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  • भारत को Apple बनाएगा टेक हब, iPhone के बाद अब चिप्स भी करेगा असेंबल, China को लगेगा बड़ा झटका

    अब ऐपल भारत में सिर्फ iPhone असेंबल करने तक सीमित नहीं रहना चाहता। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक,(REF.) ऐपल भारतीय चिप निर्माताओं के साथ बातचीत के दौर में है। दरअसल ऐपल भारत में ही चिप्स जैसे अहम कंपोनेंट्स को असेंबल और पैकेज करने की दिशा में बढ़ना चाह रहा है। अगर इस पर आगे काम


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    By Azad Hind Desk दिसम्बर 18, 2025
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    अब ऐपल भारत में सिर्फ iPhone असेंबल करने तक सीमित नहीं रहना चाहता। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक,(REF.) ऐपल भारतीय चिप निर्माताओं के साथ बातचीत के दौर में है। दरअसल ऐपल भारत में ही चिप्स जैसे अहम कंपोनेंट्स को असेंबल और पैकेज करने की दिशा में बढ़ना चाह रहा है। अगर इस पर आगे काम होता है, तो यह भारत के सेमीकंडक्टर सेक्टर के लिए बड़ी उपलब्धि हो सकती है। रिपोर्ट की मानें, तो इससे भारत की टेक मैन्युफैक्चरिंग क्षमता मजबूत होगी। साथ ही अमेरिका भी चीन पर अपनी निर्भरता को कम कर पाएगा।

    भारत में पहली बार चिप पैकेजिंग पर विचार

    Economic Times की रिपोर्ट के अनुसार,(REF.) भारत में पहली बार चिप की असेंबली और पैकेजिंग पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। ऐसी भी खबरें हैं कि चिप असेंबली और पैकेजिंग का काम गुजरात के सानंद में बनने वाली एक फैक्ट्री में किया जा सकता है।

    हालांकि अभी इस बात को लेकर साफ जानकारी नहीं है कि भारत में कौन-सी चिप्स असेंबल या पैकेज होंगी लेकिन रिपोर्ट्स की मानें, तो ये डिस्प्ले से जुड़ी चिप्स हो सकती हैं। इस कदम से भारत को ग्लोबल इलेक्ट्रॉनिक्स सप्लाई चेन में और मजबूत जगह दिला सकता है।

    कहां हो सकता है चिप असेंबली का काम

    रिपोर्ट के मुताबिक Apple ने मुरुगप्पा ग्रुप की कंपनी CG Semi से इस बारे में बातचीत की है। CG Semi गुजरात के सानंद में एक OSAT (आउटसोर्स्ड सेमीकंडक्टर असेंबली एंड टेस्ट) फैक्ट्री बना रही है। हालांकि फिलहाल इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है।

    रिपोर्ट्स के मुताबित Apple और CG Semi दोनों ने इस पर किसी भी तरह का कमेंट करने से इंकार किया है। CG Semi का कहना है कि वह बाजार में चल रही अटकलों या किसी खास ग्राहक के साथ बातचीत पर टिप्पणी नहीं करती और जब कुछ ठोस होगा, तभी जानकारी शेयर की जाएगी।

    चीन पर निर्भर नहीं रहना चाहता ऐपल

    ऐपल लंबे समय से अपनी मैन्युफैक्चरिंग रणनीति में बदलाव कर रहा है। कंपनी पहले ही यह लक्ष्य लेकर चल रही है कि 2026 के आखिर तक अमेरिका में बिकने वाले सभी आईफोन भारत में बनें। इसकी वजह चीन पर अमेरिका की ओर से ही लगाया गया भारी-भरकम टैरिफ है।

    अप्रैल में अमेरिका ने भारत से आने वाले सामान पर 26% टैक्स लगाया था, जबकि चीन से आने वाले प्रोडक्ट्स पर यह 100% से ज्यादा था। हालांकि बाद में ज्यादातर टैरिफ अस्थायी रूप से रोक दिए गए, लेकिन चीन पर शुल्क जारी है। ऐसे में भारत Apple के लिए एक सुरक्षित और रणनीतिक विकल्प बनता जा रहा है।

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