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  • रूस से आई खुशखबरी, भारत संग जल्‍द हो सकता है फ्री ट्रेड एग्रीमेंट, अमेरिका को बड़ा झटका

    मॉस्को: रूस ने उम्मीद जताई है कि जल्द ही भारतीय प्रोडक्ट रूसी दुकानों पर ज्यादा मात्रा में आएंगे। रूसी उप प्रधानमंत्री एलेक्सी ओवरचुक ने कहा है कि हम भारत के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर बातचीत कर रहे हैं। पहले राउंड की बैठक हाल में ही हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत


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    By Azad Hind Desk दिसम्बर 24, 2025
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    मॉस्को: रूस ने उम्मीद जताई है कि जल्द ही भारतीय प्रोडक्ट रूसी दुकानों पर ज्यादा मात्रा में आएंगे। रूसी उप प्रधानमंत्री एलेक्सी ओवरचुक ने कहा है कि हम भारत के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर बातचीत कर रहे हैं। पहले राउंड की बैठक हाल में ही हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत एक बहुत बड़ा बाजार है। एक तेजी से विकसित होने वाला, तेजी से बढ़ता हुआ बाजार। साथ ही यह एक ऐसा देश है जो हमारे बहुत करीब और दोस्त है। इसलिए वे भी हमारे साथ काम करना चाहते हैं। हमारे साथ व्यापार करना चाहते हैं और यह सब कुछ खास एग्रीमेंट्स के जरिए कंफर्म होगा। इस सौदे को अमेरिका के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, जिसने भारत पर भारी-भरकम टैरिफ लगाया है।

    भारत-रूस फ्री ट्रेड एग्रीमेंट

    वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने घोषणा की थी कि भारत रूस के नेतृत्व वाले यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन (ईएईयू) के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के लिए औपचारिक वार्ता शुरू कर रहा है। भारत रूस, आर्मेनिया, बेलारूस, कजाकिस्तान और किर्गिस्तान से मिलकर बने पांच सदस्यीय ईएईयू के साथ एफटीए पर चर्चा कर रहा है। शर्तों में 18 महीने का एक रोडमैप तैयार किया गया है, जिसका उद्देश्य भारतीय व्यवसायों, विशेष रूप से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों, किसानों और मछुआरों के लिए नए बाजार खोलना है।

    भारत-रूस संबंध

    भारत और रूस लंबे समय से एक दूसरे के साझेदार हैं। इस साझेदारी को कोई बार समय की कसौटी पर परखा जा चुका है। अक्टूबर, 2000 में भारत-रूस सामरिक भागीदारी घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करने के बाद से भारत-रूस संबंधों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, जिसमें राजनीतिक, सुरक्षा, रक्षा, व्यापार और अर्थव्यवस्था, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, संस्कृति और लोगों के बीच परस्पर सहयोग शामिल है। दिसंबर 2010 में, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों ने इस साझेदारी को “विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी” के स्तर तक बढ़ाया गया था। इस साझेदारी के तहत सहयोग गतिविधियों पर नियमित परस्पर बातचीत और सहयोग कार्यकलाप सुनिश्चित करने के लिए राजनीतिक और आधिकारिक दोनों स्तरों पर कई संस्थागत संवाद तंत्र काम करते हैं।

    भारत रूस व्यापारिक संबंध

    व्यापार और आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लिए सरकार के स्तर पर प्राथमिक तंत्र व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक सहयोग के लिए भारत-रूस अंतर सरकारी आयोग (आईआरआईजीसी-टीईसी) है, जिसकी सह-अध्यक्षता भारत की ओर से विदेश मंत्री और रूस की ओर से प्रथम उपप्रधानमंत्री करते हैं। आईआरआईजीसी-टीईसी का 26वां सत्र 20 अगस्त 2025 को मॉस्को में आयोजित किया गया था और इसमें टैरिफ एवं गैर-टैरिफ व्यापार बाधाओं को दूर करने, लॉजिस्टिक्स की बाधाओं को दूर करने, कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने, भुगतान तंत्र को सुचारू रूप से प्रभावी बनाने, 2030 तक आर्थिक सहयोग कार्यक्रम को समय पर अंतिम रूप देने और निष्पादन पर ध्यान केंद्रित किया गया था। सत्र में भारत-यूरेशियन आर्थिक संघ एफटीए के शीघ्र समापन पर भी जोर दिया गया था।

    भारत-रूस व्यापार का लक्ष्य

    भारत और रूस 2030 तक 100 बिलियन अमेरिकी डालर के द्विपक्षीय व्यापार लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। इसके अलावा दोनों देश अपने नेताओं द्वारा निर्धारित महत्वाकांक्षी लक्ष्यों : 2025 तक 50 बिलियन डॉलर का आपसी निवेश और 2030 तक वार्षिक द्विपक्षीय व्यापार में 100 बिलियन डॉलर की दिशा में काम कर रहे हैं। द्विपक्षीय व्यापार तेजी से बढ़ा है और वित्त वर्ष 2024-25 में रिकॉर्ड 68.7 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है, जिसमें भारतीय निर्यात 4.9 बिलियन डॉलर (मुख्य रूप से फार्मास्यूटिकल्स, रसायन, लोहा एवं इस्पात और समुद्री उत्पाद) तथा रूस से 63.8 बिलियन डॉलर (मुख्य रूप से कच्चा तेल और पेट्रोलियम उत्पाद, सूरजमुखी तेल, उर्वरक, कोकिंग कोल और कीमती पत्थर/धातु) का आयात है।

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