति को दर्शाते हैं।
जेफरीज की एक पिछली रिपोर्ट के अनुसार हिंदुस्तान जिंक के मुनाफे का अनुमान मजबूत बना हुआ है। वित्त वर्ष 2026 में प्रति शेयर आय (EPS) में 22% और वित्त वर्ष 2027 में 29% की वृद्धि का अनुमान है। इसके बाद वित्त वर्ष 2028 में 7% की बढ़ोतरी देखी जा सकती है। ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि चांदी की मौजूदा तेजी और कंपनी की कम लागत वाली उत्पादन प्रक्रिया के कारण शेयर में और भी उछाल की संभावना है।












