एकतरफा पहल का दौर खत्म
खेल के मैदान से इतर कूटनीतिक गलियारों में हलचल पैदा करते हुए मोहसिन नकवी ने कहा कि पाकिस्तान ने हमेशा खेल की भावना को सर्वोपरि रखा है, लेकिन अब समय बदल गया है। उन्होंने कड़े शब्दों में टिप्पणी की कि पाकिस्तान अब किसी भी ऐसी एकतरफा पहल के पक्ष में नहीं है, जिसमें दूसरे पक्ष की ओर से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया न हो। उनका इशारा साफ था कि अगर टीम इंडिया पाकिस्तान का दौरा नहीं करती है, तो पाकिस्तान भी भविष्य के आयोजनों के लिए भारत के प्रति अपने रवैये पर पुनर्विचार करेगा।
सम्मान और बराटरी की शर्त
मोहसिन नकवी ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा, ‘अगर भारत हाथ मिलाने या द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने में कोई रुचि नहीं दिखाता है, तो पाकिस्तान भी इसके लिए उत्सुक नहीं रहेगा।’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान क्रिकेट की अपनी एक गरिमा है और वह अब किसी भी समझौते के लिए झुकने को तैयार नहीं है। नकवी का मानना है कि दोनों देशों के बीच क्रिकेट संबंधों का भविष्य केवल दो स्तंभों पर टिका होना चाहिए, बराबरी और सम्मान।
तनाव के साये में भविष्य का क्रिकेट
गौरतलब है कि BCCI ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए लगातार पाकिस्तान की धरती पर खेलने से इनकार किया है। इसी कारण एशिया कप और चैंपियंस ट्रॉफी जैसे बड़े टूर्नामेंट हाइब्रिड मॉडल के तहत आयोजित करने पड़े थे। नकवी के इस नए और आक्रामक रुख ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के सामने भी नई चुनौतियां पेश कर दी हैं। उनके बयान से यह स्पष्ट है कि पाकिस्तान अब वेट एंड वॉच की नीति छोड़कर जैसे को तैसा वाली रणनीति अपनाने की दिशा में कदम बढ़ा चुका है। इस बयान ने स्पष्ट कर दिया है कि क्रिकेट के मैदान पर एशिया के इन दो दिग्गजों के बीच की जंग अब केवल गेंद और बल्ले तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आत्मसम्मान और कूटनीतिक बराबरी की लड़ाई बन चुकी है।














