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  • मुस्लिम देश ओमान में है खाड़ी का सबसे पुराना हिंदू मंदिर, शिव और कृष्ण का चलता है राज

    नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में खाड़ी के एक मुस्लिम देश ओमान गए थे, जहां हिंदू धर्म ओमान का दूसरा सबसे बड़ा धर्म है। इसका पालन इसकी 5.5% आबादी करती है। सदियों से, मस्कट विभिन्न व्यापारों में लगे हिंदू व्यापारियों को आकर्षित करता रहा है, जिनमें मोती और अनाज शामिल हैं। हिंदू धर्म


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    By Azad Hind Desk दिसम्बर 22, 2025
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    नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में खाड़ी के एक मुस्लिम देश ओमान गए थे, जहां हिंदू धर्म ओमान का दूसरा सबसे बड़ा धर्म है। इसका पालन इसकी 5.5% आबादी करती है। सदियों से, मस्कट विभिन्न व्यापारों में लगे हिंदू व्यापारियों को आकर्षित करता रहा है, जिनमें मोती और अनाज शामिल हैं। हिंदू धर्म सर्वप्रथम 1507 में ओमान पहुंचा, जब गुजरात के कच्छ इलाके के हिंदू मस्कट पहुंचे। इसी के बाद से ओमान में भारतीयों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। आज ओमान में भारतीय अच्छे पदों पर हैं और ओमान की अर्थव्यवस्था को काफी फायदा पहुंचा रहे हैं। गल्फ में ओमान वैसे भी भारत का अरसे से भरोसेमंद साथी रहा है। इसी ओमान में खाड़ी के सबसे पुराने हिंदू मंदिरों में से एक मोतीश्वर मंदिर है।

    ओमान में करीब 5.5 फीसदी हिंदू आबादी

    विकीपीडिया के अनुसार, 19वीं शताब्दी के आरंभ में ओमान में कम से कम 4,000 हिंदू थे। 1895 में, मस्कट में हिंदुओं की आबादी पर इबादियों ने हमला किया और 1900 तक हिंदुओं की संख्या घटकर 300 रह गई। ओमान की स्वतंत्रता के समय, केवल कुछ दर्जन हिंदू ही बचे थे। अल-वालजात और अल-बन्यान के ऐतिहासिक इलाके अब हिंदुओं के कब्जे में नहीं हैं। ओमान मध्य पूर्व का एकमात्र देश है जहां स्वदेशी हिंदू आबादी है। ओमान में ऐसे कम से कम 1,000 हिंदू हैं जिनके पास ओमानी नागरिकता है। अमेरिकी जांच एजेंसी CIA के अनुसार, ओमान में 259,780 हिंदू हैं, जो वहां की जनसंख्या का 5.5% हैं। ओमान की कुल आबादी करीब 55 लाख है। 85 से 95 फीसदी आबादी मुसलमान है, जिनमें से अधिकतर सुन्नी मुस्लिम हैं।

    ओमान में शिव और कृष्ण का चलता है राज

    ओमान में दो आधिकारिक रूप से मान्यता प्राप्त हिंदू मंदिर हैं। मस्कट में मोतीश्वर मंदिर। यह एक शिव मंदिर है, जो मध्य पूर्व क्षेत्र के सबसे पुराने हिंदू मंदिरों में से एक है। दूसरा-कृष्ण मंदिर है, जो मस्कट में भी स्थित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 फरवरी 2018 को ओमान की राजकीय यात्रा के दौरान मंदिर का दौरा किया था। उस दौरान उन्होंने मंदिर में अभिषेक किया आौर मंदिर प्रबंधन समिति के सदस्यों से बातचीत की थी।

    महाशिवरात्रि पर होती है सबसे ज्यादा भीड़

    मोतीश्वर मंदिर, ओमान के पुराने मस्कट के मुत्तराह क्षेत्र में अल आलम महल के पास स्थित एक शिव मंदिर परिसर है। इस मंदिर में वसंत पंचमी, रामनवमी, हनुमान जयंती, श्रावण और गणेश चतुर्थी जैसे कई हिंदू त्योहार मनाए जाते हैं। महाशिवरात्रि के दौरान 20,000 से अधिक हिंदू मंदिर में दर्शन करने आते हैं।

    किसने बनवाया था यह हिंदू मेंदिर

    माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 1909 में ओमान के थट्टा के भाटिया (सिंध, पाकिस्तान) समुदाय द्वारा किया गया था। सिंध, पाकिस्तान से भाटिया समुदाय सबसे पहले 1507 में मस्कट में आकर बसा था। वहीं, गल्फ न्यूज के अनुसार, इसका निर्माण 125 वर्ष पूर्व गुजरात के व्यापारी समुदाय द्वारा कराया गया था और बाद में 1999 में इसका जीर्णोद्धार किया गया।

    मोतीश्वर मंदिर परिसर में है तीन मंदिर

    इस परिसर में तीन मंदिर हैं – श्री आदि मोतीश्वर महादेव मंदिर, श्री मोतीश्वर महादेव मंदिर और श्री हनुमानजी मंदिर। हालांकि, मस्कट एक रेगिस्तान है, मगर मंदिर के कुएं में साल भर पानी रहता है। मंदिर में तीन पुजारी, तीन सहायक कर्मचारी और चार प्रशासनिक कर्मचारी हैं। साथ ही बड़ी संख्या में स्वयंसेवक भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

    मंदिर में तीन देवता विराजमान

    मंदिर में तीन देवता विराजमान हैं। विशेष अवसरों पर 15,000 से अधिक श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, 143 वर्ष पूर्व रामदास ठक्करसे ने रणनीतिक बंदरगाहों तक त्वरित पहुंच के लिए अपने बढ़ते कारोबार को मस्कट में स्थानांतरित करने हेतु तटीय शहर मांडवी से यात्रा शुरू की थी। उनके पूर्वज, मांडवी के नाव व्यापारी, 1800 के दशक के मध्य में सुर में उतरे थे। व्यापारी के रूप में, वे भारत से अनाज, चाय और मसाले लाते थे और ओमान सल्तनत से खजूर, सूखा नींबू और लोहबान ले जाते थे।

    खिमजी रामदास ने ओमान में शुरू किया बड़ा कारोबार

    उस समय मस्कट एक बहुत ही सक्रिय बंदरगाह था। थैकरसे के बेटे खिमजी रामदास ने उनका अनुसरण किया और साथ मिलकर उन्होंने एक वैश्विक उद्यम की नींव रखी, जो आज ओमान के सबसे बड़े व्यापारिक समूहों में से एक है। खिमजी रामदास समूह की कंपनी पीढ़ी दर पीढ़ी चलती रही और 1970 में, थैकरसे के परपोते, कनकसी खिमजी ने मुंबई में अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद अपने पिता, गोकलदास से कार्यभार संभाला। आज, 1 अरब डॉलर से अधिक के वार्षिक कारोबार के साथ, यह समूह उपभोक्ता उत्पादों, जीवनशैली, बुनियादी ढांचे, परियोजनाओं और लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में 400 से अधिक शीर्ष वैश्विक ब्रांडों का पसंदीदा भागीदार है। इसके भारत और संयुक्त अरब अमीरात में भी व्यावसायिक परिचालन हैं और यह विश्व आर्थिक मंच का एक कॉर्पोरेट सदस्य है।

    पहली बार किसी हिंदू समुदाय को मिली शेख की उपाधि

    हालांकि, खिमजी के परोपकार ने ही उन्हें विश्व भर में एक महान व्यक्तित्व बना दिया है। 1975 में, अपने पिता गोकलदास से कार्यभार संभालने के महज पांच साल बाद कनकभाई ने मस्कट में पहला अंग्रेजी भारतीय विद्यालय स्थापित किया। आज ओमान में लगभग 35,000 छात्रों को शिक्षा प्रदान करने वाले 19 भारतीय विद्यालय हैं। संभवतः उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि सुल्तान द्वारा उन्हें प्रदान की गई शेख की उपाधि है, जो हिंदू समुदाय के किसी सदस्य को दी गई पहली उपाधि थी।

    भारत-ओमान व्यापार करीब 11 बिलियन डॉलर का

    वित्त वर्ष 2024-25 में भारत और ओमान के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगभग 10.6 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया, जिसमें ऊर्जा और उर्वरक आयात के कारण भारत को व्यापार घाटा हुआ। वहीं, ओमान को भारत का निर्यात अपेक्षाकृत विविध है, लेकिन पेट्रोलियम उत्पाद, प्रसंस्कृत खनिज, बासमती चावल जैसी कृषि वस्तुएं और कुछ चुनिंदा विनिर्माण श्रेणियों में केंद्रित है। ओमान से भारत द्वारा किए लाने वाले आयात में कच्चे तेल, पेट्रोलियम गैस, उर्वरक, अमोनिया और रासायनिक उत्पादों का वर्चस्व है।

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