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  • भारत के 5G मुकाबले में Jio की बड़ी जीत, Airtel के पिछड़ने की क्या वजह? जानें Voda-idea की स्थिति

    Jio vs Airtel : भारत की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो 5G के इस्तेमाल में सबसे आगे है। हमेशा जियो से कड़ी टक्कर लेने वाली एयरटेल यहां काफी पीछे रह गई है। नेटवर्क की उपलब्धता में दोनों कंपनियां लगभग बराबर हैं, लेकिन इस्तेमाल के मामले में जियो बहुत आगे निकल गई है है। यह


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    By Azad Hind Desk दिसम्बर 30, 2025
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    Jio vs Airtel : भारत की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो 5G के इस्तेमाल में सबसे आगे है। हमेशा जियो से कड़ी टक्कर लेने वाली एयरटेल यहां काफी पीछे रह गई है। नेटवर्क की उपलब्धता में दोनों कंपनियां लगभग बराबर हैं, लेकिन इस्तेमाल के मामले में जियो बहुत आगे निकल गई है है। यह बात नेटवर्क इंटेलिजेंस कंपनी ओपनसिग्नल की ताजा रिपोर्ट में सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर से नवंबर 2025 तक के आंकड़ों से पता चलता है कि जियो के ग्राहक 5G का ज्यादा से ज्यादा फायदा उठा रहे हैं। जबकि एयरटेल के ग्राहक 5G सिग्नल मिलने के बावजूद कम समय तक उसका इस्तेमाल कर पाते हैं।

    जियो और एयरटेल की इंटरनेट स्पीड कितनी?

    ईटी टेलीकॉम के मुताबिक (Ref.), ओपनसिग्नल की रिपोर्ट में एयरटेल की 5G उपलब्धता 66.6 प्रतिशत और 5G पर बिताया समय सिर्फ 28 प्रतिशत है। वहीं जियो की 5G उपलब्धता 68.1 प्रतिशत और 5G पर बिताया समय 67.3 प्रतिशत है। मतलब जियो के ग्राहक जब 5G से जुड़ते हैं तो लंबे समय तक उसी पर रहते हैं। इससे उन्हें तेज स्पीड और बेहतर अनुभव मिलता है। जियो की 5G डाउनलोड स्पीड 199.7 Mbps है, जो उसके 4G से 11 गुना तेज है। एयरटेल की 5G स्पीड 187.2 Mbps है, जो 4G से सात गुना तेज है।

    दोनों के 5G इस्तेमाल में इतना फर्क क्यों?

    इस फर्क की मुख्य वजह दोनों कंपनियों की 5G तकनीक है। एयरटेल ने 5G एनएसए यानी नॉन-स्टैंडअलोन तरीके से लगाया है। इसमें 5G, 4G के कोर नेटवर्क पर निर्भर रहता है। ऐसे में फोन पर 5G का लोगो दिख सकता है, लेकिन डेटा अक्सर 4G पर ही चलता है। इससे ग्राहक को पूरा 5G फायदा नहीं मिलता। दूसरी तरफ, जियो ने 5G एसए यानी स्टैंडअलोन तकनीक अपनाई है। यह पूरी तरह नया और अलग नेटवर्क है, जो 4G से अलग है। जियो ने 700 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल किया है, जो घर के अंदर भी अच्छी पहुंच देता है। जब जियो के फोन पर 5G दिखता है तो ग्राहक को पक्का 5G डेटा ही मिलता है।

    एक्सपर्ट क्या बोले?

    ओपनसिग्नल की सीनियर डायरेक्टर सिल्विया केचिचे ने कहा कि जियो की स्टैंडअलोन तकनीक और 700 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की वजह से फोन पूरे डेटा सेशन में 5G पर बना रहता है। इससे कवरेज सीधे बेहतर अनुभव में बदल जाता है। उन्होंने बताया कि एयरटेल की एनएसए तकनीक में 5G नेटवर्क 4G पर निर्भर रहता है, जिससे चलते समय या ज्यादा डेटा इस्तेमाल में बार-बार 4G पर स्विच हो जाता है।

    वोडाफोन आइडिया की स्थिति

    वोडाफोन आइडिया अभी 5G में नई है। उसकी 5G उपलब्धता 32.5 प्रतिशत और 5G पर बिताया समय सिर्फ 9.7 प्रतिशत है। उसकी स्पीड 138.1 Mbps है, जो 4G से छह गुना तेज है। लेकिन वह जियो और एयरटेल से काफी पीछे है।

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