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  • भारत में घुसने की फिराक में रोहिंग्या मुस्लिम, बांग्लादेश हिंसा के पीछे बड़े खेल की तैयारी!

    ढाका: बांग्लादेश इस समय भारी उथलपुथल और हिंसा के दौर से गुजर रहा है। राजधानी ढाका समेत देश के बड़े हिस्से में कानून व्यवस्था चरमराई हुई है। बांग्लादेश में फैली अव्यवस्था ने भारत के लिए कई चिंताओं को जन्म दिया है। इसमें एक बड़ी चिंता रोहिंग्याओं को लेकर है। खुफिया सूत्रों का मानना है कि


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    By Azad Hind Desk दिसम्बर 22, 2025
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    ढाका: बांग्लादेश इस समय भारी उथलपुथल और हिंसा के दौर से गुजर रहा है। राजधानी ढाका समेत देश के बड़े हिस्से में कानून व्यवस्था चरमराई हुई है। बांग्लादेश में फैली अव्यवस्था ने भारत के लिए कई चिंताओं को जन्म दिया है। इसमें एक बड़ी चिंता रोहिंग्याओं को लेकर है। खुफिया सूत्रों का मानना है कि बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति का फायदा उठाकर रोहिंग्या भारत में एंट्री कर सकते हैं। बांग्लादेश में बड़ी संख्या संख्या में रोहिंग्या शरणार्थी हैं तो म्यांमार में जारी गृहयुद्ध के चलते वहां से भी बड़ी संख्या में रोहिंग्या मुस्लिम निकलना चाहते हैं। ऐसे में मौजूदा हिंसा की आड में बड़ा ‘खेल’ किया जा सकता है।

    न्यूज18 की रिपोर्ट के मुताबिक, टॉप इंटेलिजेंस सूत्रों ने कहा कि बांग्लादेश का मौजूदा संकट भारत के लिए रोहिंग्या के आने का कारण बन सकता है। अस्थिरता के कारण सीमा पर कोऑर्डिनेशन कम हो गया है। भारतीय रियल टाइम इंटेलिजेंस शेयरिंग काम नहीं कर रही है। यह भारत में रोहिंग्या के आने के जोखिम को बढ़ाती है।

    रोहिंग्या भारत में कैसे घुसते हैं

    खुफिया सूत्रों का कहना है कि ज्यादातर रोहिंग्या पश्चिम बंगाल में नदी के रास्ते तो असम और त्रिपुरा में जंगल के रास्तों का इस्तेमाल घुसपैठ के लिए करते हैं। रोहिंग्याओं को कुछ गुट जाली दस्तावेजों और तस्करी के रास्तों का इस्तेमाल करके भारत, मलेशिया और खाड़ी देश भेजने के काम में जुटे हैं।

    भारतीय एजेंसियों ने असम, पश्चिम बंगाल, जम्मू, दिल्ली और हैदराबाद में रोहिंग्या से जुड़ी कई गिरफ्तारियां की हैं। यह इस बात की पुष्टि करता है कि बांग्लादेश के कैंप पहले से ही भारत में अवैध प्रवेश के लिए फीडर जोन के रूप में काम कर रहे हैं। ये समूह सुरक्षा, पैसा या वैचारिक मकसद दे रहे हैं।

    जाली आधार का नेटवर्क

    रोहिंग्याओं के भारत आने का एक और आसान रास्ता जाली आधार नेटवर्क है। यह भारत में पहचान को काफी मुश्किल बना देता है। सूत्रों का कहना है कि रोहिंग्या प्रवासी शहरी इलाकों में तेजी से बस रहे हैं। वे अनौपचारिक मजदूर बाजारों में काम करते हैं, जहां वेरिफिकेशन काफी कमजोर होता है।

    सूत्रों का कहना है कि रोहिंग्याओं को कट्टरपंथी गुट हिंसा फैलाने का हथियार बना रहे हैं। ऐसे में रोहिंग्याओं की भारत में एंट्री दोहरी चिंता का सबब है। रोहिंग्याओं की भारत में बढ़ती संख्या सामाजिक तनाव और सुरक्षा में बदलाव का कारण बन सकती हैं। यह भविष्य में कई मुश्किल खड़ी करेगी।

    बांग्लादेश में हिंसा क्यों फैली

    बांग्लादेश में बीते हफ्ते फैली हिंसा की वजह युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या है। हादी बीते साल शेख हसीना सरकार के खिलाफ हुए आंदोलन का अहम चेहरा थे और फरवरी में होने वाले चुनाव में उतरने की तैयारी कर रहे थे। हादी की मौत के बाद ढाका समेत कई शहरों में तोड़फोड़ और आगजनी हुई है।

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