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  • संकट में Truecaller, CNAP फीचर के चलते भारत में नहीं रहेगी जरूरत? जानें पूरा सच

    जिस चीज के लिए अभी तक करोड़ों भारतीय यूजर्स TrueCaller ऐप का इस्तेमाल किया करते थे, उसे जल्द ही सरकार टेलीकॉम कंपनियों से CNAP के रूप में लागू करवाने वाली है। यानी कि अब अनजान नंबर से फोन पर कॉल आने पर आपको कॉलर का नाम भी दिखाई देगा और इसके लिए किसी अलग ऐप


    Azad Hind Desk अवतार
    By Azad Hind Desk दिसम्बर 21, 2025
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    जिस चीज के लिए अभी तक करोड़ों भारतीय यूजर्स TrueCaller ऐप का इस्तेमाल किया करते थे, उसे जल्द ही सरकार टेलीकॉम कंपनियों से CNAP के रूप में लागू करवाने वाली है। यानी कि अब अनजान नंबर से फोन पर कॉल आने पर आपको कॉलर का नाम भी दिखाई देगा और इसके लिए किसी अलग ऐप का इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं रहेगी।

    ऐसा इसलिए क्योंकि CNAP सीधे मोबाइल नेटवर्क पर मौजूद होगा। सरकार का मकसद इसे लागू करके स्पैम कॉल कम करना और यूजर्स को ज्यादा सुरक्षित बनाना है। ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि क्या CNAP की वजह से लोगों के लिए TrueCaller किसी काम का नहीं रहेगा? चलिए डिटेल में इस बारे में जानते हैं।

    क्या है CNAP और कैसे काम करेगा?

    CNAP यानी कि Calling Name Presentation नेटवर्क-लेवल पर उपलब्ध एक फीचर है, जिसकी मदद से आपके फोन पर आने वाले कॉल पर नंबर की जगह सामने वाले का नाम दिखाई देगा। इसके लिए न तो किसी ऐप को इंस्टॉल करना पड़ेगा और न ही किसी ऐप को अपनी प्राइवेसी से जुड़ी परमिशन देनी होंगी। ऐसे में संभव है कि इस काम के लिए लोग अलग से किसी भी ऐप का इस्तेमाल करना जरूरी न समझें।

    Truecaller पर CNAP से पड़ेगा असर?

    TrueCaller के भारत में करीब-करीब 25 करोड़ यूजर्स हैं। ज्यादातर लोग इस ऐप का इस्तेमाल फोन पर आने वाले कॉलर्स का नाम जानने के लिए करते हैं। अब जब यह काम CNAP के जरिए बिना किसी ऐप को डाउनलोड किए हो पाएगा, तो लोगों के पास इस ऐप को फोन में रखने की जरूरत नहीं बचेगी।

    फिलहाल जब भी कोई अपना नया फोन सेटअप करता है, तो वह अलग से Truecaller को सर्च करके इंस्टॉल जरूर करता है। वहीं CNAP की वजह से ऐसा करने की जरूरत खत्म हो जाएगी। इससे Truecaller के बिजनेस मॉडल पर भी बड़ा प्रभाव पड़ेगा क्योंकि उसका मुख्य फीचर टेलीकॉम कंपनियां उपलब्ध कराएंगी।

    CNAP या Truecaller कौन होगा ज्यादा भरोसेमंद?

    Truecaller और CNAP में एक बड़ा फर्क ये है कि जहां CNAP कॉल करने वाले के KYC डेटा का इस्तेमाल यूजर को उसका नाम बताने के लिए करता है, वहीं Truecaller में नाम अक्सर यूजर्स द्वारा डाले गए यानी कि क्राउडसोर्स्ड होते हैं।

    कहने का मतलब साफ है कि CNAP के तहत दिखने वाले नाम उस यूजर की आईडी पर आधारित होंगे और Truecaller के मुकाबले ज्यादा सही होंगे। जबकि Truecaller में दिखने वाले नाम गलत हो सकते हैं। ऐसे में हर लिहाज से CNAP, Truecaller के मुकाबले ज्यादा बेहतर साबित होगा। अब भविष्य में लोग Truecaller ऐप का इस्तेमाल करना जारी रखते हैं या नहीं यह समय बताएगा। वहीं एक्सपर्ट्स यह भी कहते हैं कि अगर समय रहते Truecaller ने अपने बिजनेस के मॉडल को बदल लिया, तो भी लोग उसका इस्तेमाल करना जारी रख सकते हैं।

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