हू शिजिन ने एक्स पर पोस्ट किया, ‘भारत आपको बधाई। चाहे इस साल हो या फिर अगले साल, यह केवल समय की बात है कि भारत की जीडीपी जापान को पीछे छोड़ देगी और चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगी। चीन ने साल 2010 में जीडीपी के मामले में जापान को पीछे छोड़ दिया था लेकिन उस समय चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया था। दूसरे शब्दों में कहें तो अगर हम जापान को बेंचमार्क मानें तो भारत अभी चीन से 15 से 16 साल पीछे है। अगर हम ग्लोबल रैंकिंग पर विचार करें तो यह अंतर और भी ज्यादा है।’
भारत और जापान पर कसा तंज
भारत और जापान के खिलाफ अक्सर जहरीले बयान देने वाले हू शिजिन ने कहा, ‘भारत को दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए चीन या फिर अमेरिका को पीछे छोड़ना होगा। इससे पहले भारत को जर्मनी को पीछे छोड़ना ही होगा।’ उन्होंने कहा कि जापान इस समय सबसे खराब स्थिति में है। पिछले 15 या 16 साल में जापान दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से गिरकर अब दुनिया में पांचवें स्थान पर पहुंच गया है। चीनी एक्सपर्ट ने कहा कि इन पिछले कुछ सालों में जापान यासूकुनी श्राइन और दक्षिणपंथी राजनीति में उलझा हुआ है। जापानी उद्योग के बारे में कोई खबर सुनना बहुत दुर्लभ है।
हू शिजिन के इस पोस्ट पर लोगों ने उन्हें करारा जवाब भी दिया है। मिस्टर लिओन ने लिखा, ‘चीन अगले कुछ साल में अगला जापान बन जाएगा जहां जनसंख्या में कमी की वजह से वर्कफोर्स कम हो जाएगी। वहीं भारत की बात करें तो वह सबसे युवा देश होगा और वर्कफोर्स भी काफी ज्यादा होगा।’ बता दें कि भारत 4,180 अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था के साथ जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और 2030 तक जर्मनी को पीछे करके तीसरे स्थान पर पहुंचने की स्थिति में है। भारत लगातार मजबूत वृद्धि आंकड़ों के साथ दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था भी बना हुआ है।
जर्मनी को कब पीछे छोड़ सकता है भारत?
वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में भारत की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि 8.2 प्रतिशत रही। यह आंकड़ा चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के 7.8 प्रतिशत और पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के 7.4 प्रतिशत से अधिक है। एक सरकारी बयान के अनुसार, ‘भारत ने 4,180 अरब अमेरिकी डॉलर के मूल्यांकन के साथ जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का दर्जा हासिल कर लिया और अनुमान है कि 2030 तक 7,300 अरब अमेरिकी डॉलर की जीडीपी के साथ जर्मनी को तीसरे स्थान से हटाने की स्थिति में है।’ दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका है, जबकि चीन दूसरे स्थान पर है।














