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  • ‘सर आपकी पॉल‍िसी लैप्‍स हो गई…’, क्‍या आपके पास भी आ रहे ऐसे कॉल, हो जाएं सावधान..लग जाएगा चूना

    ‘सर, हमें आपकी लैप्स हो चुकी बीमा पॉलिसी में कुछ ऐसी राशि मिली है। जिस पर किसी ने दावा नहीं किया है। इस पर दावा करने के लिए हमें बस आपकी बैंक डिटेल चाहिए। जी हां! अगर इस तरह अनजान नंबर से कोई कॉल आए तो सावधान हो जाएं। लैप्स हो चुकी बीमा पॉलिसियों के


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    By Azad Hind Desk दिसम्बर 15, 2025
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    ‘सर, हमें आपकी लैप्स हो चुकी बीमा पॉलिसी में कुछ ऐसी राशि मिली है। जिस पर किसी ने दावा नहीं किया है। इस पर दावा करने के लिए हमें बस आपकी बैंक डिटेल चाहिए। जी हां! अगर इस तरह अनजान नंबर से कोई कॉल आए तो सावधान हो जाएं। लैप्स हो चुकी बीमा पॉलिसियों के लिए खुद को IRDAI या इंश्योरेंस अधिकारी बताकर इन दिनों कॉल की जा रही है। ये पेंडिंग रिफंड का झांसा देते है। फिर प्रोसेसिंग चार्ज, फाइल एक्टिवेशन, NOC, GST, या RBI बॉन्ड के नाम पर आपके साथ स्कैम कर सकते हैं।

    ये स्कैमर शातिराना तरीके से इंश्योरेंस कंपनी के किसी कर्मचारी या उसकी वेबसाइट से डेटा निकाल लेते हैं। उसके बाद पॉलिसी धारक के पास डिटेल के साथ कॉल करते है। ताकि कॉल सुनने वाले को पूरी तरह यकीन हो जाए। ताजा मामले दिल्ली और मुंबई से जुड़े हैं। जहां दिल्ली में इस तरह से 1.3 लाख का फ्रॉड किया गया था। जिसमें पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया।

    ‘प्रोसेसिंग चार्ज’ के नाम पर ठग रहे पैसा

    इन्होंने IRDAI और इंश्योरेंस अधिकारी बनकर एक कैंसर पेशेंट से कहा कि उसका मेडिकल इंश्योरेंस रिफंड ‘प्रोसेसिंग चार्ज’ देने पर ही मिलेगा। इसी तरह दूसरा केस मुंबई का है, जहां 2.36 करोड़ का फ्रॉड किया गया। जिसमें एक रिटायर शख्स को कॉल करके साइबर ठगों ने IRDAI, NSDL और NPCI के अधिकारी बनकर बात की। सात लैप्स पॉलिसियों का रिफंड दिलाने का भरोसा दिया। बाद में ‘RBI क्लीयरेंस’, ‘बॉन्ड फीस’ और ‘टैक्स एडजस्टमेट’ के नाम पर लगातार पैसे लेते रहे। इनका टोटल 2.36 करोड़ का नुकसान कर दिया।

    स्कैमर मिलयूज करते हैं डेटा

    स्कैमर असली डेटा लीक कराके उसका मिसयूज करते है। लीक हुए डेटा की पॉलिसी की जानकारी, फर्जी KYC के नाम पर कॉल करते हैं। स्पूफ्ड नंबर, फर्जी आईडी से खुद को IRDAI का अधिकारी बताते हैं। फिर पॉलिसी नंबर, प्रीमियम, लैप्स डेट जैसी असली जानकारी बताते हैं। ताकि कस्टमर को भरोसा हो जाए। फिर करते हैं पैसे की डिमांड। बैंक ट्रांसफर/UPI या नकली रिफंड पोर्टल के जरिए यह फीस ली जाती है। बार-बार नए टैक्स का दावा किया जाता है। यह भी कहा जाता है कि फाइल RBI में अटकी है। उसके लिए TDS/GST/NOC देना होगा। एक बार स्कैम सक्सेस होने पर फोन बंद, वट्सऐप डिलीट कर देते हैं। फिर तुरंत पैसे निकाल लेते हैं।

    सुरक्षा चेकलिस्ट

    • याद रखे IRDAI कभी रिफंड के लिए कॉल नहीं करता
    • किसी भी बीमा रिफंड के लिए कोई टैक्स नहीं लगता
    • हर कॉल को बीमा कंपनी के आधिकारिक नंबर पर वेरिफाई करें
    • अपनी पॉलिसी डॉक्यूमेट किसीअनजान शख्स को साझा न करें
    • फ्रॉड होने पर तुरंत 1930 पर कॉल, cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें

    ‘दबाव बनाते हैं स्कैमर’

    IFSO DCP विनीत कुमार का कहना है कि पॉलिसी का लैप्स हो जाना बहुत आम बात है। कई लोगों ने किसी समय बीमा खरीदा होता है और बाद में निजी कारणों की वजह से प्रीमियम देना बंद कर दिया होता है। ऐसी सिचुएशन को स्कैमर भुनाने के लिए साइकोलॉजिकल प्रेशर बनाते है। कहते है यदि 24 घंटों के भीतर इस पैसे पर दावा नहीं किया गया तो इसे सरकार को सौंप दिया जाएगा। इस जल्दबाजी के कारण आपके पास कॉल करने वाले के दावों की पुष्टि करने का समय नहीं बचता। स्कैम खुद को अक्सर आईआरडीए (बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण) का अधिकारी बताते हैं। वे फर्जी फोन नंबरों का यूज करते है। इनके पास अक्सर आपके बारे में कुछ सटीक जानकारी होती है। जैसे आपका नाम, कि आपने कभी किसी विशेष कंपनी के साथ पॉलिसी ली थी, या अन्य डिटेल जो उनकी बातों से शक की गुंजाइश नहीं बनती। अगर कॉल करने वाला आपसे किसी भी तरह के प्रोसेसिंग चार्जेज मागता है तो सतर्क रहें।

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