सऊदी अरब ने हथियार भेजने से इनकार किया
सऊदी अरब का कहना है कि यूएई ने वहां बख्तरबंद वाहन और हथियार भेजे थे। यूएई ने हथियार भेजने के आरोप से इनकार किया, लेकिन वाहनों की खेप भेजने की बात स्वीकार की। यूएई ने कहा कि ये वाहन उसकी अपनी सेनाओं के लिए थे, हालांकि उसने इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी। यूएई ने इससे पहले ही यमन से अपनी सेनाओं को काफी हद तक वापस बुला लिया था।
सऊदी के खिलाफ किसी कोशिश का हिस्सा नहीं
UAE के विदेश मंत्रालय ने यह भी साफ किया कि देश सऊदी अरब को कमजोर करने की किसी भी क्षेत्रीय कोशिश का हिस्सा नहीं है। बयान में कहा गया, “UAE यमनी पार्टियों के बीच तनाव में उसे शामिल करने की किसी भी कोशिश को पूरी तरह से खारिज करता है और किसी भी यमनी पार्टी पर दबाव डालने या उसे सैन्य अभियान चलाने का निर्देश देने के आरोपों की निंदा करता है, जो सऊदी अरब की सुरक्षा को खतरे में डालते हैं या उसकी सीमाओं को निशाना बनाते हैं।” उसने आगे कहा, “संयुक्त अरब अमीरात सऊदी अरब की सुरक्षा और स्थिरता के प्रति अपनी लगातार प्रतिबद्धता, उसकी संप्रभुता और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए पूरे सम्मान और किंगडम या क्षेत्र की सुरक्षा को खतरे में डालने वाली किसी भी कार्रवाई को खारिज करने की पुष्टि करता है।”
यूएई ने यमन में सैनिकों की तैनाती पर यह कहा
UAE के रक्षा मंत्रालय ने कहा, “संयुक्त अरब अमीरात 2015 से यमन में वैधता का समर्थन करने, आतंकवादी संगठनों से निपटने के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों में सहयोग देने और मित्रवत देश यमन के लिए सुरक्षा और स्थिरता प्राप्त करने के लिए अरब गठबंधन में शामिल रहा है। इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए संयुक्त अरब अमीरात के सपूतों ने महान बलिदान दिए हैं। संयुक्त अरब अमीरात के सशस्त्र बलों ने आधिकारिक तौर पर तय किए गए कार्यों को पूरा करने के बाद 2019 में यमन गणराज्य में अपनी सैन्य उपस्थिति समाप्त कर दी। शेष उपस्थिति आतंकवाद-विरोधी प्रयासों के अंतर्गत विशेष टीमों तक सीमित थी और संबंधित अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के समन्वय में कार्यरत थी।”
सैनिकों को वापस बुलाएगा यूएई
बयान में आगे कहा गया “रक्षा मंत्रालय ने अपने कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए और संबंधित साझेदारों के समन्वय से, यमन में शेष आतंकवाद-विरोधी टीमों को अपनी इच्छा से समाप्त करने की घोषणा की है। यह उपाय वर्तमान चरण की आवश्यकताओं के व्यापक मूल्यांकन के ढांचे के अंतर्गत आता है, और यह क्षेत्र की सुरक्षा क्षमता को समर्थन देने में संयुक्त अरब अमीरात की प्रतिबद्धताओं और उसकी भूमिका के अनुरूप है।”













