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  • भारत-रूस दोस्ती में जुड़ेगा नया आयाम, चेन्नई कॉरिडोर को लेकर मॉस्को का बड़ा ऐलान, बनेगा गेमचेंजर!

    मॉस्को: चेन्नई में रूसी कॉन्सल जनरल वालेरी खोजाएव ने अहम जानकारी देते हुए कहा है कि रूस लंबे समय से प्रतीक्षित चेन्नई-व्लादिवोस्तोक समुद्री कॉरिडोर (EMC) को जल्दी शुरू करेगा। इसे चालू करने के लिए रूस की ओर से सक्रिय रूप से काम किया जा रहा है। रूस के लिए यह एक ऐसा प्रोजेक्ट है, जिसे


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    By Azad Hind Desk दिसम्बर 20, 2025
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    मॉस्को: चेन्नई में रूसी कॉन्सल जनरल वालेरी खोजाएव ने अहम जानकारी देते हुए कहा है कि रूस लंबे समय से प्रतीक्षित चेन्नई-व्लादिवोस्तोक समुद्री कॉरिडोर (EMC) को जल्दी शुरू करेगा। इसे चालू करने के लिए रूस की ओर से सक्रिय रूप से काम किया जा रहा है। रूस के लिए यह एक ऐसा प्रोजेक्ट है, जिसे वह खासतौर से दक्षिण भारत के साथ व्यापार, लॉजिस्टिक्स और आर्थिक जुड़ाव को गहरा करने के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण मानता है।

    खोजाएव ने गुरुवार को कहा है कि प्रस्तावित समुद्री मार्ग EMC भारत के पूर्वी तट को रूस के सुदूर पूर्व से जोड़ेगा। यह एक बहुत ही आशाजनक अंतरराष्ट्रीय कॉरिडोर है, जिसमें भविष्य में काफी संभावनाएं हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मॉस्को इस मार्ग को जल्दी सक्रिय करने के लिए प्रतिबद्ध है।

    क्षेत्रीय कनेक्टिविटी का बनेगा गेटवे

    वालेरी खोजाएव ने कहा कि हम चेन्नई-व्लादिवोस्तोक कॉरिडोर को चालू करने के लिए काम कर रहे हैं क्योंकि यह ना केवल रूस के लिए बल्कि व्यापक क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के लिए भी एक गेटवे है। उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय आई है, जब रूस-भारत रणनीतिक साझेदारी के 25 साल पूरे हो रहे हैं।

    खोजाएव ने कहा कि दक्षिण भारत विशेष रूप से रेल आधुनिकीकरण, ऊर्जा और प्रौद्योगिकी में एक प्रमुख भूमिका निभाता है। इसे देखते हुए रूस की दक्षिण भारत में निवेश बढ़ाने की योजना है। कई भारतीय कंपनियां पहले से ही रूस के साथ जुड़ी हुई हैं। फार्मास्यूटिकल, जहाज और विमान निर्माण में काम हो रहा है।

    क्यों खास है EMC

    चेन्नई-व्लादिवोस्तोक समुद्री गलियारा (EMC) भारत और रूस के बीच व्यापार और कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए बनाया जा रहा नया समुद्री मार्ग है। यह भारत के चेन्नई पोर्ट को रूस के प्रशांत बंदरगाह व्लादिवोस्तोक से जोड़ता है। इस मार्ग से इन दोनों देशों के बीच यात्रा में लगने वाला समय 40 दिन से घटकर 21-24 दिन हो जाएगा।

    इस कॉरिडोर से दोनों देशों के व्यापार को सीधेतौर पर फायदा होगा क्योंकि कॉरिडोर के विकसित होने से शिपिंग टाइम और परिवहन लागत में कमी आएगी। चेन्नई-व्लादिवोस्तोक कॉरिडोर भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने का एक अहम केंद्र बन जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में रूस के दौरे पर चेन्नई-व्लादिवोस्तोक कॉरिडोर का प्रस्ताव रखा था।

    करीब हो गए रूस-भारत

    यह समुद्री कॉरिडोर मलक्का जलडमरूमध्य, दक्षिण चीन सागर और जापान सागर के रास्ते गुजरता है। यह रूट करीब 10,300 किलोमीटर लंबा है। अभी तक भारत सेंट पीटर्सबर्ग-मुंबई कॉरिडोर से व्यापार करता रहा है, जिसकी लंबाई 16,066 किमी है। चेन्नई-व्लादिवोस्तोक कॉरिडोर में यह दूरी 5,608 किमी घट जाती है।

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